शाल ओढ़े एक नवयुवती अंधेरे में टेण्ट के भीतर बैठी अपने शिशु को स्तनपान करा रही है। उसकी उजली छाती का आधा भाग शाल से ढका हुआ है तथा वह दूर से आती शेर की दहाड़ और पेड़-पौधों व पत्तों की खड़खड़ाहट सुन रही है। वह सोच रही है कि क्या इतनी रात तक भी शिकार किया जा रहा है अथवा यह शीतऋतु की तूफ़ानी हवा की ध्वनि अथवा पर्वतों से टकराकर लौटने वाली प्रतिध्वनि अथवा चारों ओर से घिरे हुए चीड़ तथा कदम्ब के जंगल से आने वाली सरसराहट भी हो सकती है। वैसे इस जंगल में लोमड़ियों व जंगली वनमानुषों की गुफाएं भी हैं, अतः यह ध्वनि उनका चीखना-चिल्लाना भी हो सकती है। वह महिला जिप्सी रोमन जैसी दिखाई देती है। अब उसे घोड़े की टापों की आवाज़ सुनाई देती है और वह सोचती है कि क्या यह वही तो नहीं है, जिसने आने का वचन दिया था। यह युद्धक्षेत्र से बहुत दूर का स्थान है। कोहरा बढ़ता जा रहा है।
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 1
एकशाल ओढ़े एक नवयुवती अंधेरे में टेण्ट के भीतर बैठी अपने शिशु को स्तनपान करा रही है। उसकी उजली का आधा भाग शाल से ढका हुआ है तथा वह दूर से आती शेर की दहाड़ और पेड़-पौधों व पत्तों की खड़खड़ाहट सुन रही है। वह सोच रही है कि क्या इतनी रात तक भी शिकार किया जा रहा है अथवा यह शीतऋतु की तूफ़ानी हवा की ध्वनि अथवा पर्वतों से टकराकर लौटने वाली प्रतिध्वनि अथवा चारों ओर से घिरे हुए चीड़ तथा कदम्ब के जंगल से आने वाली सरसराहट भी हो सकती है। वैसे इस जंगल में लोमड़ियों व ...और पढ़े
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 2
दोइधर वसन्त ऋतु के आगमन के साथ ही गतिविधि बढ़ जाती है। शत्रु ने दमन नीति अपनायी है, तो के बच्चों ने भी एक बार पुनः अपने हाथों में हथियार उठा लिये हैं। महिलाओं ने भी अपने पतियों के साथ युद्धभूमि की ओर जाने की ठान ली है। इस बार न तो उनका गर्भवती होना और न ही ऋतु का प्रतिकूल (शीत) होना उन्हें युद्धक्षेत्र में जाने से रोक सकता है। गर्भवती होने तथा ऋतु के शीत होने पर भी वे युद्धक्षेत्र में जाने को तत्पर हैं। "युद्ध के समाचारों की जानकारी लेने के लिए मैं इस पहाड़ी ...और पढ़े
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 3
स्वभाव से ही मौन रहनेवाला, छोटे क़द का, संकोची व एकान्तप्रिय बालक बगीचे के कोने में पढ़ने के लिए है। ब्राईनी स्थित स्कूल के बगीचे में यह उसका अपना भू-खण्ड है तथा उसने इसके चारों ओर एक दीवार बनवायी है। चारदीवारी से घिरे भू-क्षेत्र का केवल एक तिहाई भाग उसका अपना है। इस प्रकार उसने अपने पड़ोसियों के भू-खण्डों को भी एक ओर से घेर रखा है। वे उसमें आते भी हैं, परन्तु उसकी निजी स्वतन्त्रता में खलल डालनेवाले लोगों को कष्ट ही उठाना पड़ता है। वह चारदीवारी के भीतर प्रवेश करने वालों पर क्रोध से झपटता है। कुछ ...और पढ़े
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 4
