"छाया की जिंदगी का एक ही सपना था—विशाल का प्यार। लेकिन जब उसका सपना बिखर जाता है, तो उसके साथ टूटती है उसकी मोहब्बत की दीवानगी। उसी पल उसमें जन्म लेता है आत्मसम्मान और नारी-शक्ति का अदम्य जज़्बा। कैसे एक टूटा हुआ दिल समाज के लिए प्रेरणा बनता है? जानने के लिए पढ़ते रहिए 'छाया प्यार की' सिर्फ मातृभारती पर।"
छाया प्यार की - 1
छाया आज बहुत खुश थी। वैलेंटाइन डे जो था। सुबह से ही उसने इस दिन के लिए खुद को किया था। लाल शर्ट, जींस और खुले बालों में वह आईने में खुद को देखकर मुस्कुरा रही थी। एक हाथ में गुलाब था, और दिल में एक सपना — शायद आज वो पल आ ही जाए, जिसका बरसों से इंतज़ार था।कॉलेज की दहलीज़ पार करते हुए उसकी आंखें किसी को तलाश रही थीं। तभी पीछे से एक जानी-पहचानी आवाज़ आई — भौं! छाया पलटी तो सामने काशी थी, उसकी सबसे प्यारी दोस्त। काशी आंख मारते हुए बोली, “किस ढूंढ रही हो, ...और पढ़े
छाया प्यार की - 2
(छाया, एक चंचल कॉलेज छात्रा, वैलेंटाइन डे पर अपने प्यार विशाल को प्रपोज करती है, पर वह उसे ठुकरा है। छाया को मना करने के बावजूद वह उम्मीद नहीं छोड़ती। अगले दिन कॉलेज में किसी ने विशाल और छाया की फोटो के साथ "आई लव यू विशाल" बोर्ड लगा दिया, जिससे विशाल बुरी तरह गुस्सा हो जाता है और सबके सामने छाया को अपमानित करता है। छाया आहत होकर माफी मांगती है और वादा करती है कि अब ऐसा नहीं होगा। अब आगे).छाया क्लास की ओर बढ़ी, लेकिन कदम भारी थे। रास्ते में वह वॉशरूम में घुस गई। काशी ...और पढ़े
छाया प्यार की - 3
(विशाल द्वारा अपमानित छाया दुखी होकर अपनी चचेरी बहन नित्या की शादी में गांव जाती है। वहां वह खुद व्यस्त रखती है लेकिन भीतर से टूट चुकी होती है। शादी का माहौल खुशियों से भरा होता है, लेकिन दूल्हे प्रमोद के परिवार वाले अचानक दहेज की मांग करते हैं। जब विपिन और गौरी कुछ नहीं दे पाते, तो बारात वापस लौटने लगती है। छाया भावुक होकर प्रमोद से दीदी के प्यार की दुहाई देती है, पर वह चुप रहता है। उसकी मां छाया को गरीब कहकर ताने मारती है। शादी टूट जाती है और सभी गहरे आघात में होते ...और पढ़े
छाया प्यार की - 4
(नित्या की शादी में दहेज की मांग पर उसका भाई केशव पुलिस लेकर पहुंचता है और दोषियों को गिरफ्तार देता है। परिवार नित्या को दहेज लोभियों से बचाकर राहत महसूस करता है। विपिन को अपनी बहन गुंजन की पढ़ाई छुड़वाने का पछतावा होता है और वह नित्या की आगे की पढ़ाई के लिए जतिन को जिम्मेदारी सौंपता है। जतिन पहले ही अपनी बेटी छाया की पढ़ाई के लिए घर गिरवी रख चुका है। विपिन जतिन की मदद का वादा करता है। छाया यह सुनकर भावुक हो जाती है और खुद को बदलने का संकल्प लेती है।) अब आगेछाया भूल ...और पढ़े
छाया प्यार की - 5
