बंधन (उलझे रिश्तों का)

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यह मेरी नई कहानी है प्लीज इसे जरुर पड़ी है और कमेंट दीजिए आपको कहानी कैसी लगी है। डिस्क्रिमिनेशन यह कहानी सिर्फ मनोरंजन के लिए लिखा गया है इसका वास्तविकता से कोई भी संबंध नहीं है। कहानी का ट्रेलर यह कहानी है शिवाय आरोही और तरुण की। शिवाय कपाड़िया कपाड़िया खानदान का छोटा वारीस है जो आरोही से करता है बेइंतहा मोहब्बत जिसकी वजह से उसने अतीत में ऐसा कुछ किया है जिसने बदल दी है पांच जिंदगियां की तकदीर। आरोही और तरुण जल्दी एक दूसरे से शादी करने वाले हैं पर अचानक उन दोनों को पता चलता है कि आरोही दो जुड़वा बच्चों की मां है और वह दो बच्चे कोई और नहीं शिवाय के आर्य और सन्नवि है । पर शॉकिंग बात यह है कि पर कैसे यह बच्चे आ रही की हो सकते हैं, क्योंकि वह कभी प्रेग्नेंट हुई नहीं है। तरुण यह बात जानकर क्या छोड़ देगा आरोही का साथ या आरोही के साथ मिलकर शिवाय की साजिश का पता लगाएगा।।

Full Novel

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 1

यह कहानी है आरोही तरुण और शिवाय की। आरोही अपने प्यार तरुण से शादी करने वाली थी जिस दिन और आरोही का शादी था उसे दिन आरोही की जिंदगी में शिवाय नाम का तूफान दस्तक देता है वह भी अकेला नहीं अपने दो बच्चों के साथ। आरोही के मंडप पर जहां वह तरुण के साथ फेरे लेने वाली थी बीच में शिवाय आकर यह दावा करता है कि आरोही उसके बच्चों की मां है जिसे सुनकर वहां खड़े सारे लोग सदमे में चले जाते हैं यहां तक की खुद आरोही और तरुण भी। क्या करेगी आरोही शिवाय नाम के तूफान का। क्या तरुण देगा आरोही का साथ। या मजदार में छोड़ देगा आरोही को। अब सवाल है की क्या करेगी आरोही। कैसे बाहर निकलेगी खुद को शिवाय नाम के तूफान से। पढ़िए यह मेरी कहानी बंधन उलझे रिश्तों का हर रात 10:00 बजे। ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 2

पिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि शिवाय आर्य ,सन्नवि को उठाता है और उन दोनों को रेडी कर ब्रेकफास्ट करवा कर किंडरगार्डन के लिए ले जाता है।उस के बाद वह अपने रेस्टोरेंट asa के लिए निकल तो वह देखता है कि किस तरह से रेस्टोरेंट में काम किया जा रहा है उसके बाद वह अपने केबिन में जाता है।जैसे ही प्रणय और शिवाय केबिन के अंदर आते हैं तो शिवाय प्रणय को बोलने का इशारा करता है तो प्रणय बोलता है ।अब आगेबाँस हमें जो का इनफार्मेशन मिली है वह गलत है हमारे गॉड्स उसे लोकेशन पर गए ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 3

Chapter 3पूरे 18 घंटे के सफर करके वह लोग इंडिया आ गए इंडियाएयरपोर्ट दिल्लीवह लोग जैसे ही एयरपोर्ट से निकल रहे थे। लोग उन्हें मुड़ मुड़ कर देख रहे हैं क्योंकि, दो इतने हैंडसम आदमी और उनके साथ दो क्यूट क्यूट से बच्चे बहुत ही सुंदर और रेयर नजारा है। खासकर लड़कियां तो वह दो क्यूट से प्यार से टेडी जैसे बच्चों को देखकर अपने बॉयफ्रेंड और पति को कहा रही थी काश हमारे भी बच्चे ऐसे हों।आर्य और सन्नवी शिवाय और प्रणय के गोद में सो रहे थे क्योंकि बच्चे थक चुके थे।Abb आगेआर्य , सन्नवी दोनों शिवाय ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 4

Chapter 4Recapepichhle Chapter mein humne yah padha ki sanvi aur Arya ki cuteness aur harkatul se sabka Dil Jeet hai Raman ji Ka operation successful ho jata hai.उन दोनों की इस बात पर सब को बहुत प्यार आता है और वह दोनों (खुशी जी अरनव जी )।। दोनों को मना नहीं कर पाते इसलिए वह जूस का ग्लास लेकर पीने लगते हैं। ऐसे ही कर के सान्नवी और आर्य सबको जूस का ग्लास पकड़ा देते हैं और सभी उन की बात माना नहीं कर पाते उन का दिल रखने के लिए सब ने जूस का ग्लास लेकर जूस पीना ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 5

रीकैपपिछला chapterमैं हम पढ़ते हैं कि सारे घर वाले शिवाय को आर्य और संन्नवि के बारे में पूछते हैं माँ के बारे में पूछते हैं पर शिवाय कोई जवाब नहीं देता है। जिसकी वजह से खुशी जी शिवाय पर हाथ उठा देती है। सारे घर वाले शिवाय से सवाल जवाब कर ही रहे थे कि तभी ।नर्स आकर बोलती है कि रमन जी को होश आ चुका है जिसकी वजह से सभी लोग रमन जी से मिलने के लिए चले जाते हैं। वही शिवाय को वनराज संभालता है।ab aageजैसे ही सब आईसीयू में आ जाते हैं तो देखते हैं ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 6

6 recapपिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि रमन जी को होश आता है। जिसे देखकर सब इमोशनल हो हैं। रमन जी 5 साल बाद शिवाय को देखकर उन्हें छोड़कर जाने की वजह पूछते हैं जिसकी वजह से शिवाय उनके बाहों में बिलख बिलख कर रोने लगता है। तभी संन्नवि वार्ड के अंदर आती है तो सबको रोते देखकर खुद भी रोती है। जिसे देखकर शिवाय उसे तब जाकर छुप करवाता है तभी फिर से वोट का दरवाजा खुलता है और इस बार वनराज की असिस्टेंट आई है और वनराज और शिवाय को लेकर वहां से जाती है क्योंकि ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 7

7Recapeपिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की हमारी हीरोइन की एंट्री होती है जिस का नाम आरोही है।आरोही रमन से मिलने आती है और उन्हें डांटना शुरू कर देती है कि उन्हें अपने हेल्थ की चिंता ही नहीं है उन्हें बस चिंता की चिंता है कि वह कैसे चिंता करें उसकी ऐसी बात सुनकर जो वार्ड का माहौल अब तक गंभीर था वह खुश माहौल बन गया इधर दूसरी तरफ रूपाली वनराज को एक न्यूज़ बताती है जिसकी वजह से कंपनी के शेयर्स दिनभर दिन गिरते जा रहे हैं। शिवाय ने कहा कि हमें लोगों से बाद में नहीं ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 8

8 रीकैपपिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह आरोही आकर सबकी क्लास लेती है और बाद में जीत की खुशी के बारे में बताती है सभी लोग से कंग्रॅजुलेशंस बोलते हैं बाद में अभी लोग आरोही के क्यूट क्यूट बातों से हंस रहे थे बोलो कितनी जोर से हंस रहे थे कि उनके हंसने की आवाज बाहर क्वालिटी डोर तक आ रही है जब शिवाय और वनराज अपने घर वालों की हंसने की आवाज सुनते हैं तो वह एक दूसरे को देखकर पूछते हैं कि अंदर क्या सर्कस चल रहा है जो सब लोग इतने जोर से ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 9

