वैशाली रोज़ की तरह पार्क में आकर बैठ गई। हालांकि गर्मी बहुत थी पर घर के सूनेपन से बचने का एक अच्छा तरीका था कि वह पार्क में आकर बैठ जाए। पार्क में बहुत लोग नहीं थे। सूरज डूबने के बाद भी इन गर्मी के दिनों में लोगों की हिम्मत घर से निकलने की नहीं होती थी। भले ही धूप ना हो पर दिनभर में सूरज सबकुछ इतना तपा देता था कि उसके जाने के बाद भी उसकी उपस्थिति का एहसास होता था। कुछ देर वैशाली पार्क में चक्कर लगाती रही फिर आकर बेंच पर बैठ गई। अचानक उसकी आँखें भर आईं। वह पूरी कोशिश कर रही थी कि अपने आप को काबू में कर सके पर अपनी भावनाओं को रोक पाना उसके बस में नहीं था। बेंच पर बैठे हुए वह ज़ोर से रोने लगी। "क्या बात है आंटी? आप रो क्यों रही हैं?"
इंटरनेट की दुनिया - भाग 1
अदृश्य जालवैशाली रोज़ की तरह पार्क में आकर बैठ गई। हालांकि गर्मी बहुत थी पर घर के सूनेपन से का एक अच्छा तरीका था कि वह पार्क में आकर बैठ जाए।पार्क में बहुत लोग नहीं थे। सूरज डूबने के बाद भी इन गर्मी के दिनों में लोगों की हिम्मत घर से निकलने की नहीं होती थी। भले ही धूप ना हो पर दिनभर में सूरज सबकुछ इतना तपा देता था कि उसके जाने के बाद भी उसकी उपस्थिति का एहसास होता था।कुछ देर वैशाली पार्क में चक्कर लगाती रही फिर आकर बेंच पर बैठ गई। अचानक उसकी आँखें भर ...और पढ़े
इंटरनेट की दुनिया - भाग 2
लोक संगीत•कॉमकजरी ने जल्दी जल्दी घर के काम निपटाए। उसे आज नर्मदा भाभी के घर बुलव्वे में जाना था। भाभी की बेटी की शादी थी। नर्मदा भाभी ने दोपहर में गाने बजाने का कार्यक्रम रखा था। ऐसे किसी भी बुलव्वे की कजरी शान होती थी। ढोलक की थाप पर वह बहुत सुंदर और मनमोहक गीत गाती थी।सारा काम निपटाने के बाद कजरी तैयार हुई। उसने छोटे से आईने में खुद का चेहरा देखा और माथे की बिंदी ठीक की। चलने से पहले उसने अपने बच्चों से कहा,"तुम दोनों चुपचाप पढ़ाई करना। हम नर्मदा ताई के घर जा रहे हैं। ...और पढ़े
इंटरनेट की दुनिया - भाग 3
आभासी बनाम वास्तविकप्रिया ने काम से कुछ देर का ब्रेक लिया था। उसने अपना फोन उठाया। वह अपने सोशल अकाउंट पर गई। सुबह उसने कुछ पिक्स पोस्ट की थीं। वह देखना चाहती थी कि कितने लोगों ने उन्हें लाइक किया है। उन पिक्स पर कितने कमेंट्स आए हैं।सिर्फ पाँच लाइक्स और एक कमेंट 'नाइस पिक्स' आया था।प्रिया को निराशा हुई। कुछ दिन पहले वह अपनी कज़िन की शादी पर गई थी। उस शादी के अलग अलग फंक्शन्स की पिक्स ही उसने डाली थीं। उसे उम्मीद थी कि जब वह चेक करेगी तो लाइक्स और कमेंट्स की बाढ़ आई हुई ...और पढ़े
इंटरनेट की दुनिया - भाग 4
आशा किरण डिजिटल पाठशालाकार एक चाय की दुकान पर आकर रुकी। कार से निमिषा भास्कर अपने सहयोगी संदीप प्रजापति साथ नीचे उतरी। उसने संदीप से कहा,"एक एक चाय पी लेते हैं उसके बाद आगे बढ़ते हैं।"निमिषा और संदीप ने अपने पैर सीधे किए। ड्राइवर ने तीन कप चाय का ऑर्डर दे दिया। निमिषा संदीप के साथ खाली पड़ी बेंच पर जाकर बैठ गई। संदीप ने कहा,"अभी तो लगभग एक घंटे का रास्ता बचा है।"निमिषा ने वक्त देखा। वह बोली,"फिर भी समय से पहुँच जाएंगे।"ड्राइवर पास में खड़ा मोबाइल पर कुछ देख रहा था। निमिषा ने उसे कार से पानी ...और पढ़े
इंटरनेट की दुनिया - भाग 5
ऑनलाइन शिकारीनलिनी कुछ देर पहले ही बैंक से लौटी थी। आज बैंक में दिनभर बहुत काम रहा था। वह मैनेजर के पद पर थी और उसकी ज़िम्मेदारियां बहुत थीं। घर लौटकर वह सोफे पर लेट गई थी। थकी इतनी थी कि प्यास से गला सूख रहा था फिर भी उठकर पानी पीने की हिम्मत नहीं हो रही थी। उसे अपनी बेटी पीहू की याद आई। जब तक वह पढ़ाई के लिए बाहर नहीं गई थी तब तक नलिनी को बहुत आराम था। उसके बैंक से लौटने पर पीहू उसे पानी पिलाती थी। उसके लिए चाय बनाती थी। जब वह ...और पढ़े