(छाया को एहसास होता है कि वह प्यार में अंधी होकर अपने परिवार की तकलीफों को नजरअंदाज कर रही नित्या के साथ शहर जाने के बाद वह खुद को बदलने का फैसला करती है। अब वह पढ़ाई को प्राथमिकता देती है और विशाल की कड़वी बातों को पीछे छोड़ देती है। कॉलेज में वह विनय से पढ़ाई में मदद मांगती है और उसका आत्मविश्वास लौटने लगता है। काशी जैसी सच्ची दोस्त के साथ वह नए सिरे से मेहनत शुरू करती है।) अब आगेनम्रता और जतिन भी नित्या की टूटी शादी से आहत थे। घर की बेटी की शादी टूट ...और पढ़े
छाया प्यार की - 6
(नित्या की टूटी शादी से पूरा परिवार भावनात्मक रूप से आहत था, लेकिन उसका सहारा बनकर सबने उसे फिर आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई। छाया, जो अब तक लापरवाह मानी जाती थी, पढ़ाई और जिम्मेदारी की ओर बढ़ने लगी। उसके व्यवहार में आए बदलाव ने सबको चौंका दिया। नित्या का प्रगति कॉलेज में दाखिला और केशव द्वारा बताई गई स्कॉलरशिप स्कीम ने परिवार में नई उम्मीद जगा दी। छाया ने भी अच्छे अंकों का संकल्प लिया। यह बदलाव केवल एक बेटी या बहन का नहीं, बल्कि पूरे परिवार के सोच, समर्थन और विकास की ओर उठाया गया ठोस कदम ...और पढ़े
छाया प्यार की - 7
(नित्या के एमए में एडमिशन की खुशी पूरे घर में फैली हुई थी, वहीं छाया भी अब पढ़ाई को से लेने लगी थी। कॉलेज में एक दिन लाइब्रेरी में छाया और विशाल अनजाने में बंद हो जाते हैं। इस घटना से विशाल को गलतफहमी हो जाती है कि छाया ने यह सब जानबूझकर किया। जबकि छाया खुद भयभीत और परेशान थी। घर लौटते समय वह सोचती है कि उसकी छवि ऐसी क्यों बन गई है कि लोग उस पर विश्वास नहीं करते। दूसरी ओर विशाल बदले की भावना से भर जाता है। कहानी अब टकराव और आत्मसम्मान की दिशा ...और पढ़े
छाया प्यार की - 8
(छाया ट्रैफिक के कारण देरी से रेस्टोरेंट पहुँची, जहाँ परिवार उसका इंतज़ार कर रहा था। रात में विशाल, जो से नाराज़ था, कॉलेज जाकर CCTV फुटेज देखता है और पता चलता है कि टीना ने ही सब गलतफहमियाँ फैलाई थीं। विशाल को पछतावा होता है और वह टीना से जवाब मांगता है। उधर, छाया वीकेंड जॉब लेकर खुश होती है, लेकिन घरवाले नाराज़ होते हैं। नम्रता समझदारी से हालात संभालती हैं। कॉलेज में अगला दिन हल्का-फुल्का होता है, पर अंत में आग्रह छाया को टीना से मिलवाता है, जहाँ सबकुछ स्पष्ट होने वाला है—विशाल और आग्रह, दोनों वहीं छिपकर ...और पढ़े
छाया प्यार की - 9
(छाया और विशाल के बीच टीना की साजिश से पैदा हुई गलतफहमियाँ आखिरकार साफ़ हो गईं। विशाल को CCTV से सच्चाई का पता चला और उसने टीना को सामना करने को कहा। छाया ने टीना को संयमित शब्दों में सब स्पष्ट कर दिया—विशाल अब उसका नहीं है। टीना टूट गई, लेकिन छाया ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विशाल खामोश था, पश्चाताप से भरा।उधर, नित्या ने कॉलेज का पहला दिन अच्छे से बिताया और संयोगवश उसे ट्यूशन की नौकरी भी मिल गई।एक तरफ रिश्तों की उलझन सुलझ रही थी, दूसरी ओर कुछ नई शुरुआतें हो रही थीं। अब आगे)कार जल्दी ...और पढ़े
छाया प्यार की - 10