9रीकैपपिछले चैप्टर में हमने पढ़ा की आरोही को अपने सामने देखकर शिवाय का दिल बहुत जोर जोर से धड़क था।तभी शिवाय ने अपने खुले आंखों से सपना देखता है कि आरोही उसके पास आकर उसे गले लगाती है और रो कर उस से शिकायत करती है ।लेकिन जब उस की यह खुले आंखों का सपना टूटता है जब उसे आरोही जोर से थप्पड़ मारती है।उसके बाद आरोही शिवाय को गुलदस्ता लेकर मारने लगती है वह भी बहुत जोर जोर से और बाकी सब घर वाले या तमाशा बड़ा एंजॉय कर कर देख रहे थे।तभी आरोही शिवाय से पूछती है ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 10

10रीकैपपिछले चैप्टर में पड़ा की आरोही किस तरह से नाराज हो जाती है ।फिर अरनव जी के समझाने पर अपने गलती का एहसास होता है और वह सबसे माफी मांगती है तभी आरोही के पैरंट रमन जी सेमिलने आते हैं और वह भी सबसे माफी मांगते हैं। तभी सब लोग एक दूसरे से बातें करते हैं। तभी शिवाय को बच्चों का ध्यानआता है कि वह इतनी देर से दिखाई नहीं दे रहे हैं इतना सोचकर वार्ड से बाहर जाता हैअबआगेशिवाय बाहर की तरफ आता है और अपना फोन जेब में से निकाल कर प्रणय को कॉल करता है प्रणय ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 11

रीकैपपिछले चैप्टर में हमनें पढ़ा की रमन जी के न्यूज़ इंटरनेट पर फैलने के बाद बहुत सारे लोग उनसे आते हैं और गिफ्ट्स लाते हैं ऐसे ही एक हफ्ता गुजरता है ।और रमन जी को डिस्चार्ज मिलता है ।कार में शिवाय और आर्य संन्नवि को अपने आप को इग्नोर कर थे देख जल रहे थे। रमन और वनराज को शिवाय का अपनी बेटी के लिए इतना प्रोटेक्टिव नेचर देखकर मजा आताहैअब आगेवनराज की बात सुनकर सब लोग कार से उतरते हैं।और मेंशन के अंदर जाने लगते हैं। शिवाय 5 साल बाद अपने घर को देखकर थोड़ा सा इमोशनल होता ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 12

recapपिछले चैप्टर में हम यह पढ़ते हैं कि किस तरह कपाड़ियाहाउस में शिवाय का वेलकम होता है और उसके की खुशी में पार्टी रखी जाती है। दूसरी तरफ शिवाय की बहन पालकी शिवाय से नाराज है और शिवाय उसे 2 दिन से मनाता है पर वह मानतीं नहीं है।अब आगेAarohi ka Gharबाहरी हिस्सा:- एक बड़ा और सुंदर प्रवेश द्वार- रंगीन साज-सज्जा और विशेष विवरण- महल के आगे एक हरा-भरा बाग़आंतरिक हिस्सा:- विशाल लिविंग रूम (हॉल) आरामदायक बैठने के क्षेत्रों के साथ- पारंपरिक Indian सजावट, जिसमें विशेष लकड़ी के फर्नीचर और रंगीन कपड़े हैं- आधुनिक उपकरणों वाला बड़ा किचन और ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 13

रीकैपपिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की शिवाय घर आता है और उसका घर में सब अच्छे से वेलकम हैं लेकिन पालकी शिवाय से नाराज होती है दूसरी तरफ आरोही तरुण से नाराज होती है क्योंकि तरुण ने उसे 2 दिन से कॉल नहीं किया है ना ही मैसेज किया है।तो अंकिता जी आरोही को समझाती है कि तरुण अपने काम में बिजी होगा इसलिए उसने कॉल नहीं किया है तुम भी तो कर सकती थी।उसके बाद आरोही तरुण को कॉल करती है और उसे बातें करती है वह बातों बातों में बोलती है कि आज उनके शादी का ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 14

रीकैपपिछले चैप्टर में हम ने यह पढ़ की किस तरह से आरोही खुश हो करडांस करती है ।दूसरी तरफ कपाड़िया अर्णव कपाड़िया की फैमिली से नफरत करते है ।उनकी खुशियों को चिन्ना चाहता है। तीसरी तरफ शिवाय पालकी को मानता है।अरनव जी ,खुशी जी अपने घर में अपने बच्चों को पहले की तरह हंसते खेलते देखकर बहुत खुश हो जाते हैं इशिता जी अपने मन में ही अपने बच्चों के और परिवार का भलाई लेती है।अब आगेसब लोग अपने-अपने कमरे में तैयार हो रहे हैं क्योंकि शाम को ने टाइम से पार्टी हॉल में भी जाना है।।वनराज और रुचिता ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 15

15रीकैपपिछले चैप्टर में हम इशिता जी और रमन जी की साइलेंट रोमांस देखते हैं, तो वनराज और रुचिता जी प्यार तो तीसरी तरफ खुशी जी और अरनव जी की नोक झोक। सभी लोग तैयार होकर पार्टी हॉल के लिए निकल जाते हैं।अब आगेपार्टी हॉल मेंपार्टी में सभी लोग एक दूसरे से बात कर ही रहे थे कि तभी दरवाजे एंट्रेंस पर फोकस लाइटजाती है। जिसे देखकर सभी लोग दरवाजे की तरफ देखते हैं।सभी लोग दरवाजे की तरफ देखते हैं तो उन्हें सामने एक हैंडसम सा आदमी दिखाई देता है जो व्हीलचेयर पर एक आदमी को लेकर अंदर की तरफ ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 16

रीकैपपिछले चैप्टर में हमने यह पाढ की किस तरह से शिवाय और बाकी सब की एंट्री होती है। जब लोग आते हैं तो मीडिया के लोग उन से तरह-तरह के सवाल पूछते है। जिसका जवाब वनराज और अरनव की बड़े शांत लहजे में देते हैं पार्टी में शिवाय का बचपन का दोस्त कार्तिक भी आया है जो शिवाय के साथ मस्ती मजाक कर रहा था तभी सन्नवि रोते हुए शिवाय के पास आती है और उस के गोद में चढ़कर उसके गले में अपना चेहरा छुपा लेती है ‌‌।‌ अब आगेजैसे शिवाय सन्नवि को गोद में उठाकर पार्टी हॉल ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 17

रीकैपपिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह से शिवाय आरोही को देख रहा था । तभी पीछे कोई जाकर आ रही की आंखों पर हाथ रखता है। आरोही उस इंसान को पहचान जाती है और उसे गले लगाते हुए बोली आई मिस यू तरुण।तभी स्टेज पर तरुण के पापा और आरोही के पापा ने उन दोनों की शादी का डेट अनाउंसमेंट कर दिया था। सभी लोग तरुण आरोही को कंग्रॅजुलेशन करने आते हैं।वहीं पर खड़ी हुई आंटिया शिवाय और कार्तिक को शादी करने का एडवाइस देती है तो दूसरी तरफ एक और आंटी आकर अपनी बेटी को ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 18

रीकैपपिछले चैप्टर में आपने यह देखा कि शिवाय कांफ्रेंस के साथ बोलता है कि वह सिंगल है और वह पैरंट है उसने आज तक अपनी लाइफ में किसी लड़की को आने नहीं दिया है ना आगे आने देगा उसकी लाइफ में सिर्फ उसके बच्चे और उसका परिवार ही इंपॉर्टेंट है।शिवाय की बात सुनकर सब लोग हैरान रह जाते हैं खासकर तरुण ,आरोही ,मल्होत्रा फैमिली और शर्मा फैमिली ।शेखर जी का प्लान फ्लॉप हो जाता है कपाड़िया उसको इंसल्ट करने का । उन्हें करारा जवाब मिलता है।अब आगेसिद्धार्थ और राम जी की बात सुनकर अर्णव जी बोले कैसे रिएक्ट करने ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 19

रीकैपपिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह शिवाय बेचैन होकर बच्चों के साथ बाहर निकल जाता है के साथ-साथ कार्तिक ,पालकी और प्रणय भी निकालते हैं।घर जाकर सब अपने कमरे में जाकर फ्रेश होते हैं शिवाय के रूम में शिवाय अपने दोनों बच्चों के कपड़े चेंज करता है और उन्हें चादर डालकर खुद वॉशरूम की तरफ फ्रेश होने चला जाता है।फ्रेश होकर बालकनी में बैठा है उसके साथ कार्तिक भी बैठता है।दोनों 5 साल पहले क्या हुआ है उसके बारे में बात कर रहे थे इस बात से अनजान की कोई उनके बातें सुन रहा है।अब आगेशिवाय ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 20

रीकैपपिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह घर आकर कार्तिक और शिवाय अपने पिछले जिंदगी के बारे बात करते हैं आरोही को बच्चों को देखकर अजीबसी बेचैनी हो रही थी जो उसे समझ में नहीं आ रही है।।शेखर जी, कपाड़िया एस की खुशियां देखकर ,अपना शुद्ध बुद्ध खोतेहैं। और शराब पर शराब पिए जा रहे थे पर उनकी बीवी मोहिनी जी जब उन्हें रोकते हैं तो उन्हें पहले फिजिकल टॉर्चर करते हैं फिर उन्हें सेक्सुअल ह्रास करते हैं वह मोहिनी जी के साथ तब तक जबरदस्ती करते रहते हैं जब तक वह बेहोश ना हो चुकी है ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 21

पिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह से सभी लोग कपाड़िया मेंशन के लिए जाने के लिए होते हैं।अब आगेकपाड़िया मेंशन के बाहर तीन गाड़ियां आकर रूकती है जिसमें पहले गाड़ी में आरोही शशांक अंकिता जी राम जी निकलते हैं।दूसरे गाड़ी में यश जी जय जी सिद्धार्थ जी निकलते हैं।तीसरे में और आखिरी गाड़ी में तरुण और वीरा बाहर निकलते हैं।सभी पहले एक दूसरे से गले मिलते हैं आरोही तरुण भी एक दूसरे को देखकर मुस्कुराते हैं और हाथ पकड़ कर अंदर चले जाते हैं।अंदर जाते ही वह देखते हैं कि हाल में खुशी जी, रमन जी ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 22

रीकैपपिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह से सब मिलकर बातें करते हैं और सारे लेडिस किचन एक दूसरे की हेल्प करते हैं ‌। शिवाय बच्चों को उठाकर उन्हें फ्रेश कर वा कर रेडी करता है।कार्तिक और सन्नवी की मस्ती देखकर शिवाय को जलन होती है।अब आगेजैसे ही बच्चे शिवाय के साथ नीचे आते हैं तो सब उन बच्चों को देखकर सब शॉक्ड और हैरान रह जाते हैं।सबकी ऐसी नजरे देखकर शिवाय को और भी बेचैनी हो रही थी पर इस बेचैनी में शिवाय इस बार अकेला नहीं था। सबका ऐसा रिएक्शन देखकर कार्तिक को भी डर ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 23

चैप्टर 23।रीकैपपिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह सभी बच्चों के साथ घुल मिलकर हंसते हुए बातें हैं वहीं दूसरी तरफ बच्चों को देखकर आरोही के मन में अजीब सी फीलिंग आती है जैसे वह उसी के अंश।दूसरी तरफ शेखर जी मोहिनी जी को नहला कर रेडी करते हैं पर इसमें भी वह उन्हें चोट पहुंचा ही देते हैं।अब आगेजैसे ही शेखर जी यह देखते हैं कि , वहां मोहिनी जी कुछ खाअ नहीं रही है तो वह उन पर चिल्लाते हैं और उन्हें जबरदस्ती खाना खिलाते हैं।चलिए अब हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों है।(फ्लैशबैक)20 ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 24

। रीकैपपिछले चैप्टर में हमने पढ़ा की शेखर जी जबरदस्ती मोहिनी जी को खाना खिलाते हैं मोहिनी जी रोते खाती है और अपने अतीत के बारे में सोचती है जिसे सोचकर वह खुद पर ही हंस रही थी और किस्मत पर रो रही थी दूसरी तरफ कपाड़िया मेंशन में कार्तिक बच्चों से सवाल पूछता है कि उन दोनों में से बड़ा कौन है तो दोनों बच्चे एक दूसरे की तरफ उंगली करते हैं तो शिवाय बोलता है कि आर्य सन्नवि से 2 मिनट छोटा है।तभी पालकी बाहर से भागते हुए आती है और सब को बाहर चलने के लिए ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 25

पिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की दुर्गा तीन लड़कों को बहुत बुरी तरह से पीटती है। क्योंकि वह लड़के एक बेचारी मासूम लड़की को छेड़ते हैं। तभी खुशी जी दुर्गा को गुस्से से पुकारती है ।खुशी जी की आवाज सुनकर दुर्गा एकदम डर के मारे पीछे मूर्ति है तो देखती है कि खुशी जी बहुत ही ज्यादा गुस्से में है।कार्तिक खुशी जी के गुस्से में और घी डालता है जिसकी वजह से दुर्गा कार्तिक पर चीड़ जाती है।तब तक खुशी जी घर के अंदर जा चुकी थी दुर्गा मासूम सी शक्ल बनाकर सभी घर वालों को देखते हैं ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 26

रीकैपपिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि दुर्गा खुशी जी को मानती है दूसरी तरफ कौरव बोलता है कि आपने मेरे लिए गिफ्ट नहीं लाया दुर्गति तीनों बच्चों को गले लगा कर उन्हें गिफ्ट देती है।बाकी सब डाइनिंग टेबल पर बैठकर अपना अपना संडे प्लान करते हैं जहां बच्चे पिकनिक के लिए पार्क जाने वाले थे इंद्रजीत वनराज ऑफिस के लिए जाने वाले हैं शशांक राम जी और सिद्धार्थ जी ऑफिस मीटिंग के लिए चले गए बाकी लेडिस शादी की तैयारी के बारे में बात करनाचाहते हैं।अब आगेइस वक्त सुबह के 10:00 बज चुके थे और सभी भी लोग ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 27

Sorry guys aaj main without recap story likh rahi hunजैसे ही आरोही पालकी और संन्नवि ,आर्य और कौरव , में पहुंचते हैं तो देखते हैं कि वह पार्क बहुत ही ज्यादा बढ़ा है ।उस पार्क में बच्चों के खेलने के लिए तरह-तरह के चीजें हैंउसे पार्क के अंदर बहुत सारे तरह-तरह के बच्चों को एंटरटेन करने के लिए ‌ इक्विपमेंट्स थे जैसे की स्विंग, स्प्रिंग हॉर्स ,स्लाइड जंगल जिम, सैंड बॉक्स केसर मंकी बर, टनल आदि चीज। यहां तक की वाटर गेम्स भी थे जैसे की छोटा सा स्विमिंग पूल, वाटर गन, वाटर बैलून आदि चीज थे।जिसे देखकर संन्नवि ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 28

रीकैपपिछले चैप्टर में हम ने पढ़ा के बच्चे आरोही aur पालकीपार्क के लिए जाते हैं। सन्नवी पार्क देकर बहुत हो जाती है। संन्नवि और कौरव पार्क में बहुत मस्ती करते है। पर आर्य चुपचाप एक बेंच पर बैठकर उन सब को मस्ती करते हुए देखता है। क्योंकि उसे इन सब में इंटरेस्ट नहीं है।कपाड़िया इंडस्ट्रीज में शिवाय जाता है और अपने एम्पलाइज को एक मोटिवेशनल स्पीच देता है ।पूरा कपाड़िया ‌ कॉर्पोरेशन में घूमता है। उसे उस कंपनी से जुड़े हुए अपनी पुरानी यादें आती है।अब आगेकपाड़िया मेंशन मेंसुबह के 5:00कपाड़िया मेंशन में एक छोटा सा जिम है जहां ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 29

रीकैपपिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि सभी लोग नवरात्रि की तैयारी करना शुरू कर देते हैं। वनराज और एक दूसरे से बात कर ही रहे थे कि तभीवह दुर्गा आती है। प्रणय के साथ फ्लर्टकरती है।। रुचिता औरवनराज ,अपनी कुछ स्पेशल ममेंट्स एक दूसरे के साथ बिताते हैं।अब आगेकपाड़िया हाउस मेंइस वक्त मोहिनी जी भी नवरात्रि की तैयारी कर रही थी वह भी बहुत ही भागते दौड़ते हुए ।इस वक्त कपाड़िया हाउस हमेशा की तरह सुनसान और बेजाननहीं था आज कपाड़िया हाउस में हलचल थी।मोहिनी जी ने इस वक्त मल्टी कलर की चमकीली साड़ी, गुजराती स्टाइल में साड़ी ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 30

पिछले चैप्टर में हमने यहांपढ़ की शेखर जी की मां मोहिनी जी की सासू मां तेज जी की पत्नी जी घर आई है वह आते ही मोहिनी जी को ताना देना शुरू करती है। तभी शेखर जी वहां पहुंचते हैं फिर वह उनकी हाल-चाल पूछते हैं ।। तभी शेखर जी की बेटी सच्ची वह आती है और उर्मिला जिसे गाले लगाकर उनसे बातें करती हैपर शेखर जी को इग्नोर करती है । यह बात शेखर जी में दिल में चुभती है।कपाड़िया मेंशन में आरोही आती है और बच्चो के साथ मिलकर नाश्ता करती है। शिवाय और वनराज मूर्ति लाने ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 31

Recapपिछले चैप्टर में हमें पढ़ते हैं कि शिवाय वनराज माता रानी को लाते हैं और पूरा कपाड़िया परिवार माता और घटस्थापना करते हैं।सभी लोग बहुत ही ज्यादा एक्साइड थे त्यौहार मनाने के लिए। जैसे ही सब लोग गरबा खेलने जाते हैं तभी सांची वहां आती है और सब के साथ मिलती है। बड़ों के आशीर्वाद लेती है और अपनी उम्र के लोगों से गले मिलती है।शिवाय कार्तिक को परेशान करना चाहता था पर कार्तिक ने ही शिवाय को परेशान करता है।अब आगेकार्तिक की बात सुनकर शिवाय झेप जाता है ‌। अपनी नजरों को तभी इधर-उधर करता है। शिवाय को ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 32

रीकैपपिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि सभी लोग गरबा खेल रहे थें तभी वनराज को एक मैसेज आता तो वह दुर्गा और शिवायको मैसेज दिखाता है। जिसे देखकर उनतीनों के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आता है। कुछ गुंडे लड़कियों को स्मगल कर कर दूसरे देश ले जान रहे थे तभी तीन नकाबपोश आकर उन लड़कियों को बचाते हैं।अब आगेएस(S) बैच वाला बोलता है हां बॉस मैंने इन लड़कियों के घर वालों का पता लगवाया है। पर इनमें से बहुत सारी लड़कियां अलग-अलग शहरों के अनाथ आश्रम से ली गई है। और कुछ के परिवार ने इन लड़कियों ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 33

रीकैप ।पिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि किस तरह से पालकी अमेरिका जाने की ज़िद करती है। पहले घर वाले उसे अकेले अमेरिका भेजने के लिए हिचकी चाहते हैं पर जब शिवाय बताता है कि प्रणय भी अमेरिका जा रहा है तो बाकी सब भी पालकी को अमेरिका जाने की परमिशन दे देते हैं।अब आगेकपाड़िया हाउस मेंइस वक्त सांची और मोहिनी जी में बहस चल रही थी ।क्योंकि सांचीफिर से, एकनई डिमांड शुरू हो गई थी जिसे पूरा करने के लिए जिद कर रही है।सांची के सर पर पेंटिंग आर्टिस्ट बनने का भूत सवार हो गया था जिसकी ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 34

रीकैपपिछले चैप्टर में हम यह पढ़ते हैं कि सांची पेंटिंग क्लासेस जाने की जिद करती है पर मोहिनी जी मना कर देती है तभी उर्मिला जी वहां आ कर मोहिनी जी को दो बातें सुनाती है और सांची को पेंटिंग क्लासेस जॉइन करने की परमिशन दे देती है।दूसरी तरफ एक कमरे में चारों नकाबपोश एक आदमी को कैप्टनको बताते हैं कि उन्होंने लड़कियों को बचा लिया है तो कैप्टन उन्हें बोलता है कि उन्हें औरलड़कियों की बैच को रोकना है । कैप्टनकी बात सुनकर, चारों नकाबपोश उसका आर्डर मानते हैं।। कैप्टन के जाते ही नकाबपोश भी वहां से चले ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 35

chapter 35recapपिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि शिवाय प्रणय को अपने रेस्टोरेंट के बारे में कुछ इंस्ट्रक्शन देता उसके बाद वह जया जी और खुशी जी की बातें सुनता है । जिसे सुनकर उसका दिल टूट जाता है क्योंकि जया जी ,खुशी जी को आरोही और तरुण की सगाई के बारे में बता रही थी।शिवाय उनकी बातें सुन नहीं पता और वह अपने कमरे में चला जाता है और बालकनी में खड़े होकर अपने अतीत में चला जाता है,किस तरह उसने पहली बार आरोही को देखा था। उन लोगों की दोस्ती कैसे हुई थी किस तरह से उसका ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 36

रीकैपपिछले चैप्टर में हमें पढ़ते हैं कि शिवाय वनराज कार्तिक और दुर्गा चुप कर घर से निकल जाते हैं शिवाय और कार्तिक एक ट्रक का पीछा करते हुए जाते हैं तो दुर्गा और वनराज लड़कियों को बचाने के लिए उसे खंडार में जाते हैं।अब आगेशिवाय और कार्तिक एक-एक कर कर वहां सारे गुंडो को पीट रहे थे ।जहां शिवाय गुंडो को अपने फाइटिंग स्किल से पीट रहा था ,तो कार्तिक हाथों में छोटी-छोटी सुई से फाइट कर रहा था ।इस वक्त दोनों ऐसे फाइट कर रहे थे जैसे वहां कोई हॉलीवुड की एक्शन मूवी बन रही हो एक-एक कर ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 37

chapter 37recapपिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि कार्तिक दुर्गा वनराजा शिवाय सभी लोग मासूम लड़कियों की तस्करी को कर उन लड़कियों को सही से सुरक्षित से हेल इन थे हेवन में भेज देते हैं और घर पर आकर अपने अपने कमरे में जाकर सुकून से सो जाते हैंअब आगे।शर्मा निवास मेंइस वक्त सुबह-सुबह शर्मा निवास में अंकिता जी की आवाज गूंज रही थी। जो नौकरों से जल्दी-जल्दी से किसी चीज की तैयारी करने के लिए चीला रही थी।राम जी सोफे पर बैठे हुए अखबार पढ़ते हुए चाय पी रहे थे, राम जी को देखकर अंकिता जी बोली यह ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 38

चैप्टर 38रीकैपपिछले चैप्टर में है हम पढ़ते हैं कि किस तरह से शशांक आरोही इमोशनल होते हैं तो दूसरी हम पढ़ते हैं कि पालकी और प्रणय दोनों अमेरिका के लिए निकल चुके हैं ।अब आगे।फ्लाइट के अंदरप्रणय और पालकी कोअपनी सीट मिल जाती है, प्रणय पालकी को विंडो सीट पर बिठाकर कुछ साइड में बैठ जाता है।इस वक्त पालकी बहुत ही ज्यादा नर्वस दिखाई दे रही थी क्योंकि यह उसका पहला फ्लाइट एक्सपीरियंस होगा।ऊपर से वह पहली बार अकेली कहीं जा रही थी वह भी इतना दूर प्रणय उसके साथ था पर प्रणय भी उसके लिए अभी भी अनजान ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 39

