तेरे मेरे दरमियान

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शाम का समय था । जानवी अपने पापा अशोक मुखर्जी से अपने पसंद के लड़के से शादी करने की जिद कर रही थी । जिस कारण से अशोक अपनी एकलौती बेटी जानवी को डांटता है । अशोक धनबाद शहर का एक जाना माना शक्श है जिसकी शभी बहोत इज्जत करते है , अशोक अपनी बेटी जानवी को बहोत प्यार करता है , अशोक का काम बैंगलोर शहर मे भी जमा रखा है इसिलिए वो अपनी बेटी जानवी और पत्नी राधिका के साथ बैंगलोर शिफ्ट हो गया था। अशोक ने जानवी को बहोत लाड़ से पाला है इसिलिए अशोक चाहता है की उसकी बेटी की शादी एक अच्छे इंसान और एक अच्छे खानदान मे हो । अशोक अपनी बेटी जानवी के लिए एक अच्छे घर और खानदान से उसकी शादी का रिस्ता लाया है पर जानवी किसी और से प्यार करती है और उस लड़के को अशोक बिल्कुल भी पंसद नही करता है । जिसके कारण दोनो मे बहस होने लगती है ।

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तेरे मेरे दरमियान - 1

आदित्य जो भारत के सबसे अमिर घर का छोटा बेटा है जिसके मेहनत से उसने अपने पापा के डुबते को भारत के सबसे बड़ा कंपनी बना दिया । अब वो अपनी पहचान छुपाकर जी रहा है आम जिंदगी ताकी वो अपने दम पर कुछ बन सके । इसी सफर मे उसे प्यार मे धोका मिलता है । क्योकी मोनिका को आदित्य की सच्चाई का पता नही था , वो उसे एक मामुली इंसान समझती रही । इसी बिच आदित्य की मुलाकात जानवी से होती है जो स्टेट के आमिर अशोक की बेटी है । अशोक अपनी बेटी की शादी आदित्य से करा देता है । पर जानवी किसी और से प्यार करती है । पर दोनो मे एक डिल होती है के वो दोनो कभी पति पत्नी की तरह नही रहेगा । अब क्या होगा जब मोनिका को पता चलेगा आदित्य के रईस होने का । और क्या जानवी आदित्य से प्यार कर पाएगी ? जानने के लिए पड़िए पुरी कहानी । ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 2

आदित्य: - मोनिका मेरी बात सुनो । हेलो , हेलो । मोनिका ।मोनिका :- देखो आदित्य, मैं जानती हूँ तुम मुझसे बहोत प्यार करते हो । पर एक बार सोचो सिर्फ प्यार से घर नही चलता , सपने पुरे नही होते । इसके लिए पैसा चाहिए । जहां पैसा है वहीं सब कुछ है । और तुम तो जानते हो के तुम मेरे शौक पुरे नही कर सकते , इसिलिए इसे यही पर खतम करते है । बॉय ।इतना बोलकर मोनिका फोन को काट देता है । आदित्य फोन पर मोनिका मोनिका पुकारता है और मोनिका फोन कट कर ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 3

"इतना बोलकर जानवी फोन काट देती है । अशोक ये सब सुनकर हैरान था । जिस बेटी को उसने प्यार से पाला । आज उसी बेटी ने उसो छोड़ने का फैसला कर लिया । अशोक ये सब सौच ही रहा था के तभी विकास कहता है ।"विकास: - दैखा ना ससुर जी । आप खामखां मुझे दोष दे रहे थे । मैं कहां कुछ करता हूँ । जो करती है आपकी बेटी करती है ।अब घर जाओ और हो सके तो उसे रोक लेना । वरना मैं तो आज चला ।इतना बोलकर विकास उन लड़कियो के साथ अंदर चला ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 4