(विशाल को CCTV से टीना की साजिश का पता चला और उसने छाया से माफी माँगने की ठानी, पर ने स्पष्ट कर दिया कि अब उसका उससे कोई संबंध नहीं। टीना टूट गई, आग्रह चुपचाप उसे घर छोड़ आया। डिस्को में भी विशाल छाया को याद करता रहा। अगले दिन कॉलेज में विशाल और छाया की निगाहें टकराईं, पर बात नहीं हुई। वॉशरूम से लौटते समय डैनी ने छाया से बदतमीज़ी की, जिसे विशाल ने रोक दिया। माहौल हल्का हुआ, लेकिन आग्रह का अचानक आया कॉल सुनकर विशाल का चेहरा बदल गया और वह कॉलेज छोड़कर चला गया, जबकि ...और पढ़े
छाया प्यार की - 11
(नित्या की कक्षा में गौरव का अचानक आना और उसके माता-पिता को जानना रहस्य बना रहा। वहीं, विशाल अस्पताल जहाँ टीना की आत्महत्या की कोशिश से परिवार दुखी था। आग्रह ने टीना की तरफ से माफी मांगी और तीनों ने दोस्ती निभाई। छाया को डैनी की बातों से शक हुआ कि लाइब्रेरी में विशाल के साथ उसकी बात कैसे फैल गई। कॉलेज में विशाल और छाया के बीच तनाव भरा संवाद हुआ, जिसमें विशाल ने छाया के हाथ पकड़ कर अपने दर्द को जाहिर किया। अंत में छाया, विशाल के लिए अपनी उम्मीद खो चुकी थी, लेकिन दोस्त काशी ...और पढ़े
छाया प्यार की - 12
(छाया अपनी पहली नौकरी पर गई तो वहां उसे धोखे और खतरे का सामना करना पड़ा। उसने साहस दिखाकर करने वालों को मात दी। एक रहस्यमय औरत ने उसकी मदद की, लेकिन समझाया कि अपनी रक्षा खुद करनी होगी। पुलिस आई और छाया ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। इस घटना ने छाया को मजबूत और आत्मनिर्भर बना दिया। परिवार उसकी मेहनत से खुश था, जबकि दोस्त विशाल के जीवन में भी बदलाव आ रहा था। छाया की कहानी संघर्ष, हिम्मत और बदलती ज़िन्दगी की प्रेरणा है। अब आगे)पुलिस छाया को अस्पताल लेकर आई, जहाँ दाएँ हाथ और सिर पर मरहम-पट्टी ...और पढ़े
छाया प्यार की - 13
(छाया अस्पताल में अपने घावों के बावजूद बहादुर बनी रही। पुलिस ने उसका विवरण लिया और बदमाशों को पकड़ने भरोसा दिलाया। घर पर जतिन, केशव, नम्रता और काशी उसे प्यार और सुरक्षा देने पहुंचे। छाया की बहादुरी से सभी गर्व महसूस कर रहे थे। कॉलेज में, वह अपनी चोट छुपाते हुए सामान्य जीवन में लौट आई, लेकिन विशाल का अनपेक्षित व्यवहार उसे चौंकाता रहा। विशाल ने धीरे-धीरे अपना स्नेह दिखाया, छाया को समझने और पास आने की कोशिश की। अंत में, विशाल ने छाया के कान में कहा कि कोई नहीं देख रहा, लेकिन छाया उसका व्यवहार समझ नहीं ...और पढ़े
छाया प्यार की - 14
(छाया को अचानक कुछ लोग नित्या समझकर अगवा कर लेते हैं। वह नित्या और काशी को बचाने के लिए को नित्या बताती है और चुपचाप कार में बैठ जाती है। नित्या और काशी घर पहुँचकर सबको घटना बताती हैं, केशव पुलिस को सूचना देता है, नम्रता बेहोश हो जाती हैं। इस बीच विशाल, जिसे छाया पसंद आने लगी है, गिफ्ट और फूल लेकर उससे अपने दिल की बात कहने की तैयारी करता है। उधर छाया आंख-मुंह पर पट्टी और हाथ-पैर बंधे हालत में बंद जगह में है। पट्टी हटने पर सामने जो दिखता है, उसे देखकर वह डर और ...और पढ़े
छाया प्यार की - 15