चैप्टर 39रीकैपपिछले चैप्टर में हम लोग पढ़ते हैं की आरोही और तरुण की सगाई की बात शर्मा हाउस में रही थी तो दूसरी तरफ उर्मिला जी कपाड़िया मेंशन जाने के लिए तैयार हो रही थी और कुछ अपने अतीत के राज बोल रही थी। बच्चे पार्क में खेल रहे थे और खेलते खेलते हैं उनके हाथापाईकिसी से हो गई थी। शिवाय और वनराज को एक कॉल आया था, किसी का इनफार्मेशन देने के लिए ।अब आगे।पार्क मेंमोंटी की माँ आकर संन्नवि और मोंटी को अलग करती है उसके बाद वह अपने बेटे की हालत देखती है जिसे देख कर ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 40

chapter 40नो रीकैपकपाड़िया कॉर्पोरेशन में वनराज अपने केबिन में गुस्से से बैठा हुआ था, तभी शिवाय दरवाजा knock कर अंदर आता है और वनराज के सामने खड़े हो जाता है ...जैसे ही वनराज ने शिवाय को दिखा तो वह अपने चेयर से उठकर शिवाय को एक जोरदार थप्पड़ मारता है।जिसे देखकर शिवाय की आंखें खुली की खुली रहती है क्योंकि आज तक वनराज ने शिवाय पर हाथ उठाना तो दूर आंखें बड़ी कर कर भी नहीं देखा था।शिवाय अपने गाल पर हाथ रखकर बस वनराज को देख रहा था कि।। वनराज ने उस फाइल को उठाकर शिवाय के ऊपर ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 41

episode 41recapपिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि सांची, कश्यप, राम जी और सिद्धार्थ जी का एक्सीडेंट होता है,तो और वनराज चारों को अस्पताल ले आते हैं जहां पर कश्यप की हालत इतनी बुरी नहीं थी पर बाकी तीनों को ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट किया था। वनराज सबको एक्सीडेंट के बारे में बता देता है जिसे सुनकर मल्होत्रा ,शर्मा और कपाड़िया s हॉस्पिटल आ जाते हैं। sabki buri halat dekhkar Shivay cafeteria jakar sabke liye Na chai coffee Pani ko order kar kar emergency ward ki taraf ले Ja hi raha tha ki. vah samne se Aarohi Tarun Arya ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 42

चैप्टर 42जैसे ही वीरायह बताती है कि राम जी और सिद्धार्थ जी का एक्सीडेंट हो गया है,तो आरोही और के पैरों तले जमीन खिसक जाती है।अभी तरुण और आरोही वीर से ऑपरेशन थिएटर का रास्ता पूछ कर वहां से एकदम भाग कर चले जाते हैं।उनके जाते ही वहां पर कार्तिक की मां संजना जी आती है क्योंकि वह शहर की नहीं- बल्कि पूरे देश की बेस्ट चाइल्ड डॉक्टर थी।वह जल्दी से वार्ड के अंदर जाती है। और संन्नवि का इलाज शुरू कर देती है। बाहर वनराज, शिवायरुचिता, इशिता जी खड़े थे।कौरव और आर्य दोनों बेंच पर बैठे हुए थे।कुछ ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 43

राम जी और सिद्धार्थ जी को होश आ गया था जहां सभी लोग उनसे मिलते हैं। और एक राहत सांस लेते हैं।संन्नवि के वार्ड मेंसनवी के वार्ड में सभी लोग संवि से मिलने आते हैं। आर्य अपने पापा की कंप्लेंट संवि से कर रहा था, जिसे संवि भी बडी ध्यान से सुन रही थी।इस वक्त संवि एक बड़ी बहन की तरह एक्ट कर रही थी , - तो आर्य छोटे भाई की तरह कंप्लेंट कर रहा था, (वरना हमेशा आर्य ही बड़ों की तरह act करता रहता है)उन दोनों को ऐसे देख कर . वहां पर खड़े सभी लोगों ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 44

44आरोही के वहां से जाते ही दुर्गा एक गहरी सांस लेती है और खुद को शांत करवाते हुए संवि की तरफ जाती है।संवि वार्ड के अंदर बहुत हलचल थी क्योंकि 4 दिन बाद वह अपने घर जाने वाली थी जिसकी वजह से वह बहुत ही ज्यादा खुश थी और उछल कूद कर रही थी उसे ऐसे खुश देखकर शिवाय भी बहुत खुश था, संवि के साथ आर्य भी मस्ती कर रहा था।तभी दुर्गा वार्ड का दरवाजा खोलकर अंदर आती है इस वक्त उसके चेहरे पर घबराहट और माथे पर पसीना था तो सांसें भरी हुई थी।उसकी ऐसी हालत देखकर ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 45

जैसे ही डॉक्टर रोली उसे शख्स को देखती हैं तो एक राहत की सांस लेती है ,क्योंकि यह शख्स पुराना पेशेंट होता है।खुशी जी ,अंकिता जी की बातें सुनकर संवि के वार्ड में आने की बजाय वहां से कहीं जाती है और किसी को कॉल लगाकर कुछ बोलती है और उसके बाद कॉल कट कर कर वह बच्चों के वार्ड में आ जाती है।उन्हें वहां देखकर बच्चे खुश हो जाते हैं।कार्तिक शिवाय और दुर्गाएक कमरे मेंदुर्गा और कार्तिक डॉक्टर रोली को लेकर परेशान होते हैं, और बहकी बहकी बातें करने लगते हैं।जिसे सुनकर शिवाय उन दोनों पर चिल्लाता है। ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 46

क्योंकि वह इस शहर में अकेली रहती थी और ऊपर से उनका कोई दोस्त भी नहीं है जो उन्हें रात को परेशान करें।जिसकी वजह से वह दरवाजा नहीं खोलती है और अंदर से ही डरते हुए पूछती है कौन है इतनी रात को दरवाजा क्यों खटखटा रहे हो?लेकिन उन्हें कोई भी जवाब नहीं आता है।फिर से दरवाजा खटखटाना की आवाज आती है तो इस बार वह हाल में पड़े हुए अपने झाड़ू को उठाती है ,और धीरे-धीरे से दरवाजे के पास जाती है और एक बार फिर से पूछती है... कि कौन है? इस बार भी कोई आवाज नहीं ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 47

47कपाड़िया मेंशन रात के 10:00 बजेरुचिता जैसे ही किचन से वनराज के लिए पानी लाती है तो वह दरवाजे तरफ देखकर दंग रह जाती है उसके हाथों से पानी का गिलास नीचे छूट जाता है आंखों में से आंसू बेहिसाब बहने लगते हैं।रुचिता के गिलास नीचे गिरने की वजह से सभी लोगों का ध्यान रुचिता की तरफ जाता है जिसे देखकर सभी लोग रुचिता की नजरों की पीछा करते हैं तो उनकी चेहरे पर भी गंभीर भाव आ जाते हैं।इस वक्त वनराज की हालत बहुत खराब थी उसके कपड़े भीगे हुए थे उसके शरीर पर हल्के हल्के जख्म दिखाई ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 48

एपिसोड 48उसके बाद वह वनराज से बोली भाई ज्यादा कुछ नहीं हुआ डर के मारे बेहोश हो गई है तक होश आ जाएगा।इतना बोलकर वह वहां से चली जाती है।बाकी सब तो पहले से ही चले गए थे।शिवाय के रूम में शिवाय दोनों बच्चों को सुलाने के लिए ला रहा था क्योंकि बहुत देर हो चुकी थी सोने के लिए, पर बच्चों की आंखों में नींद ही नहीं होती है, तो शिवाय उन्हें कहानी सुनाने लगता है।तभी संवि बीच में ही शिवाय को रोकते हुए शिवाय से पूछती है... Dad सबके पास mama है ,पर हमारे पास क्यों नहीं ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 49