जानवी :- पापा ! पापा । ये क्या , ये सब कैसे हो गया ?अशोक :- कुछ नही बेटा अभी बिल्कुल ठिक हूँ । ये अगर नही होता । तो आज मैं भी नही होता ।अशोक आदित्य की और इशारा करके कहते है । जानवी आदित्य की और दैखती है । आदित्य का जबरदस्त पर्सेनालिटी दैखकर जानवी आदित्य को दैखती रह जाती है । जानवी आदित्य के पास जाती है और कहती है ।जानवी :- थैंक्यू सो मच । तुम्हारे वजह से मेरे पापा सही सलामत है ।आदित्य: - अपने पापा के लिए इतना प्यार है तो फिर उन्हें ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 5

अशोक की बात को सुनकर जानवी बहोत इमोशनल और कंफ्यूज हो जाती है । वो सौच मे पड़ जाती के वो क्या करे । इधर जानवी के पापा है तो उधर उसका प्यार विकाश । जिसे जानवी बेहद प्यार करती है । अशोक आदित्य के इस बेबाक अंदाज से बहोत हैरान हो जाता है । जो बात वो जानवी से कह नही पा रहा था वो आदित्य ने बिना किसी झिझक के कह डाला । अशोक मन ही मन सौचने लगता है काश ऐसा कोई लड़का उसका दामाद होता ।इधर आदित्य मोनिका के घर पहूँच जाता है । आदित्य ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 6

रेखा :- आप दोनो पागल हो गए हो । पैसे के चक्कर मे आदित्य जैसे लड़के को छोड़ना बहोत गलती है । और मोनिका कल तक तो आदित्य से तुम बहोत प्यार करती थी पर अब क्या हूआ । पैसे ने प्यार को खरीद लिया ?मोनिका :- माँ मैं आपकी तरह नही हूँ जो पैसे को छोड़कर प्यार को चुना । आज हमारी क्या हालत है और अगर आप एक पैसे वाले से शादी की होती तो आज आपकी हालत कुछ और होती । आप रानी बनकर रहती , ना की ऐसी जिदंगी बिताती ।मोनिका की बात को सुनकर ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 7

गिफ्ट लेकर भरत कहता है ।भरत :- थेंक्यू सो मच आदित्य । अशोक साहब इनसे मिलिए ये है मेरे के सबसे होनहार लड़का आदित्य । जब से ये आया है तबसे मेरी कंपनी बाकी कंपनियों को पछाड़कर सबसे आगे है ।अशोक :- कैसे हो बेटा । तुम्हारी चोंट कैसी है ?भरत :- आप एक दुसरे को जानते हो ?अशोक :- एक्सीडेंट की वजह से मेरा आदित्य से परिचय हूआ । आदित्य के इस चोंट का जिम्मेदार मैं ही हूँ । और उन दिन अगर ये नही होता तो शायद मैं भी नही होता । इसने ही मुझे हॉस्पिटल लेकर ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 7

आदित्य विकी का कॉलर पकड़ता है और विकी को एक जौरदार थप्पड़ मारता है । जिससे फिर से सभी हो जाता है । आदित्य विकी का कॉलर पकड़ता है और कहता है ।आदित्य: - बड़ों से और लड़की से बात करने ता तमीज नही है तुम मे । चल मेडम को सॉरी बोल वरना यही गाड़ दूगां तुझे ।आदित्य के ऐसा कहने पर अशोक और जानवी आदित्य को दैखता ही रहता है । तभी वहां पर भरत कहता है ।भरत :- आदित्य ये क्या कर रहे हो । तुम जानते नही ये कौन है । ये अगर चाहे तो ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 8

आदित्य विकी का कॉलर पकड़ता है और कहता है ।आदित्य: - बड़ों से और लड़की से बात करने ता नही है तुम मे । चल मेडम को सॉरी बोल वरना यही गाड़ दूगां तुझे ।आदित्य के ऐसा कहने पर अशोक और जानवी आदित्य को दैखता ही रहता है । तभी वहां पर भरत कहता है ।भरत :- आदित्य ये क्या कर रहे हो । तुम जानते नही ये कौन है । ये अगर चाहे तो हमारी कंपनी बंद करा सकता है । विकी इसकी तरफ से मैं आपसे माफी मांगता हूँ और मैं वादा करता हूँ के कल से ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 9