(छाया ने नित्या और काशी की सुरक्षा के लिए खुद को नित्या बताकर अगवा होने से बचाया, पर खुद हो गयी। पुलिस ने डैनी की साजिश का पर्दाफाश किया। विशाल, परिवार और पुलिस छाया की तलाश में लगे रहे। छाया एक अंधेरे कमरे में बंधी मिली, जहाँ शादी का मंडप सज रहा था। उसने खतरनाक औरत को बेहोश कर कुर्सी से बांध दिया और मंडप की ओर दौड़ी। दूल्हे को देखकर उसका सामना प्रमोद से हुआ जो नित्या से शादी करना चाहता था। साहस और धैर्य दिखाते हुए छाया ने प्रमोद के साथियों को रोक दिया और अंततः खुद ...और पढ़े
छाया प्यार की - 16
(छाया ने नित्या और काशी की सुरक्षा के लिए खुद को नित्या बताकर अगवा होने से बचाया, लेकिन खुद गई। पुलिस ने डैनी की साजिश का पर्दाफाश किया और छाया को खोजने में जुट गई। छाया बहादुरी से खतरनाक हालात से निकली और सुरक्षित घर लौट आई। परिवार और पुलिस ने राहत की सांस ली। घर वापसी के दौरान छाया और विशाल की नजरों में अनकही बातें और गहरी भावनाएँ झलकती रहीं। छाया के “थैंक्यू” संदेश ने विशाल के मन में छिपे प्यार को और गहरा कर दिया। मगर उसके पुराने कठोर शब्द उसे पछतावे और भावनाओं के खिंचाव ...और पढ़े
छाया प्यार की - 17
(छाया सुरक्षित घर लौट आई और परिवार ने उसकी बहादुरी और साहस की सराहना की। नित्या और छाया की की भावनाएँ उजागर हुईं, और केशव ने मज़ाक में माहौल हल्का किया। सबने छाया के अनुभव सुने और गर्व महसूस किया। अगले दिन काशी के आने पर छाया और नित्या बस स्टैंड के लिए निकल गईं। इसी बीच घर में सुरीली आई, जो अपने बेटे को छुड़ाने की धमकी दे रही थी। गौरी और विपिन ने उसे बाहर किया, और जतिन ने दरवाजा बंद किया। परिवार ने राहत की सांस ली, हँसी-मज़ाक में तनाव दूर हुआ, और सुरीली असहज होकर ...और पढ़े
छाया प्यार की - 18
(सुरीली अपने बेटे प्रमोद से मिलने जेल गई और उसे नित्या से हुई नाराजगी बताई, लेकिन अपनी शुरूआत की नहीं बताई। जेल में प्रमोद अपनी मंगनी और प्रेम के बीच उलझा हुआ बैठा रहा। नित्या क्लास में लौटकर नोट्स पढ़ने लगी और गौरव से प्रमोद का संबंध जानने की कोशिश की। गौतम ने खुलासा किया कि प्रमोद उसका भाई है और किडनैप उसकी गलतफहमी का परिणाम था। Meanwhile, छाया कॉलेज में हीरोइन बन गई और सबकी तारीफ़ें पा रही थी। विशाल, आग्रह और टीना अपनी दोस्ती और जिम्मेदारी के साथ डिस्को में मस्ती करने गए। घटनाएँ भावनाओं और रिश्तों ...और पढ़े
छाया प्यार की - 19
(छाया और नित्या पढ़ाई व रिश्तों की उलझनों में फँसी थीं। छाया ने विशाल के जन्मदिन के लिए बचाए किताब पर खर्च किए, जिससे उसकी ईमानदारी और त्याग सामने आया। विशाल ने इसे ही अपना गिफ्ट मानकर दिल से स्वीकार किया। गार्डन में छाया के गिरते समय विशाल ने उसे थामा और दोनों की नज़रें टकराईं—दिल की बात बिना कहे भी साफ़ हो गई। उधर नित्या का पीछा करने वाले से इंस्पेक्टर ठाकुर ने उसकी रक्षा की और उसके मासूम स्वभाव ने ठाकुर के मन में पहली बार भावनाएँ जगाईं। पढ़ाई, रिश्ते और दिल की धड़कनों के बीच कहानी ...और पढ़े
छाया प्यार की - 20
