क्या यही प्यार है.....? क्लास नॉर्सरी से आठवीं तक की पढ़ाई में काफ़ी नियम और क़ानून थे, वजह ये थी कि स्कूल स्वामी दीपनंद जी का था जिन्होंने समाज में अपनी छवि महान साध्विक जीवन जी कर बनाई थी उनके अनुयायी लाखों में थे और है भी स्कूल भारती निकेतन जो उसूलों और संस्कारो में पक्का भारतीय..... सुबह 7 बजे स्कूल शरू होता था जिसमें सबसे पहले बन्दे मातरम और फिर हनुमान चालीसा मौजूदा शिक्षक शिक्षिकाओं को भैयाजी और दीदी कहा जाता था वही सहपाठिकाओं को बहन और दीदी..... आठवीं के बाद नए स्कूल में पहुँचे जहाँ का माहौल बेहद बदला था

Full Novel

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क्या यही प्यार है - 1

क्या यही प्यार है.....? क्लास नॉर्सरी से आठवीं तक की पढ़ाई में काफ़ी नियम और क़ानून थे, वजह ये कि स्कूल स्वामी दीपनंद जी का था जिन्होंने समाज में अपनी छवि महान साध्विक जीवन जी कर बनाई थी उनके अनुयायी लाखों में थे और है भी स्कूल भारती निकेतन जो उसूलों और संस्कारो में पक्का भारतीय..... सुबह 7 बजे स्कूल शरू होता था जिसमें सबसे पहले बन्दे मातरम और फिर हनुमान चालीसा मौजूदा शिक्षक शिक्षिकाओं को भैयाजी और दीदी कहा जाता था वही सहपाठिकाओं को बहन और दीदी..... आठवीं के बाद नए स्कूल में पहुँचे जहाँ का माहौल बेहद बदला था ...और पढ़े

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क्या यही प्यार है - 2

क्या यहीं प्यार हैं भाग-2 में ज़री है... दो दिन बाद शाबा के खत में कहे लफ्ज़ो के मुताबिक स्टेशन पहुंच गया था, उसदिन कई गाड़िया स्टेशन पर आई रुकी और अपनी मंज़िल के लिए गुज़र गई शाम हो चली थी लेकिन शाबा का पता नहीं था. मै न चाह कर भी घर की और चल दिया.... शाबा के घर पर ताला लगा था. तब यकीन हुआ कि वो आज नहीं आयी.... मन और दिल उसके आने की अगुआई में कल की योजना में लग गया.... और ऐसे ही हर रोज़ सिल सिला चलता रहा... और देखते देखते महीनों फिर साल गुज़र ...और पढ़े

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क्या यही प्यार है - 3

भाग 3 "क्या यही प्यार हैं "रात के बारह बज चुके थे.... मेरी दास्तां सुनकर हबलदार की हालत की हालत पतली दिखाई एक बाबरी का मसला कम था जो तू अपने बाबरे अरमानो को लेके यहां आ गया... अब कौनसा दंगा कराएगा तू... तो क्या सारी गलती मेरी हैं.. उसकी कोई नहीं.... जब मै प्यार व्यार के बारे मेँ कुछ भी नहीं जनता था तब उसने मुझें प्यार का ये रास्ता दिखाया.... तो फिर तू क्या चाहता हैं..? बस मै उससे मिलकर इतना पूछना चाहता हूं के उसने ऐसा क्यों किया...? मै ऐसे नहीं जाऊंगा.... ठीक हैं तो तू सच्चाई जाने बगैर नहीं जायेगा..? बिलकुल.... चल ...और पढ़े

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क्या यही प्यार है - 4 (अंतिम भाग)

खबरी... ये बतायेगा...क्या बात हैं मुन्ना भाई बतलाइये ना.... मेरी शाबा के बारे में....?मैने मुन्ना के हाथों को पकड़ते कहा था.....सर ये तो बुखार में तप रहा हैं.....ऐसे में इसको जानकारी देना ठीक रहेगा......मुन्ना ने सुमेर को देखते हुए बोला था.....सुमेर फौरन बेड़ से उठते हुए मुझे अपनी तरफ खीचते हुए बोला....औ.s.s.s.... बावरे इश्क के मरीज तूतो भौत इ तप रहा हैं...? फिर कैसे सुणेगा ...अ..आप बेफिक्र रहो मुझे कुछ नही होगा आप मुझें शाबा के बारे में बताओं.....क्या जानकारी हैं...? मैनें सुमेर से गिड़गिडाते हुए पूछा था.... समुेर ने मुन्ना को इशारा करते हुए कहां ....अब बता दे ...और पढ़े

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