"अलौकिक दीपक" – एक आध्यात्मिक कहानी(Spiritual Story in Hindi)बहुत समय पहले की बात है। हिमालय की तराई में बसा एक छोटा सा गांव था — मुक्तेशपुर। यहां के लोग सीधे-सादे थे, परंतु जीवन की भागदौड़ में ईश्वर और आत्मा से उनका नाता लगभग टूट चुका था।गांव के एक कोने में एक बूढ़ा साधु रहता था — स्वामी परमानंद। वह न किसी से ज्यादा बोलते थे, न मांगते थे, बस अपने कुटिया के बाहर बैठकर एक पुराना दीपक जलाते रहते थे, जो कभी बुझता नहीं था।गांव के बच्चे उस दीपक को “चमत्कारी दीपक” कहते थे। कोई कहता, उसमें दिव्य शक्ति है,

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अलौकिक दीपक - 1-2

अलौकिक दीपक – एक आध्यात्मिक कहानी(Spiritual Story in Hindi)बहुत समय पहले की बात है। हिमालय की तराई में एक छोटा सा गांव था — मुक्तेशपुर। यहां के लोग सीधे-सादे थे, परंतु जीवन की भागदौड़ में ईश्वर और आत्मा से उनका नाता लगभग टूट चुका था।गांव के एक कोने में एक बूढ़ा साधु रहता था — स्वामी परमानंद। वह न किसी से ज्यादा बोलते थे, न मांगते थे, बस अपने कुटिया के बाहर बैठकर एक पुराना दीपक जलाते रहते थे, जो कभी बुझता नहीं था।गांव के बच्चे उस दीपक को “चमत्कारी दीपक” कहते थे। कोई कहता, उसमें दिव्य शक्ति है, ...और पढ़े

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अलौकिक दीपक - 3

अलौकिक दीपकभाग 1: रहस्यमयी भेटबाबा के देहांत के बाद, आरव को उनका पुराना लकड़ी का संदूक मिला। उसमें से किताबें, माला और एक पीतल का पुराना दीपक निकला। वह दीपक कुछ अलग ही चमक रहा था, मानो खुद कोई ऊर्जा उत्सर्जित कर रहा हो।उस दीपक के साथ एक चिठ्ठी भी थी —"यह दीपक साधारण नहीं है, आरव। जब अंधेरा सब कुछ निगलने लगे, तब इसे जलाना... पर याद रखना, इसका उजाला सिर्फ उन्हें दिखेगा जो सच्चे हैं।"आरव को यह सब बस बाबा की किसी धार्मिक भावना का प्रतीक लगा। पर रात को, जब बिजली चली गई और घर ...और पढ़े

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अलौकिक दीपक - 4

अलौकिक दीपक – भाग 4(आरव की कहानी)गाँव की उस पुरानी हवेली में दीपक अब भी जल रहा था। उसकी हल्की-हल्की काँप रही थी, जैसे किसी अनदेखी शक्ति से बातें कर रही हो। पिछले तीन भागों में जहाँ रहस्य और अतीत की परछाइयाँ सामने आई थीं, वहीं अब इस दीपक ने एक नया चेहरा दिखाया—आरव का।आरव गाँव का एक साधारण लड़का नहीं था। बचपन से ही उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी। लोग कहते थे कि वह किसी पिछले जन्म की छाया अपने साथ लिए घूमता है। जब वह पहली बार उस अलौकिक दीपक के पास पहुँचा, ...और पढ़े

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