चैप्टर 49शिवाय बच्चों को सूलाकर ,छत पर आकर खड़ा होता है इस वक्त वह ठंडी रात में पूर्णिमा के को बड़े गौर से देख रहा था। उसके आंखों में बहुत सारे सवाल थे, शिकायत थे, पर खुद के लिए?उसकी आंखों में नमी थी पर उसने अपने आंखों में से आंसुओं को बहाने नहीं दिया।उसके आंखों के सामने एक-एक कर कर बच्चों के साथ, परिवार के साथ, दोस्तों के साथ बिताए हुए हर पल याद आ रहे थे।तभी उसके पीछे कोई आकर खड़ा होता है। "आखिर कब तक शिवाय ,हम लोग इतना बड़ा सच को सबसे छुपाते रहेंगे की आरोही ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 50

चैप्टर 50आज की रात सब पर भारी थी ,हर किसी के दिल में एक तूफान उठा हुआ था। किसी अपनी अतीत बूला रही थी तो किसी को अपनी भविष्य की चिंता सता रही थी। हर किसी को किसी को खोने का डर सता रहा था।लेकिन सब इस बात से अनजान थे कि यह तो सिर्फ तूफान की शुरुआत थी, और अब उनकी जिंदगी की खुशियों का अंत।आज की गहरी काली अंधेरी रात में सिर्फ हवाओं का शोर हो रहा था।पूर्णिमा के चांद का भी चमक इस अंधेरी रात में फीका पढ़ चुका था।वनराज और रुचिता के कमरे मेंरुचिता रमन ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 51

एपिसोडएपिसोड 51कुछ दिनों बादआज कपाड़िया मेंशन में बहुत हलचल थी क्योंकि संवि और सांची के ठीक होने की वजह जी और खुशी जी ने अपने घर में हवन रखवाया थाखुशी जी और उर्मिला जी दोनों मिलकर सोफे पर बैठकर सारी तैयारी पर नजर रख रहे थे। तो वही घर के सारी लेडीज़ हवन की तैयारी कर रहे थे जैसे प्रसाद बनाना, घर और मंदिर को फूलों से सजना मालए बनाना।यह पूजा बड़ी नहीं थी पर इस पूजा में काम से कम 70 से 80 लोग आने वाले थे जिसमें शर्मा और मल्होत्रा खानदान और कुछ दोस्त इनवाइटेड थे।यह पूजा ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 52

चैप्टर 52रीडर आपको बता दूं कि पिछले चैप्टर में जो नए लोग आए थे वह मेरे नई कहानी के है जो अपनी कहानी के प्रमोशन के लिए आए थे।अब आगेसब लोग खाना खाकर बातचीत कर रहे थे ठक्कर ब्रदर्स और हर्ष दोनों वहां से जा चुके थे उनके साथ मल्होत्रा और शर्मा बाकी मेहमान भी जा चुके थे। पर अर्णव जी ने इंद्रजीत को और माया को वहां रोक लिया था।शिवाय माया से कुछ बात कर रहा था वह लोग क्या बात कर रहे थे किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि वह लोग सबसे दूर होकर ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 53

आज का चैप्टर शुरू करते हैं।चैप्टर 53।रीडर में आप सबको ना कपाड़िया और बाकी सब की इनफॉरमेशन देता हूं वजह से आपको कहानी में सारे किरदारों का नाम पता चले।।कपाड़िया खानदान।फर्स्ट जेनरेशनतेज कपाड़िया कपाड़िया खानदान के बड़े बेटे इनकी बीवी उर्मिला कपाड़िया इनके दो बच्चे हैं जिनका नाम शेखर कपाड़िया और सिमरन कपाड़िया है।अर्णव कपाड़िया तेज कपाड़िया के छोटे भाई है उनकी बीवी का नाम खुशी कपाड़िया इनको भी दो बच्चे हैं रमन कपाड़िया और अनुज कपाड़िया।सेकंड जेनरेशनसिमरन कपाड़िया समझदार और अपने रिश्तों में संतुलन बनाकर रखती है फिलहाल यह कोमा में है। सिमरन जी सेंटर ऑफ़ द स्टोरी ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 54

chapter 54,we go to whole summary of the novelशिवाय अमेरिका का बेस्ट शेफ अपने बच्चों के साथ अमेरिका में जिंदगी बिता रहा था और साथ में वह किसी को 5 साल से ढूंढ रहा था।लेकिन अचानक उसे अपने भाई की तरफ से कॉल आता है यह कहकर कि उसके बड़े पापा को हार्ट अटैक आ गया जिसकी वजह से वह तुरंत ही अपने बच्चे और अपने असिस्टेंट के साथ इंडिया के लिए निकल जाता है।इंडिया आते ही वह अपने सभी परिवार से मिलता है और अपने बच्चों को परिवार से मिलवाता है जिसकी वजह से सभी के मन में ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 55

चैप्टर 55पिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि वनराज और शिवाय शेखर और उर्मिला जी को खपड़िया मेंशन में के लिए मनाते हैं। खुशी जी के हाथों में सिटी हॉस्पिटल का पेपर होता है जिसे देखकर वह अपने आंखों को बड़ी करती है ‌।।अब आगे।जैसे ही खुशी जी उसे कागज को खोलकर पड़ती है तो उसे पर बच्चे और आरोही का डीएनए टेस्ट रिपोर्ट होता है जिसका रिजल्ट नेगेटिव में आता है इसका मतलब कि बच्चों और आरोही का डीएनए मैच नहीं हुआ।"शुक्र है कान्हा जी! का मेरा शक सिर्फ शक था,, इतना! वह मन में बोलकर एक राहत ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 56

चैप्टर 56छत परमाया शिवाय की बात सुनकर शिवाय के मुंह पर हाथ रखती है और अपने होठों पर उंगली हुए बोली गलती से भी यह बात तुम्हारी जुबान में नहीं आना चाहिए, किसी को मेरी सच्चाई नहीं पता चलनी चाहिए।।तभी कोई आकर, शिवाय के मुंह से माया का हाथ हटताहै और माया को अपने तरफ खींच लेता है। माया झटका की वजह से उसे इंसान के बाहों में गिर जाती है।अब आगेशिवाय और माया उसे इंसान को देखते हैं, जिसने माया को इतनी जोर से खींचा था, तो कोई और नहीं इंद्रजीत होता है।इस समय इंद्रजीत के चेहरे पर ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 57

chapter 57नफरत है मुझे उससे नफरत बेइंतहा नफरत करता हूं।वनराज की आखिरी लाइन सुनकर शिवाय के तन बदन में लगता है, जिसकी वजह से शिवाय अपने दिल की बात जुबां पर लता है।।शिवाय की बात सुनकर वनराज दांग रहता है। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह आगे क्या बोले क्योंकि शिवाय ने जो इतना बड़ा बम उसके सिर पर थोड़ा था उसे बाहर निकालने के लिए उसे कुछ समय तो लगाना ही था।अब आगेवनराज शिवाय की बातों को, सुनकर सुन रह जाता है लेकिन वह जल्दी अपने होश में आकर शिवाय को कंफ्यूजन बट रूट टोन में ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 58

chapter 58has a promised I will upload one more chapter, for not uploading 2 to 3 days chapters. let's चैप्टर में हम पढ़ते हैं की वनराज शिवाय से सवाल करता है तभी दरवाजा धड़ाम से खुलता है और दुर्गा और कार्तिक शिवाय के साथ घुटनों के बाल बैठते हैं और वनराज को यह बताते हैं कि आरोही के गुनहगार सिर्फ शिवाय अकेला नहीं बल्कि वह दोनों भी है।अब आगेकपाड़िया कॉरपोरेशन; वनराज के केबिन में।पूरे केबिन में इतनी खामोशी थी कि अगर एक पीन भी नीचे गिरता तो उसकी आवाज साफ-साफ सुनाई दे सकता था। यहां तक की सभी को ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 59