पहली बार तलवार धारण करते हुए नवयुवक कहता है कि तलवार की धातु (लोहा) अवश्य फ्रांस की है, परन्तु धार मेरी अपनी है। सोलह वर्ष की आयु में वह उप-सेनापति बना तथा अपनी मृत्यु से पहले उसने कई बार शौर्य व साहस के प्रदर्शन के फलस्वरूप मिलने वाले अलकरणों व पदकों से अपनी वर्दी को सुशोभित किया। उसने सेनापति के पद की परीक्षा कैडेट्स स्कूल पेरिस से एक साल की अल्प अवधि में उत्तीर्ण कर ली। इस अवधि में उसने पुस्तकों के अध्ययन करने में ठीक वैसी ही तल्लीनता दिखायी, जैसी वह ब्राइनी के विद्यालय में दिखाता था। स्पार्टा ...और पढ़े
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 5
कार्सिका में एक वर्ष तक आर्थिक परेशानी झेलने व परिवार की देखरेख करने के बाद भी नेपोलियन निराशा से नहीं सका। यही कारण था कि वह वेलैंस न जाकर वापस आक्सोन लौट गया। ऐसे परिवर्तन का क्या प्रभाव पडता? अन्तत उसे मान्यता मिली। उसके नये सैन्य अधिकारी ने जब यह देखा कि उन्नीस वर्ष का उसका यह कनिष्ठ अधिकारी बहुत जानकारी रखता है, तो उसने उसे कुछ विशेष कार्य सौंपे। यह कार्य कठिन गणन-क्रिया से जुड़ा था तथा दो सौ सैनिकों के इस अधिकारी को सुबह से शाम तक इस कार्य में बहुत अधिक व्यस्त रहना पड़ता था। ...और पढ़े
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 6
मैंने लैफ्टिनेण्ट बोनापार्ट को एक नये सिद्धान्त को सीखकर घर लौटने वाला मात्र धर्मोपदेशक समझा है, जबकि वास्तव में स्वतन्त्रता, समानता व बन्धुत्व का विचार देने वाला अवतारी पुरुष था। वह आत्म-अनुशासित तथा स्वेच्छा से पर्वतारोहण जैसे कठिन कार्यों को निभाने वाला ऐसा पुरुष था, जो दुर्भाग्यवश चर्च और कुलीनता के नाम पर जनता पर शासन करने वाले दमनकारी द्वारा बीस वर्षों तक कुचला जाता रहा। यदि राज्य की कृपा से सुखभोगी पद संभालने वाला व कल का युवक और आज का सैन्य अधिकारी ऐसे सुख को त्याग देता है, तो इससे उसके महत्त्व में कौन-से चार चाद ...और पढ़े
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 7
"मैं अनेक ग्रामीणों के साथ लम्बी वार्ता करने के बाद एक किसान की कुटिया से तुम्हें लिख रहा हू। समय शाम के चार बजे हैं, मौसम कुछ-कुछ खुशगवार है। इस समय मुझे घूमना अच्छा लग रहा है। अभी बर्फ़ तो नहीं गिर रही, परन्तु हवा बर्फीली है। मैंने किसानों को हर जगह हड़ताल करते देखा है। वे सभी सविधान के लिए मरने को तैयार हैं। महिलाओं का देशप्रेम भी दर्शनीय है। ऐसा लगता है कि वे स्वतन्त्रता को अपने प्राणों से भी अधिक महत्त्व देती हैं और उसे तुरन्त प्राप्त करना चाहती हैं। दौफ़िन में पादरियों ने राज्य के ...और पढ़े
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 8
लैफ्टिनेण्ट को अब निर्णायक की भूमिका निभानी थी। जन-आन्दोलन के ज़ोर पकड़ जाने के कारण अपनी लोकप्रियता को बढ़ाना इसके लिए जनता की भावनाओं को अपने अनुकूल बनाना आवश्यक था। आर्कडिकन लूसियन बोनापार्ट ने इसे कुछ करने का सुविधाजनक अवसर माना। उसका परिवार पहले की अपेक्षा अधिक सुखी था। उसने अपने मामा फ़ैश को जैकोबियन क्लब जाने को विवश किया; क्योंकि जोसेफ़ शहर की परिषद में लोगों के विचारों को आकर्षित कर सकता था। वस्तुतः प्रायद्वीप की व्यवस्था को चुनौती देने वाला वह सर्वाधिक सक्षम व्यक्ति था? राष्ट्रीय गार्ड के नेता की वास्तविक शक्ति उसके हाथ में थी, परन्तु ...और पढ़े
