शहर से दूर, घने जंगलों के बीच एक पुरानी हवेली थी। लोग कहते थे कि वहां अजीब घटनाएं होती हैं—रात में किसी के रोने की आवाजें आती हैं, दरवाजे खुद-ब-खुद खुलते-बंद होते हैं, और कभी-कभी कोई छायामूर्ति खिड़कियों से झांकती दिखती है। लेकिन आरव को इन सब कहानियों पर यकीन नहीं था। आरव एक लेखक था, जिसे डरावनी कहानियां लिखने का शौक था। जब उसने इस हवेली के बारे में सुना, तो वह खुद वहां जाकर सच्चाई जानना चाहता था। उसने अपने दोस्त निखिल से कहा, "अगर मैं इस हवेली में एक हफ्ता बिता सका, तो मेरी किताब का सबसे बेहतरीन अध्याय तैयार हो जाएगा।"
Full Novel
चुडैल से प्यार - 1
शहर से दूर, घने जंगलों के बीच एक पुरानी हवेली थी। लोग कहते थे कि वहां अजीब घटनाएं होती में किसी के रोने की आवाजें आती हैं, दरवाजे खुद-ब-खुद खुलते-बंद होते हैं, और कभी-कभी कोई छायामूर्ति खिड़कियों से झांकती दिखती है।लेकिन आरव को इन सब कहानियों पर यकीन नहीं था।आरव एक लेखक था, जिसे डरावनी कहानियां लिखने का शौक था। जब उसने इस हवेली के बारे में सुना, तो वह खुद वहां जाकर सच्चाई जानना चाहता था।उसने अपने दोस्त निखिल से कहा, अगर मैं इस हवेली में एक हफ्ता बिता सका, तो मेरी किताब का सबसे बेहतरीन अध्याय तैयार ...और पढ़े
चुडैल से प्यार - 2
आरव ने ज़ोया की आँखों में झाँका। वहाँ एक अजीब सा सुकून था, जैसे सदियों की पीड़ा मिट गई हवेली अब पहले जैसी नहीं थी—उसकी दीवारों की दरारें गायब हो चुकी थीं, जाले हट चुके थे, और वहाँ एक अद्भुत शांति थी।"तुम मेरे साथ चल सकती हो?" आरव ने पूछा।ज़ोया हल्का सा मुस्कुराई। "अगर तुम मुझे अपने दिल से अपनाओगे, तो हाँ।"आरव को समझ नहीं आया कि यह कोई शाप था या वरदान। उसने जो किया था, वह बस एक पल की भावना थी, लेकिन अब उसकी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल सकती थी। क्या वह सच में एक ...और पढ़े
चुडैल से प्यार - 3
आरव और ज़ोया की ज़िंदगी धीरे-धीरे सामान्य होने लगी। अब ज़ोया पूरी तरह इंसानों जैसी दिखती थी—न कोई जादू, कोई डरावनी घटनाएँ। आरव को लगने लगा कि सब कुछ ठीक हो गया है।लेकिन, कुछ चीजें अब भी अजीब थीं।ज़ोया को हमेशा ठंड लगती थी, चाहे मौसम कैसा भी हो। वह कभी शीशे के सामने ज़्यादा देर नहीं ठहरती थी। और सबसे ज़्यादा अजीब बात—जब भी कोई उसे छूता, तो उसे हल्की झुनझुनी महसूस होती थी।एक दिन, निखिल आरव के घर आया।"तो भई, अब तुम और तुम्हारी रहस्यमयी प्रेमिका कैसे हो?" निखिल ने मज़ाक किया।आरव हँसा। "अच्छे हैं।"निखिल ने ज़ोया ...और पढ़े
चुडैल से प्यार - 4
आरव और ज़ोया की ज़िंदगी अब नई शुरुआत की ओर बढ़ चुकी थी। हवेली की डरावनी यादें पीछे छूट थीं, लेकिन औरत की कही बात आरव के दिल में कहीं गहरे बैठ गई थी—**"अब तुम्हारे पास सिर्फ़ 15 साल बचे हैं…"**क्या ज़ोया इस सच के साथ जी पाएगी? क्या वे इन 15 सालों में एक पूरी ज़िंदगी जी पाएंगे?### **समय बीतता गया…**आरव और ज़ोया ने शादी कर ली। वे एक छोटे से पहाड़ी शहर में बस गए, जहाँ हर सुबह सूरज की किरणें उनकी खिड़की पर दस्तक देतीं और हर रात वे एक-दूसरे की बाहों में समा जाते। आरव ...और पढ़े
चुडैल से प्यार - 5
रात की ठंडी हवा उनके चारों ओर घनी होती जा रही थी। आरव ने ज़ोया को खुद से कसकर लिया। उनके दिल एक साथ धड़क रहे थे, जैसे किसी अनजाने खतरे का सामना करने के लिए तैयार हो रहे हों। लेकिन यह खतरा क्या था? यह कौन था जो ज़ोया को वापस बुला रहा था?आरव ने मोमबत्ती उठाई और ध्यान से देखा। उसकी लौ बुझ चुकी थी, लेकिन मोम के ऊपर जो खून से लिखा था, वह धीरे-धीरे गायब हो रहा था, जैसे कोई अदृश्य हाथ उसे मिटा रहा हो। आरव को महसूस हुआ कि यह कोई सामान्य चेतावनी ...और पढ़े
चुडैल से प्यार - 6 (अंतिम भाग)
आरव और ज़ोया एक-दूसरे का हाथ थामे सुरंग के अंदर बढ़े। जैसे-जैसे वे आगे बढ़ रहे थे, दीवारों पर आकृतियाँ उभरने लगीं। ये आकृतियाँ इंसानों जैसी लग रही थीं, लेकिन उनके चेहरे धुंधले और डरावने थे। हवा में हल्की-सी बड़बड़ाहट गूंज रही थी, जैसे कई लोग एक साथ फुसफुसा रहे हों।सुरंग के अंत में, जहाँ दो जलती हुई आँखें दिख रही थीं, वहाँ अब धीरे-धीरे एक आकृति उभरने लगी। यह कोई आम जिन्न नहीं था—यह किसी पुराने राजा की आत्मा जैसी दिख रही थी। लंबा शरीर, काले कपड़े, सिर पर टूटा हुआ मुकुट और उसकी लाल आँखों में जलती ...और पढ़े