जिन्नात की दुल्हन -15

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लखनपुर आते ही हम आपको नींद से जगा देंगे..! उसने अपनी समंदर से भी गहेरी आँखे अमन पर टीकाई..! पता है अमन.! हमारी लाईफ मे खलिल न होते तो हम आप पर जान कुरबान कर देते..! जिया ने भावुक होकर ईतना कहा था!अमन का दिल मानो तर हो गया! बस मुजे सबकुछ मिल गया जिया..! अमन बोला था मुझे रब से या आपसे कोई शिकायत नही अब..! आप के दिल मे जरा सी जगह पा ली उससे बडी दौलत हमारे लिये कोई नही है..! अब जिंदगी आसान हो गई..! प्लीज आप सो जाओ..! अमन ने बीना झिझक जिया की आँखो पर हाथ रखा! जिया ने पलके झुका ली थी.! जिया की नजदिकियां से अमन को सूकुन मिला था.. !