chapter 59वह जैसे तैसे कर कर अपने दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी उसने कसकर अपनी बंद कर ली थी और साथ में आंखों को भी। शशांक किसी से फोन पर बातें कर रहा था, वही दुर्गा अपने नोटबुक में कुछ लिख रही थी तो वही का‌ कार्तिक शिवाय के कान पाक रहा था और शिवाय का पूरा फोकस सामने ड्राइविंग पर था।सभी लोग अपने-अपने काम में बिजी थे कि उनके कानों में आरोही की दर्द भरी आवाज पड़ती है.....अ्अ्अ।तो सभी का ध्यान आरोही की तरफ जाता है।अब आगेप्रेजेंट मेंकार्तिक अपनी बात को खत्म करता है। ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 60

chapter 60 past reveal part 3 (plan and नाजायज)यहां दूसरी तरफशिवाय टैक्सी से घर जा रहा था और वह सोच रहा था उसने अपना एक हाथटैक्सी के शीशे पर टिकाते हुए सर को लगाता है। वह मन ही मन कुछ सोच कर ठान लेता है। उसके चेहरे पर एक चमक आती है।कुछ समय में शिवाय घर पहुंच जाता है और अपने रूम में जाता है जहां पर दुर्गा और कार्तिक उसका इंतजार कर रहे थे।शिवाय उन दोनों को मन मैं चल रही बात बताता है जिसे सुनकर दुर्गा कार्तिक एक साथ चीलाते हैं....... क्याय्य्य्यअब आगेजैसे-जैसे दुर्गा और कार्तिक शिवाय ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 61

मुझे कोई गलतफहमी नहीं हुई है भाई मैं सच बोल रहा हूं और वह भी पूरे सबूत के साथ यह बोल सकता हूं कि आरोही उसे घटिया आदमी की बेटी है,जिसने हमसे हमारा सब कुछ छीन लिया था। शिवाय ने कहा।।।।।पर यह कैसे हो सकता है अगर आरोही सक्षम की बेटी है तो वह एमआर एंड एमआरएस शर्मा की बेटी कैसे हुई? वनराज कन्फ्यूजन से सवाल करता है।एक्चुअली आरोही सक्षम की नाजायज औलाद है। यह बात सुनकर तो वनराज को 1800 वोल्ट का झटका लग गया था।।।।aab aageशिवाय की बात सुनकर तो वनराज की पैरों तलेसे जमीन खिसक जाती ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 62

chapter 62अरे यार मैं तो यह बताना भूल गई की कश्यप और उसे लड़की को कौन घूर रहा वह लड़की अस्पताल की स्टाफ में से एक थी और जो कश्यप और उसे लड़की को एक साथ देख कर घूर रहा था वह इंसान तरुण की बहन वीरा थी।वीरा को कश्यप से अस्पताल में ही पहली नजर का अट्रैक्शन हो गया था लेकिन जैसे-जैसे वह कश्यप को बीते कुछ दिनों में अस्पताल में जाना था उसे कश्यप से प्यार हो गया।..................................................................................... .....................................अब आगेशाम का वक्त सभी लोग घर के गार्डन में बैठकर बातें कर रहे थे वनराज और शिवाय ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 63

पालकी और दुर्गा तो राखी बनाना शुरू कर चुके थे। पर सांची को राखी सही से बनानी नहीं आ थी क्योंकि उसने कभी रखी अपने हाथ से नहीं बनाई थी उसका भी यह पहली बार था उसे से राखी को बनाते वक्त परेशान देखकर उर्मिला जी उसकी मदद करने के लिए जाती है। यह हाल में सभी लेडिस राखी बना रही थी तो वही किचन का हाल कुछ अलग ही था।सभी में लिए डिसाइड कर रहे थे कि वह लोग डिनर में क्या बनाएंगे, उन लोगों ने डिसाइड करने के बाद तैयारी करना शुरू कर देते हैं। तभी वहां ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 64

लक्ष्मी जी बिना हिचकी चाय इच्छा है तरुण की शादी के सारे रस्मों की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है। वह चाहे कितनी भी लालची हो पर उन्होंने तरुण और वीर को भी अपने बच्चों जैसा ही प्यार दिया है। वह तरुण और वीर से यशी और तारा जैसा या जितना प्यार नहीं करती पर उनसे प्यार तो करती है। और उनका भी कोई बेटा नहीं है तो वह तरुण के शादी की रस्मों को निभाने के लिए तैयार थी।उनके बात सुनकर जया जी भी बहुत खुश होती है।अब आगेकपाड़िया मेंशनआज की राखी (रक्षा बंधन) कपाड़िया खानदान के लिए ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 65

chapter 65वह दोनों जैसे तैसे कर कर अपने उदासी को अपने चेहरे पर नहीं लाते हैं और वहां से जाते हैं क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उनके आंखों में नमी कोई देख सके।पर खुशी की अर्नब जी और उर्मिला जी तीनों ने अपने बेटो की आंखों में गहरी उदासी देखी थी। जिसे देखकर उनके भी दिल भर आया था। पर वह कुछ नहीं कर सकते थे।ab aageखुशी अरनव और उर्मिला जी के अलावा कोई और भी था जिसने रमन और शेखर जी के चेहरे पर उदासी देखी थी।वह इंसान भी उन दोनों के पीछे-पीछे चला गया।शेखर जी घर ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 66

chapter 66जब संवि शेखर जी के आंखों में उदासी देखती है तो वह अपनी आंखों को गोल-गोल घूमकर अपने उंगली को अपनी होठों पर टाइप करते हुए कुछ सोच रही थी।संवि कि यह हरकत देखकर शेखर जी को अनुज और प्रिया की याद आती है क्योंकि जब भी अनुज या प्रिया दोनों को भी कुछ सोचना होता तो वह भी से ऐसे ही करते थे।तभी संवि के दिमाग में कुछ आता है तो वह एक चुटकी बजाती है और जल्दी से बहर भागजाती है।शेखर जी को तो समझ नहीं आया कि संवि ऐसे क्यों भाग है।ab aage ‌कुछ ही ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 67

chapter 67खुशी की अपनी हंसी को कंट्रोल कर कर दुर्गा को अपने पास बुलाती है और उसे सवाल करती आपको यह रिश्ता मंजूर है, अगर आपको यह रिश्ता मंजूर है तो ही हम आगे बढ़ेंगे, ठीक है।उनकी बात सुनकर दुर्गा पहली बार शर्म आती है उसके होंठ पर हल्की मुस्कान आती है जिसकी वजह से उसके गाल पर एक छोटी सी डिंपल पड़ती है दुर्गा अपनी पलकों को नीचे झुका कर रखती है। क्योंकि अभी उसे इतनी शर्म आ रही थी कि उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले ....ab aageदुर्गा को यूं शरमाते देखकर सभी ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 68

chapter 68शिवाय की बात सुनकर कार्तिक शिवाय के गले पर हाथ लपेटे हुए बोला देख यार यह दुनिया उधर इधर क्यों ना हो जाए मैं तेरा जीजा बनके रहूंगा और तुझे अपना साला बना कर रहूंगा चाहे अब तेरी बहन से शादी उसकी मर्जी से हो या जबरदस्ती से मेरी शादी होगी तो सिर्फ तेरी बहन से इतना बोलकर वह भी एक आप मारकर वहां से चला जाता है।कार्तिक की बात सुनकर शिवाय का चेहरा देखने लायक था । शिवाय ने कार्तिक की आंखों में दुर्गा के लिए पजेसिवनेस अच्छे से देख ली थी। जिसे देखकर उसे एक राहत ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 69