(छाया और काशी परीक्षा के तनाव में जी-जान से पढ़ाई कर रही थीं। कॉलेज का माहौल पूरी तरह बदल था। पहली परीक्षा कठिन रही, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे का हौसला बढ़ाया। डैनी ने छाया से माफी मांगी, जिसे छाया ने अनजाने में नौकरी वाली साजिश से अनभिज्ञ रहते हुए माफ कर दिया। विशाल ने डैनी को चेतावनी दी। उधर छाया निराश होकर रो पड़ी, पर मां नम्रता ने उसे संभालते हुए हिम्मत दी। काशी के घर पर भी पढ़ाई को लेकर बात हुई और शादी फिलहाल टल गई। दोनों सहेलियाँ मेहनत और विश्वास के साथ अपने सपनों की ओर ...और पढ़े
छाया प्यार की - 21
(छाया और काशी परीक्षा की तैयारी में डूबी हुई थीं। तनाव के बीच नंदिता ने उन्हें काउंसलिंग सेशन में जाकर मानसिक राहत दी। मेहनत और अनुशासन से छाया का आत्मविश्वास बढ़ा और उसने परीक्षा अच्छे से पूरी की। छुट्टियों में परिवार के साथ क़ुतुबमीनार घूमने गई, जहाँ सबने खूब आनंद लिया और आपसी अपनापन और भी गहरा हो गया। घर लौटकर जब छाया ने फोन देखा तो विशाल के कई मिस्ड कॉल्स थे। अचानक उसका मैसेज आया—“कल सुबह सनराइज होटल में मिलोगी?” संदेह के बावजूद विशाल की आवाज़ सुनकर छाया ने हामी भर दी और सोचते-सोचते नींद में खो ...और पढ़े
छाया प्यार की - 22
छाया और काशी परीक्षा की तैयारी में पूरी मेहनत कर रही थीं, लेकिन टेंशन उन्हें बहुत सताने लगी। नंदिता मदद से काउंसलिंग सेशन में शामिल होकर वे मानसिक रूप से मजबूत हुईं। छाया ने पढ़ाई में योग और पिछले प्रश्न पत्रों की मदद से आत्मविश्वास बढ़ाया। परीक्षा समाप्त होने के बाद परिवार के साथ कुतुबमीनार घुमने गईं, जहाँ वे खूब मस्ती और हंसी में डूबी रहीं। उसी समय विशाल ने छाया को सनराइज होटल बुलाया और उसे प्यार का इज़हार किया, लेकिन छाया ने अपनी भावनाओं को संभालते हुए दूरी बनाई। अंत में वह घर लौटकर खुद को संभालती ...और पढ़े
छाया प्यार की - 23
(छाया और काशी परीक्षा की टेंशन में थीं, पर नंदिता की मदद से संभल गईं। छाया ने मेहनत से कर आत्मविश्वास पाया। परीक्षा के बाद परिवार संग घूमने गई, तभी विशाल ने उसे होटल बुलाया। वहाँ किसी और लड़की संग उसका सरप्राइज देखकर छाया आहत हुई।)ठाकुर और बक्सीर घर लौटी तो नौकरी का काॅल आया लेकिन उसने किसी नौकरी के लिए एप्लाई ही नहीं किया था। परिवार ने मना किया, पर इंस्पेक्टर ठाकुर के आश्वासन से छाया वहां गई। ऑफिस में शक गहराया और अंदर पहुँचकर उसने देखा कि सबके पीछे उसकी जानी-पहचानी औरत ही थी – वही उसकी ...और पढ़े
छाया प्यार की - 24
(छाया और काशी परीक्षा की टेंशन में थे, लेकिन नंदिता की मदद से संभल गए। परीक्षा के बाद परिवार घूमने के दौरान विशाल ने होटल बुलाया, जहाँ किसी और लड़की के साथ देखकर छाया आहत हुई। घर लौटने पर बिना आवेदन के नौकरी का कॉल आया। इंस्पेक्टर ठाकुर के आश्वासन पर छाया सिंघानिया इंडस्ट्रीज पहुंची, जहाँ उसकी असली बॉस माहेश्वरी सिंघानिया निकली। छाया का इंटरव्यू सफल रहा और उसे नौकरी मिल गई। ऑफिस में उसने फाइलों का विश्लेषण किया और अशोक जी हैरान रह गए। रात को छाया ने विशाल और माहेश्वरी के रिश्ते का रहस्य खोजा। पुलिस स्टेशन ...और पढ़े
छाया प्यार की - 25