भरत :- सॉरी बेटा आदित्य मुझे माफ कर दो । कल से तुम सब ऑफिस आ सकते हो ।आदित्य: नही सर । अब जब आपने हमे नौकरी से निकाल दिया है तो अब हममे से कोई भी कल से ऑफिस नही जाएगा ।आदित्य के इस तरह से कहने पर विकी मोनिका और भरत हैरान थे । अशोक और जानवी विद्युत के इस तरह से विकी को माफी मंगवाने से दोनो के नजर मे विद्युत का सम्मान और बड़ जाता है ।मोनिका मन ही मन सोचती है ।मोनिका :- आखिर इसमे कुछ तो बात है । वरना ये इस तरह ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 10

अशोक :- बेटी जानवी । ये आदित्य कुछ अजीब सा नही है ।जानवी :- मुझे तो कुछ अजीव नही ऐसा उसमे । और आप फिर से उसके बारे मे सोचने लग गए ।अशोक :- बात सौचनो वाली है बेटा । मुझे लगा , उसने भरत की नौकरी को और विद्युत जी के ऑफर को ऐसे छोड़ा जैसे उसे इन सब का कोई जरुरत ही नही है । जैसे वो कोई बहोत बड़ा रईस हो या रईस खानदान से हो ।जानवी :- वो पागल है । वो अपने उसके एक्स को दिखाने के लिए ये सब किया । जिसके लिए ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 11

आदित्य: - बोलिए सर , मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ ?अशोक :- बेटा मुझे तुमसे एक मदद । मैं कुछ चाहता हूँ और मुझे आशा है के तुम मुझे निराश नही करोगे ।अशोक की बात को सुनकर आदित्य और उसके दोस्त सोच मे पड़ गए थे । के इतना बड़े आदमी को आदित्य से क्या चाहिए । तब आदित्य हल्की मुस्कान लिए कहता है ।आदित्य: - जि सर कहिए , मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ ।अशोक कुछ सौचता है फिर कहता है ।अशोक :- अ... बेटा समझ मे नही आ रहा है के मैं तुमसे ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 12

विकास के बातो पर जानवी गुस्सा होकर कहती है ---जानवी :- तुम्हारी हिम्मत कैसै हूई ऐसा कहने की । पापा कभी भी मेरे से इस तरह का मजाक नही कर सकता है ।जानवी ये सब विकाश से कह रही थी और अशोक ये सब सुन रहा था ।जानवी :- वो मेरे पापा है और मेरे लिए जो कुछ भी सैचेगें मेरे लिए वो अच्छा ही होगा ।विकास: - अरे वाह । आज अचानक से तुम्हें अपने पापा पर बड़ा प्यार आ रहा है । उस बुड्ढे ने ऐसा पाठ पड़ा दिया तुम्हें । आज नही कल तो वो बुड्ढा ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 13

विद्युत: - घर आ तेरे इस मॉल की खुशी मे मैं एक पार्टी दूगां वहां पर बात करते है - पार्टी !विद्युत: - अब तो तु अपना काम कर लिया ना । तो अब लोगो को बताने मे क्या जाता है ।आदित्य: - नही पापा । अभी वो वक्त नही आया है । आप शायद भूल गए के मेरे और आपके बिच क्या डिल हूआ था । के मैं पाँच साल तक अपनी पहचान छुपा कर रखूगां और अभी ये चार साल हो रहा है ।विद्युत: - पर तुमने तो अपना काम कर दिया ना ।आदित्य: - नही पापा ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 14

