(हॉरर ) गांव नरकटिया के दक्षिण कोने में एक पुराना पीपल का पेड़ था, जिसके नीचे कोई नहीं जाता था। उसकी शाखाएं आसमान से बातें करती थीं, और हवा से फुसफुसाती थीं। लोग कहते थे, “वो पीपल नहीं... वो क़ैद है — एक रूह की, जो आज भी बदला मांग रही है।” छाया। बीस साल पहले गांव की सबसे सुंदर और निडर लड़की। जिसकी मुस्कुराहट पर सारा गांव फिदा था। लेकिन छाया की एक गलती थी — उसने इंसाफ़ माँगा था। ठाकुर गोवर्धन और उसके चार साथियों ने गांव की पंचायत में ताकत का दुरुपयोग करते हुए उसके साथ दरिंदगी की, और फिर सबूत मिटाने के लिए उसे जिंदा उसी पीपल से बांधकर आग लगा दी।

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बदला - 1

️ पीपल का बदला – छाया अभी बाकी है...(हॉरर )गांव नरकटिया के दक्षिण कोने में एक पुराना पीपल का था, जिसके नीचे कोई नहीं जाता था। उसकी शाखाएं आसमान से बातें करती थीं, और हवा से फुसफुसाती थीं। लोग कहते थे, “वो पीपल नहीं... वो क़ैद है — एक रूह की, जो आज भी बदला मांग रही है।”छाया।बीस साल पहले गांव की सबसे सुंदर और निडर लड़की। जिसकी मुस्कुराहट पर सारा गांव फिदा था। लेकिन छाया की एक गलती थी — उसने इंसाफ़ माँगा था। ठाकुर गोवर्धन और उसके चार साथियों ने गांव की पंचायत में ताकत का दुरुपयोग ...और पढ़े

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बदला - 2

एक साल बाद.गांव नरकटिया अब शांत था। पीपल का पेड सूख गया था, और उसकी जडें जमीन में गहराई सिमट गई थीं। रुखसाना अब गांव की स्कूल में पढाने लगी थी, और जावेद शहर में नौकरी कर रहा था।लेकिन शांति हमेशा के लिए नहीं होती.नया गांव. नया डरगांव नरकटिया के पास ही एक दूसरा गांव था — बेलडिहा। वहां एक पुरानी हवेली थी, जिसे लोग“ भूली हवेली” कहते थे। बीस सालों से बंद पडी उस हवेली में अब एक परिवार आया — प्रोफेसर अमरनाथ अपनी पत्नी और बेटी संजना के साथ।संजना, बीस साल की तेज- तर्रार लडकी, शहर की ...और पढ़े

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