(विशाल डिस्को में एक लड़की को बचाता है और एहसास करता है कि उसने गलती से छाया के बजाय और को प्रपोज कर दिया था। आग्रह और टीना उसकी सलाह देते हैं कि सच सामने लाए। विशाल छाया से मिलने खन्ना रेस्टोरेंट जाता है, लेकिन छाया का मन उलझा हुआ है। वह उसे बताती है कि उसने उसे पसंद किया, लेकिन जरूरी नहीं कि वह भी प्यार करे। विशाल छाया की बातों से गुस्सा और पछतावा महसूस करता है, फिर अपनी भावनाओं को काबू में रखते हुए “सॉरी” कहता है। अब आगे)इजहार और इंक्वायरीविशाल का गुस्सा इतना स्पष्ट था ...और पढ़े
छाया प्यार की - 26
(विशाल डिस्को में एक लड़की को बचाकर एहसास करता है कि उसने गलती से छाया की जगह किसी और प्रपोज कर दिया। आग्रह और टीना उसे सच सामने लाने की सलाह देते हैं। खन्ना रेस्टोरेंट में छाया से मिलने पर वह गुस्से और पछतावे के बीच अपनी भावनाओं को काबू में रखते हुए “सॉरी” कहता है। छाया शांत रहती है, अपनी मर्जी से फैसले लेती है। विशाल उसे घर तक छोड़ने की पेशकश करता है, लेकिन छाया बस से जाने की जिद करती है। इसी बीच इंस्पेक्टर ठाकुर बक्सीर तक पहुँचने की कोशिश में गंभीर रणनीति बना रहे हैं। ...और पढ़े
छाया प्यार की - 27
(कहानी में भावनाओं और सस्पेंस का मिश्रण है। छाया और विशाल के रिश्ते में गलतफहमियाँ गहराती हैं, वहीं गुप्ता में ताऊजी-ताईजी के जाने से नित्या भावुक हो उठती है। पार्क में छाया और नित्या की मुलाकात रोमिला से होती है, जो नम्रता की पुरानी सहेली निकलती है। घर में सब मिलकर खुशियाँ बाँटते हैं, पर रात ढलते ही कहानी अंधेरे मोड़ पर पहुँचती है।जंगल के टूटे-फूटे घर में खतरनाक अपराधी बक्सीर डील की योजना बनाता है। पुलिस रघु से सच उगलवाना चाहती है, लेकिन बक्सीर के कब्जे में रघु का परिवार है। साजिशें और खतरे अब और गहराने वाले ...और पढ़े
छाया प्यार की - 28
(रात के समय, जंगल के बीच एक टूटे-फूटे घर में बक्सीर अपने गैंग के साथ रघु के बंदी होने बड़े सौदे की योजना में व्यस्त था। वहीं पुलिस इंस्पेक्टर ठाकुर रघु को पकड़ने पहुँचते हैं, लेकिन रघु जेल से भाग निकलता है। नित्या को रघु अपने साथ ले जाता है, लेकिन इंस्पेक्टर ठाकुर और पुलिस टीम समय रहते पहुँचकर नित्या को बचा लेते हैं और रघु को मार गिराते हैं। बक्सीर को पकड़ने की योजना भी बनती है। अंत में नित्या अपने घर सुरक्षित लौटती है और सभी स्थिति का सामना कर राहत महसूस करते हैं। अब आगे)रिस्क और ...और पढ़े
छाया प्यार की - 29
(नित्या के अपहरण के बाद इंस्पेक्टर ठाकुर उसे बचाकर घर लौटाते हैं। नित्या डर और सदमे में होती है, छाया उसकी देखभाल करती है। अगले दिन कॉलेज में रिज़ल्ट आने पर छाया और काशी के अच्छे अंक आते हैं, और वे खुशी में पार्टी करती हैं। लेकिन पार्टी के बाद छाया को याद आता है कि वह इंस्पेक्टर ठाकुर को बुलाना भूल गई। जब वह उनसे मिलने जाती है, तो पता चलता है कि रघु की मौत के बाद भी बक्सीर ज़िंदा है और अब उसकी नज़र नित्या पर है। यह सुनकर छाया समझ जाती है कि खतरा अभी ...और पढ़े