मोनिका :- तुमने इसकी किमत नही दैखी क्या ? अगर मन बहलाने के लिये दैख रही हो तो ठिक पर गलती से भी इसे लेकर बिलिंग काउंटर के पास मत चले जाना ।आदित्य: - कृतिका ये तुम पर बहोत अच्छी लगेगी । ये तुम ले लो ।मोनिका :- बस हो गया आदित्य । मुझे इंप्रेस करने के लिए तुम्हें ये सब करने की कोई जरुरत नही है । मैं अब वापस तुम्हारे पास नही जाने वाली ।आदित्य: - मोनिका क्या प्लिज यहां से दुसरी और जाओगी । कृतिका ये कल के पार्टी मे तुम पहनना ।मोनिका :- तुम फटीचरो ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 15

जानवी :- मतलब वो यही है और सबके सामने एक आम इंसान बनके रह रहा है ।विद्युत: - बिल्कुल कहा बेटा तुमने । वो चार साल से अपने सपनो के पिछे लगा है , एक आम जिंदगी बाता रहा है ।जानवी :- wow । तब तो आज आप उसे सबसे introduce कराने वाले हो ।विद्युत: - नही बेटा वो अभी यहां पर नही है । उसने कहा के उसे कुछ और काम करना है ।तभी वहां पर आदित्य और उसके दोनो दोस्त आ जाते है । आदित्य को दैखकर विद्युत आदित्य के पास जाता है और उसे गले लगा ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 16

मोनिका :- ये तो विकास है । पर ये जानवी का हाथ ऐसे क्यों पकड़ा है । और ये यहां पर बिना इंवाईट के कैसे आ गया । कुछ गड़बड़ है ।जानवी :- हाथ छोड़ो मैं कहती हूँ ।विकास: - क्यो जानवी । ऐसा क्या हो गया जो तुम मुझसे बात तक नही कर रही हो । मैने ऐसा क्या कर दिया । अच्छा तो क्या तुम्हें कोई पंसद आ गया ।जानवी :- विकाश ये क्या बोल रहे हो ?विकास: - अगर ऐसी बात नही है तो चलो मेरे साथ अभी ।इतना बोलकर विकाश जानवी को जबरदस्ती वहां से ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 17

विकास उठता है और अपनी गाड़ी से एक और एसीड का बोतल निकालता है और जानवी की तरफ फेंक है । जिससे जानवी अपनी आंखे बंद लेती है और बाकी सब बहोत डर जाता है । तभी आदित्य भागकर जाता है और जानवी को गले लगा लेता है । जिससे एसीड आदित्य के पिठ पर गिर जाता है जिससे आदित्य के कपड़े गलने लगता है और कही कही चमड़ी पर भी लग जाता है जिससे आदित्य को दर्द होने लगता है ।जानवी डर से धिरे धिरे अपनी आंखे खोलती है तो दैखती है के उसको सामने आदित्य खड़ा था ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 18

मोनिका: - पापा । ये आपके हाथ मे किसका शादी का कार्ड है ?रघुनाथ :- तुम खुद ही दैख ।इतना बोलतर रघुनाथ कार्ड को अपनी बेटी मोनिका के हाथ पर दे देता है । मोनिका कार्ड को खोलकर पड़ने लगती है जिसमे आदित्य और जानवी का नाम था ।मोनिका: - ये कैसे हो सकता है । उस गरीब फटीचर की शादी अशोक मुखर्जी के बेटी जानवी के साथ । जानवी ने एक गरीब को कैसे चुन सकती है ।रघुनाथ: - दैखा क्या गेम खेला उसने । तुझे छोड़कर उसने एक अमिर लड़की को फसा लिया ।मोनिका ये जानकर बहोत ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 19

आदित्य :- देखो यार, तुम दोनों को तो पता है कि मैंने ज़िंदगी में बहुत मेहनत की है, तभी मैं इतना कामयाब हूं। लेकिन जानवी को मैंने कभी नहीं बताया कि मैं इतना अमीर हूं। उसे लगता है मैं एक सिंपल इंसान हूं।कृतिका :- देख, मैं समझ सकता हूं कि तूने ये क्यों छुपाया। लेकिन अब जब तुम दोनों की शादी होने जा रही है, तो उसे सच जानने का पूरा हक़ है।आदित्य :- मुझे डर लगता है कि कहीं ये सब जानकर उसके मन में मेरे लिए फीलिंग्स न बदल जाएं। मैं चाहता हूं कि वो मुझे मेरी ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 20