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 9
जिस प्रकार समुद्र से स्वच्छ हवा का न आना या पहाड़ों से मलयानिल के झोंकों का न उठना सम्भव उसी प्रकार विचारों में संघर्ष का न होना भी सम्भव नहीं है। प्रायद्वीप में दुर्भावना, भ्रष्टाचार व तानाशाही के विरुद्ध संघर्ष शुरू हो गया था। पेरिस में आयोजित सम्मेलन के शिष्टमण्डल का सदस्य सालिसिटी-कार्सिका का एक नागरिक-पाउली का शत्रु था। इस कारण वह बोनापार्ट का मित्र बन गया; क्योंकि वे दोनों समान रूप से पाउली के विरुद्ध थे। अजासियो का जैकोबिन क्लब विभाजित हो गया है और प्रायद्वीप के ईमानदार समझे जाने वाले व्यक्ति पाउली को धोखेबाज़ कहा जा रहा ...और पढ़े
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 10
लितिज़िआ की दो युवा पुत्रियों के सस्ता सामान खरीदकर बाज़ार से लौटने पर उनके फटे-पुराने पहनावे को देखकर बोनापार्ट दुखी होता है। वे शरणार्थी के रूप में मार्सिलीस में ज़ब्त किये गये एक घर के चौथे तल पर रह रहे हैं। मा की आयु चालीस-पैंतालीस वर्ष की है। उसके साथ रहने वाली तीनों सन्तानें मज़दूरी करके पेट भर रही हैं। सबसे छोटी दो सन्तानें अभी तक कार्सिका में उसके रिश्तेदारों के पास हैं। देशभक्त होने के कारण न्यायालय द्वारा दण्डित बोनापार्ट सेना के कमाण्डेण्ट से परिवार के लिए खाद्य-पदार्थ प्राप्त करता है। सदा से आत्मसम्मान को प्रमुखता देने वाली ...और पढ़े
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 11
पेरिस में टाउलन की स्वतन्त्रता का समारोह मनाने के लिए एक विशेष आयोजन किया गया, जिससे नेपोलियन के नाम जन-जन के मन में स्थान मिल गया। उत्तरी व पूर्वी सीमाओं पर प्राप्त सफलताओं के कारण नेपोलियन को ब्रिगेडियर से भी ऊपर, जनरल का पद दिया गया तथा उसके मुखिया ने उसे रणनीति के निर्माता के रूप में सम्मानित करते हुए उसकी बहुत सराहना की। उसने आश्चर्यजनक टिप्पणी करते हुए कहा : "यद्यपि सम्मेलन में उसे मामूली सम्मान दिया गया है, फिर भी वह सीमा पर सफल व्यूह-रचना कर लेता है।" इसी प्रकार प्रशस्तिपत्र में पांच अन्य युवा अधिकारी भी ...और पढ़े
नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 12
वह अपने शक्तिशाली मित्रों को कई पत्र भेजता है, परन्तु कोई उत्तर नहीं आता। जब वह एक प्रभावशाली साथी उत्तर देने का आग्रह करना चाहता है, तो 'सेना के लिए अच्छे सर्वेक्षण के नुस्खे' जैसी छोटी चीज़ों को भी विनम्रतापूर्वक लिखता है। प्रायद्वीप से संकेत आता है कि वृद्ध पाउली ने अपनी सहायता के लिए अंगरेजों का आह्वान किया है। कार्सिका को-फ्रांस के लिए बचाना आवश्यक है। अभियान निश्चित कर लिया गया है तथा वह उत्सुकतापूर्वक आदेश की प्रतीक्षा करता है। पन्द्रह दिनों तक विपरीत परिस्थितियों को झेलने के बाद सैन्य दल वापस टाउलन पहुंचा। फिर एक नयी निराशा! ...और पढ़े