हरीद्वार के आगे उतर की तरफ पहाड़ों में दूर तक चले जाइए तो एक ऐसे मुकाम पर पहुंचियेगा जहां पानी एक मोटी धारा गाय के मुंह से मानिंद एक मुहरे की राह, बर्फ के पहाड़ों से निकाल कर बड़े जोर और शोर के साथ एक नीची जगह में गिरती है । यह धारा हमारी गंगा मां है। उसके निकलने के मुहरे को गौमुख कहते हैं। और इस जगह का नाम गंगोत्री है गंगोत्री बहुत ही सुन्दर जगह है। बर्फसतान से आती हुई गंगाजी की सफेद धारा देखने में बहुत खूबसूरत मालूम होती है। और उसके उतरने की आवाज पहाड़ों में गूंजती हुई ध्वनि बहुत प्यारी लगती है।
Full Novel
जादुई मुंदरी - 1
हरीद्वार के आगे उतर की तरफ पहाड़ों में दूर तक चले जाइए तो एक ऐसे मुकाम पर पहुंचियेगा जहां एक मोटी धारा गाय के मुंह से मानिंद एक मुहरे की राह, बर्फ के पहाड़ों से निकाल कर बड़े जोर और शोर के साथ एक नीची जगह में गिरती है। यह धारा हमारी गंगा मां है।उसके निकलने के मुहरे को गौमुख कहते हैं।और इस जगह का नाम गंगोत्री हैगंगोत्री बहुत ही सुन्दर जगह है। बर्फसतान से आती हुई गंगाजी की सफेद धारा देखने में बहुत खूबसूरत मालूम होती है।और उसके उतरने की आवाज पहाड़ों में गूंजतीहुई ध्वनि बहुत प्यारी लगती ...और पढ़े
जादुई मुंदरी - 2
एक कोआ एक अंगुठी योगी के पैरों के पास रख देता है और योगी उसको उठकर अपनी उंगली में लेता है।मगर उसे बड़ा आश्चर्य होता है कि जब वह अंगूठी पहनते ही कौए को ये कहते हुए सुनता है।ऐ मिहरबान बड़े योगी ! आज आप ने मेरी जान बचाई है।और सब चिड़ियों और जानवरों पर आप हमेशा बड़ी मिहरबानी करते हैं।इसलिए ये अंगुठी मै आपको भेंट करता हूं इसे कबूल किजिए। ये मुंदरी जादु की है।और इस मे यह तासीर है कि जो कोई इसे पहनता है सब चिड़ियों की बोली समझ सकता है और उन्हें जिस काम का ...और पढ़े
जादुई मुंदरी - 3
और फिर उन कौओं ने कहा ठीक है योगी जी हम ये मुंदरी अपकी दोहती को दे देगे और पास रह कर मकदूर भर उसकी मदद करेगे और हो सका तो आपके पास उस ले कर आयेंगे, वहां से उड़ दिए और पहाड़ और बन और पटपरों को तै करते हुए थोड़े ही दिनों में कश्मीर में राज के महलों में दाखिल हुए और सीधे उसी जगह पर पहुंचे यहां राजा की बेटी बैठी हुई थी वो अपने तोते चुगा रही थी।और मुंदरी को लडकी के आगे रख दिया।लड़की उसे छूते ही चिडायो की बोली समझने लगी।कौओ ने उसे ...और पढ़े
जादुई मुंदरी - 4
उसके बाद उसने देखा कि रानी ने एक बर्तन में थोड़ा सा सा आटा और कुछ मिठाई निकल उबली पत्तियों का अर्क मे आटे में गूंथ कर रोटी बेली और उसे आग पर सेंक डाला।तोता यह देखकर वहां से चुपके से उड़ कर फौरन राजा की बेटी के कमरे में पहुंचा जहां पर दोनों कौओं को भी पाया और अगर राजा की बेटी अब यहां पर रहेगी तो उसे जरूर जहर दे दिया जाएगा।रानी इस वक्त उसके लिए एक जरह भरी रोटी बना रही है। प्यारी बेटी चलों अब यहां से भाग चलें राजा की बेटी इस बात को ...और पढ़े
जादुई मुंदरी - 5
और राजा की लड़की किसी तरह मुश्किल से जमीन से उठी और तोते के कहने पर अब यही एक है यहां से भाग जाना का उसके साथ ही रानी दरवाजा खुला छोड़ कर भागी थी राजा की लड़की बाहर चली गई और सीढ़ियों से उतरकर बाग में दाखिल हो गई यहां पर पहले से दोनों कौवे मिले गये थे। तोता आगे हुआ और कौवे पीछे और वह सब दिवार के एक छोटे से दरवाजे पर पहुंचे।लड़की ने कुछ मुश्किल के साथ किवाड़ों की कुंडी खोल ली और जब सब बाहर आ गए तो सभी ने अपने आप को तई ...और पढ़े
जादुई मुंदरी - 6
जब कोई आदमी जंगल मे आता तो नीचे वाला कौवा अपनी बोली में कह कर लडकी को खबरदार कर जब तक वो आदमी जंगल के बाहर निकल निकल जाता।और राजा की बेटी भी कौवे के कहने पर किसी झाड़ी में यां पेड़ के पत्तों की आड़ में छुप जातीऔर फिर ऐसे कोई कौवे और तोते पर कोई ध्यान नहीं देता था।इस तरह सभी बराबर चले गए जब तक कि राजा की लड़की थकी नहीं। लेकिन अब वो थक गई भी गई थी और उसे भूख भी लगी थी।तोते ने तब ऊपर वाले कौवे से पूछा क्या तुम्हें उडते हुए ...और पढ़े