करैक्टर इंट्रोडक्शन।कपाड़ियातेज कपाड़िया कपाड़िया खानदान के बुजुर्ग है, उम्र 80 सालके हैं। फिलहाल कोमा में है।इनकी बीवी उर्मिला कपाड़िया कपाड़िया खानदान की बड़ी बहू है।स्वभाव चालाक है उम्र 72 साल की है।इन दोनों के दो बच्चे हैं।सिमरन कपाड़िया तेज और उर्मिला की इकलौती बेटी और कपाड़िया परिवार की पहली बेटी और वह भी कपाड़िया खानदान की पहले वारिस है। उम्र 59। फिलहाल कोमा में है। इनकी कोई औलाद नहीं है।शेखर कपाड़िया कपाड़िया परिवार के तीसरी वारिस उर्मिला और तेज के दूसरे बेटे है।उम्र 57 । इनकी पर्सनैलिटी थोड़ी सी अजब है। इनके तीन बच्चे हैं। कश्यप, अद्वितीय, सांची। और ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 70

chapter 70इसके बाद शिवाय को एक अजीब सा सपना आता है तो जिसमें आरोही दोनों बच्चों को से छीन थी जिसे देखकर शिव इतना घबराता है कि वह रातों-रात अमेरिका के लिए चला जाता है। शिवाय ने किसी को भी अपने जाने के बारे में नहीं बताया हुआ था।तो वही कोई और भी था जो शिवाय का पीछा कर रहा था।तो वही आरोही अपने कमरे में बड़ी सुकून के साथ सोई हुई थी। तभी उसके बालकनी में कोई कूद कर आता है और आरोही को उसे सोते देखकर एक तक निहारने लगता है।अब आगेइस समय आरोही अपने बेड पर ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 71

chapter 71पहले हम किरदारों से मिलते हैं फिर कहानी को आगे शुरू करेंगे।करैक्टर इंट्रोडक्शन।कपाड़ियातेज कपाड़िया कपाड़िया खानदान के बुजुर्ग उम्र 80 सालके हैं। फिलहाल कोमा में है।इनकी बीवी उर्मिला कपाड़िया है। कपाड़िया खानदान की बड़ी बहू है।स्वभाव चालाक है उम्र 72 साल की है।इन दोनों के दो बच्चे हैं।सिमरन कपाड़िया तेज और उर्मिला की इकलौती बेटी और कपाड़िया परिवार की पहली बेटी और वह भी कपाड़िया खानदान की पहले वारिस है। उम्र 59। फिलहाल कोमा में है। इनकी कोई औलाद नहीं है।शेखर कपाड़िया कपाड़िया परिवार के तीसरी वारिस उर्मिला और तेज के दूसरे बेटे है।उम्र 57 । इनकी पर्सनैलिटी ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 72

72कमरे में सक्षम उसे दीवार के पास जाता है जहां पर सारे कपाड़िया का तस्वीर लगा हुआ था। वह कली पर्दे को दीवार से हटता है तो वहां सामने कपाड़िया की तस्वीर थी जिसे देखकर वह तिरछी मगर घटिया स्माइल करते हुए अपने हाथ को गले पर फिरते हुए बोला "अब टाइम आ गया है अपने ससुराल जाने की इतना कह कर वह किसी बकवास फिल्म के विलेन की तरह हंसने लगता है उसकी हंसी ऐसी थी जिसे देखकर कमजोर दिल वाला इंसान राम राम सत्य हो जाता।वह इतना, बोलकर उसे फोन पर एक मैसेज टाइप कर देता है"प्लेन ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 73

episode 73वजह से तैसे करके शशांक को बच्चों को शॉपिंग ले जाने के लिए माना लेती है। जिसकी वजह आरोही के सामने हार मान लेता है और कार को कपाड़िया मेंशन की तरफ बढ़ा देता है।ab aageकपाड़िया मेंशनआज कपाड़िया मेंशन बड़ा शांत था। सब लोग अपना अपना काम कर रहे थे। झा रुचिता इशिता मोहिनी जी मिलकर सबके लिए नाश्ता बना रहे थे।तो वही खुशी जी और अरनव की वनराज कश्यप और रमन जी के साथ मिलकर बातें कर रहे थे।अरनव की कपाड़िया कारपोरेशन के चेयर पर्सन थे वह भले ही ऑफिस न जाते हो लेकिन बिजनेस की सारी ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 74

chapter 74मेघा को होश में देखकर किसी को फर्क नहीं पड़ता है तो वही वनराज का दिल अजीब सी था।मेघा की हरकत देखकर उसे उसके साथ बिताए हर पल उसके दिमाग में एक रिल की तरह चल रहा था।तो वही रुचिता के कुछ अलग ही सिचुएशन चल रहे थे जहां वह मेघा को होश में देखकर खुश थी तो साथ में घबराई हुई भी थी अब उसे किस बात का डर था वही जाने।aab aageमेगा चाकू को बॉडीगार्ड की तरफ करते हुए धीरे-धीरे से दरवाजे की तरफ सरकती है जहां कपाड़िया परिवार पहले से ही उसका पूरा ड्रामा बिना ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 75

अपने छोटे की यह हालात देखकर वनराज को ऐसा लग रहा था कोई उसे नुकेली चाबूक से मार रहा वैसे भी वनराज ने शिवाय से उस दिन से बात करना बंद कर दिया था जिसकी वजह से वनराज को और भी ज्यादा दर्द (गिल्ट) हो रहा था।तो वही कार्तिक की गुस्सा नाराजगी गायब हो गई थी उसे अब शिवाय की टेंशन हो रही थी।अब आगेइंडिया, दिल्ली।Kapadia mentionमेघा वनराज को थप्पड़ मारती है जिसे देखकर वहां पर खड़े सभी लोगों की आंखें फटी की फटी रह जाती है।तो वही वनराज को कुछ समझ नहीं आया था ,कि अभी एक पल ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 76

चैप्टर 76यह सोचकर खुद पर ही गुस्सा उतर रहा था।वनराज और कार्तिक अपनी अपनी सोच पर गुम है कि उन्हें एक कार की रुकने की आवाज आती है ।जिसकी वजह से दोनों की नजर ज्यादा ज्यादा गेट पर जाती है तो वह देखते हैं कि कार से आरोही उतर रही है।जिसे देखकर कार्तिक को 108 वोल्ट का गुस्सा चढ़ जाता है। इस वक्त कार्तिक को आरोही पर कुछ ज्यादा ही गुस्सा आरहा था।उसे ऐसा लग रहा था जैसे जो शिवाय की जिंदगी में हो रहा है उसे सब की जिम्मेदार आरोही है अगर आरोही उनकी जिंदगी में नहीं आती ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 77

चैप्टर 77 कहानी अब तक पिछले चैप्टर में हमें पता चलता है कि मेगा की याददाश्त चली है जिस बात का वनराज और रुचिता के अलावा किसी को फर्क नहीं पड़ता है। तो वही आरोही को बिना आर्य और संवि के ही शॉपिंग जाना पड़ता है। एक डॉक्टर की टीम सिमरन जी और तेज़ जी का चेकअप करने आते है। इसी बीच घर वालों को पता चलता है कि शिवाय वापस अमेरिका के लिए जा चुका है। अब आगे गुरुद्वारा — सुबह की ठंडी हवा में घण्टों की आवाज़ धीरे-धीरे गूंज रही ...और पढ़े

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 76

चैप्टर 76 यह सोचकर खुद पर ही गुस्सा उतर रहा था। वनराज और कार्तिक अपनी सोच पर गुम है कि तभी उन्हेंएक कार की रुकने की आवाज आती है । जिसकी वजह से दोनों की नजर ज्यादा ज्यादा गेट पर जाती है तो वह देखते हैं कि कार से आरोही उतर रही है। जिसे देखकर कार्तिक को 108 वोल्ट का गुस्सा चढ़ जाता है। इस वक्त कार्तिक को आरोही पर कुछ ज्यादा ही गुस्सा आरहा था। उसे ऐसा लग रहा था जैसे जो शिवाय की जिंदगी में हो रहा है उसे ...और पढ़े

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