मोनिका :- वाउ । ये बहोत अच्छा है । पता है जानवी ये मॉल बहोत एक्सपेंसिव है और यहां कलेक्शन का क्या कहना । तुम यहां पर अपने लिए कपड़े खरीद सकती हो । तुम्हें यहां पर दैखकर मुझे कोई हैरानी नही हूई । बल्की मुझे अच्छा लगा के तुम अपने और इस आदित्य को भी यहां पर लेकर आई । वरना ये बेचारा यहां पर कैसे आ पाता ।मोनिका की बात को सुनकर मॉल के स्टाफ सब हैरान और गुस्सा हो जाता है । पर आदित्य उन सब को सांत रहने का इशारा करता है । तभी जानवी ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 21

आदित्य :- अरे बाहर क्यू है । अंदर लेकर आओ उसे ।रमेश बाहर जाता है और रश्मि के अंदर आता है । रश्मी दैखने मे बहोत सुदंर थी । रश्मी को दैखकर आदित्य हैरान हो जाता है और कहता है ।आदित्य: - वाह यार । भाभी तो बहोत सुदंर है । तुम्हें कहां मिल गयी ये ।रमेश :- ( शर्माते हूए ) वो क्या है ना मैं उस दिन RCB और CSK का मैच दैख रहा था ।रमेश अपने उस पल मे चला जाता है जहां रमेश एक केटिन पर बैठकर मैच दैख रहा था और वही पर रश्मि ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 22

मोनिका की बात को बिच मे ही काटकर रेखा कहती है ।रेखा :- तुम क्या चाहती हो बेटी । आदित्य के साथ रहना नही चाहती पर उसके साथ किसी और को देख नही सकती । ऐसी गलती मत करो बेटी । आदित्य को भूल जाओ । वो क्या करता है किसके साथ है ये सब मत सोचो । अब तुम सिर्फ विकी के साथ खुश रहने की कोशिश करो । यही तुम्हारे लिए अच्छा होगा ।रेखा के इतना कहने के बाद ही वहां पर विकास आ जाता है ।विकास वहां पर आकर कहता है ।विकास: - मोनिका सही बोल ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 23

जानवी :- मैं भी यही सौच रही थी । पापा मैं उनसे सिर्फ एक ही बात पूछना चाहती हूँ मेरा रेट कम होने के वावजूद भी उन्होने वो कांट्रेक्ट उस विकास को कैसे दे सकते है ?इतना बोलकर जानवी अचानक से चुप हो जाती क्योंकि जानवी बहोत दुखी हो जाती है और सामने आदित्य को दैखकर वही पर चुप होकर बैठ जाती है । जानवी को परेशान दैखकर आदित्य को बहोत बुरा लग रहा था ।अशोक :- मैने पता लगाया इस बारे मे । विकास को ये कांट्रेक खाश TEWARY'S के Recommends के कारण मिला है ।आदित्य हैरान हो ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 24

जानवी :- बस थोड़ा सा और । हो गया हो गया ।जानवी बहोत ही प्यार और आराम से आदित्य जख्म को साफ करके नई पट्टी लगा देती है । जिससे आदित्य को बहोत अच्छा लगता है । पट्टी हो जाने के बाद आदित्य सर्ट को पबने जाता है तो जानवी दैखती है के सर्ट मे हल्का सा बल्ड लग गया था । जिसे दैखकर जानवी कहती है ।जानवी :- रुको इसे मत पहनो , इसमे बल्ड लग गया है ।आदित्य :- पर जानवी , अगर नही पहनूंगा तो जाउगां कैसे ? कुछ नही होगा , मैं घर मे घो ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 25

