मेरे प्रिय पाठकों मैं सुरेश कुमार मौर्य आप सभी का इस कहानी में स्वागत करता हूं । यह आधूरा प्रेम नामक किस्सा एक मनघडन कहानी है इसे मैने अपने मन हे सोच के और अपने हाथों से लिखा है ।अगर इसमें कोई गलती होगी तो अनजाने से हो गई होगी व इसलिए मुझे माफ कर देना ??? धन्यवाद ✍️✍️✍️ Suresh Maurya
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आधूरा प्रेम
मेरे प्रिय पाठकों मैं सुरेश कुमार मौर्य आप सभी का इस कहानी में स्वागत करता हूं । यह आधूरा नामक किस्सा एक मनघडन कहानी है इसे मैने अपने मन हे सोच के और अपने हाथों से लिखा है ।अगर इसमें कोई गलती होगी तो अनजाने से हो गई होगी व इसलिए मुझे माफ कर देना ??? धन्यवाद ✍️✍️✍️ Suresh Maurya ...और पढ़े
अधूरा प्रेम - भाग 2
वहां जाकर वो क्या कि एक बहुत पूराना टुटा फुटा खण्डर महल है उसके चारों तरफ कि पेड़ पौधे गए है ।वह महल के अंदर गया क्योंकि आवाज अंदर से आ रही थी।वह महल का दरवाजा खोला तो तमाम पारसी फड़फड़ाते हुए बाहर उड़े !वह अन्दर गया ,कौ ,कौन है यहां पर ; वह चीखता हुआ चारों तरफ देख रहा था। वहां पर दिखा तो कोई नहीं मगर उसे बहुत सुंदर, सुनहरे रंग के एक स्त्री कि मुर्ती दिखाई दी।वह पास गया , कुछ देर तक ध्यान से देखता रहा ।कमाल है!इतने पूराने महल में सिर्फ ये प्यारी सी ...और पढ़े
अधूरा प्रेम - भाग - 3
फिर अंगध्वज और चन्द्रकिरण दोनो ने शादी कर लिये अग्नि के सामने सात फेरे लिये इन दोनो शादी तो कर लिए लेकिन दोस्तों जिसके किस्म्मत में जो लिखा होता है उसके साथ वही होता है , आज 500 साल बाद मिले थे लेकिन शायद भाग्य को कुछ और मंजूर था ! ऐसे ही कुछ इनके साथ भी हुआ । शादी होने के बाद ये दोनो बगीचे में घूमने गये । तो उन्हे एक आवाज सुनाई पडा ,टें ,टें , टें , उन्होंने नजर घूमाया तो क्या देखते हैं कि एक तोता झाडी में फंसा हुआ चीख रहा है । ...और पढ़े