अनय :- अगर ऐसा कुछ हूआ है । तो मेरा भरोसा किजिये वो टेंडर आपको ही मिलेगा । मैं बात जरुर पता लगाउगां ।अनय आदित्य से कहता है ।अनय :- Thank you. मुझे सच्चाई बताने के लिए ।इतना बोलकर अनय वहां से चला जाता है ।अशोक :- चलो अच्छा है । अब दैखते है क्या होता है ।जानवी :- क्या पापा ------ ये सब ढोंग है इनका । खुद ही सिफारिस करते है और हमारे सामने अनजान बनते है ।आदित्य: - नही जानवी । अनय कभी झुट नही बोलता । अगर टेंडर अनय का नाम लेकर गलत तरीके से ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 26

विकी :- तेरी इतनी हिम्मत । तु जानता नही है , तुने किसपर हाथ उठाया है । अब तुम की उलटी गिनती सुरु ।जानवी अपने बारे मे विकी के मुह ये गलत सुनकर बहोत दुखी थी । जानवी समझ गयी थी के विकास के साथ रिलेशनशिप मे रहना उसके लिए सबसे बड़ी गलती थी । विकी ने सबके सामने जानवी को जलील किया था उसके प्राईवेट बातो को सबके सामने सेयर कर दिया था । जानवी को अपने आप पर बहोत शर्म महसुस हो रहा था के उसने विकास जैसे घटिया लड़के के साथ प्यार किया था ।आदित्य :- ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 27

विकी और मोनिका :- जानवी मेम ----- प्लीज मुझे माफ कर दिजिए । आंइदा आगे से ऐसी गलती हमसे नही होगी ।अशोक ये दैखकर बहोत खुश था और आदित्य के चेहरे पर हल्की मुस्कान था और जानवी आदित्य की और हैरानी से दैख रही थी ।सभी पार्टी से जा चुके थे , पर मोनिका और विकी दोनो ही पार्किंग मे अपने कार पर बैठा था। मोनिका पार्टी मे हूई घटना से बहोत गुस्से मे थी क्योंकि वो आदित्य से हार गई थी । मोनिका मन ही मन बहोत बुरा feel कर रही थी ।पर विकी आज की रात को ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 28

विकी आदित्य के वजह से वो मोनिका के साथ वो सब नही कर पाया जो वो करना चाहता था गुस्से से कहता है -------विकी :- उस आदित्य के वजह से मेरा बार बार Insult हूआ । और उसकी वजह से ही मैं मोनिका के साथ वो सब नही कर पाया । पर अब मुझे कुछ और सोचना पड़ेगा ।तभी विकी का मोबाइल रिंग होता है विकी दैखता है के उसमे मोनिका का कॉल आ रहा था । विकी फोन को रिसिव करके कहता है -----विकी :- हाय बेबी । मैं अभी तुम्हारे बारे मे ही सोच रहा था । ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 29

तिरु और आदित्य वहां से चला जाता है तो अशोक हार को दैखकर कहता है -----अशोक :- बेटा ये दैखने मे तो बहोत मंहगा लगता है ।जानवी :- पता नही पापा ये आदित्य कौन है , कभी कभी ये कुछ ऐसा कर जाता है के मैं भी सौच मे पड़ जाती हूँ । आखिर ये है कौन ?इधर आज आदित्य और जानवी का हल्दी का रस्म था । हल्दी तिवारी मेंशन मे थी एक तरफ दुल्हा आदित्य था तो दुसरी तरफ दुल्हन जानवी । दोनो ही तरफ पार्टी चल रही थी । हल्दी और शादी मे सभी को इंवाईट ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 30

रेखा हल्दी लगाते हूए कहती है -----रेखा :- हमेशा खुश रहो । जानवी बहोत प्यारी बच्ची है , तुम की जोड़ी की किसीकी नजर ना लगे ।रेखा के इतना कहने पर आदित्य और सभी खुश हो जाता है पर रघुनाथ और मोनिका गुस्से से रेखा को ही दैख रहा था ।शाम का समय था , रघुनाथ मोनिका और विकी एक साथ बैठे थे तभी मोनिका कहती है ----मोनिका : - कहा आके फंस गयी मैं , विकी तुम एक काम करो , हमे घर तक छोड़ दो ।विकी :- नही मैं ऐसा नही कर सकता , अनय सर हमे ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 31

मोनिका विकी के ऐसा कहने पर हैरान थी उसे अब आदित्य के बातो पर भरोसा होने लगा था । फिर कहती है -----मोनिका: - विकी , ये हार असली तो है ना ?विकी घबराते हूए कहता है -------विकी :- अ.....हां .... ये बिल्कुल असली हार है । तुम भी इसके बातो मे आ गई । तु ...तु ... तुम चलो यहां से , नही तो ये तुम्हें अपने बातो मे फसा देगा ।विकी मोनिका को वहां से लेकर चला जाता है । तो जानवी आदित्य से कहती है -----जानवी :- तुम्हे कैसे पता चला के वो हार नकली है ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 32

अशोक जानवी की बात को सुनकर हैरान और परेशान भी हो जाता है के उसके कारण कही आदित्य की बर्बाद ना हो जाए । पर. अशोक अब करता भी क्या , कल मेंहदी और परसो शादी जो थी ।शादी वाली रात पार्टी की सजावट सबसे शानदार थी सभी पार्टी की अरेंजमेंट को दैखकर हैरान थे के आदित्य ने इतना बड़ा पार्टी को अरेंज कैसे किया ? शभी शादी के लिए तैयार हो रहे थे । रमेश और कृतिका भी तैयार हो गया था ।कृतिका रमेश से कहती है -----कृतिका :- मैं कैसी लग रही हूँ ?रमेश :- एक दम ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 33

जानवी :- नही पापा प्लिज ऐसा मत बोलो । आप जहां कहोगे मैं वही शादी करुगी पापा ।विकास जानवी बात को सुनकर हैरान था उसो अपना प्लान फेल होता हूआ नजर आता है । जानवी विकास के पास जाती है और कहती है ----जानवी :- I am sorry विकास , मैं पापा को छोड़कर तुम्हारे साथ नही आ सकती , I am sorry .विकास बिना कुछ बोले ही वहां से चला जाता है , विकास के जानो के बाद जानवी रोने लगती है ।अशोक अपनी बेटी की आंखो मे आंसु को दैखकर बहोत दुखी हो रहा था पर अशोक ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 34

मोनिका :- क्यो , आज मैं चुप नही रहूंगी । ये सजावट किससे कराया जानती हो , विक्की से लवर विक्की से ताकी वो मुझे निचा दिखा सके । अरे नही होती मुझे जलन - वलन , तेरे जैसे लड़के को तो मैं नजरे उठाके देखु भी ना । और सबसे बेकार है ये लड़की, जो इस भिखारी से शादी कर रही है ।जानवी को ये सब सुनकर गुस्सा आने लगा था वो उठकर मोनिका को मारना चाहती थी पर आदित्य ने जानवी का हाथ पकड़कर उसे रोक लेता है ।आदित्य :- पंडित जी आप मंत्र पड़िए ।मोनिका फिर ...और पढ़े

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तेरे मेरे दरमियान - 35

अशोक :- अब अंकल नही , पापा बोलो दामाद जी ।आदित्य :- जी पापा , आईए बेठिए ना ।अपने को दैखकर जानवी भी उठ जाती है तो अशोक कहता है --अशोक :- अरे बेटा तुम क्यो उठ रही हो , दामाद जी इतने प्यार से तेरे लिए नास्ता बनाया है , इसे बिना खाये मत उठना ।जानवी अपने के पापा के बात को सुनकर वही बैठ जाती है । और खाने लगती है , जानवी को खाना बहोत ही स्वादिष्ट लगता है । और मजे लेकर खाने लगती है दिसे दैखकर अशोक खुश हो रहा था । खाते खाते ...और पढ़े

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