परिंदों का झुंड सर के ऊपर से फड़फड़ाते हुए गुज़र रहा था। कड़ाके की ठंड में घने धुंध में वे उड़ते हुए तो नहीं दिख रहे थे लेकिन उनके पंखों की आवाज़ बेला को अपने सिपाही साथ होने का और खुद को इन परिंदों और जानवरों की मलिका होने का यक़ीन दिला रही थी। वह तने तन्हा एक महल नुमा घर के सामने बैठी थी। सफेद ईंटों से जुड़ा हुआ हुआ महल मगर उस सफेदी में कजली छा गई थी। दीवारों पर फैली लताओं ने एक दूसरे को जकड़ लिया था। महल को हर तरफ से आसमान छूते हुए सनोबर (पाइन) के जंगल ने घेरा हुआ था। पुराना सा दिखने वाला महल किसी ज़माने में शानदार और चमकता हुआ ताज की तरह दिखता होगा पर आज किसी डरवाने किले से कम न था।
BTH (Behind The Hill) - 1
जासूस और कातिल पर दोनों का मकसद जुदा जुदा क्या सच में का कत्ल मासूम हाथों से हुआ या सिर्फ दिखावा है। परिंदों का झुंड सर के ऊपर से फड़फड़ाते हुए गुज़र रहा था। कड़ाके की ठंड में घने धुंध में वे उड़ते हुए तो नहीं दिख रहे थे लेकिन उनके पंखों की आवाज़ बेला को अपने सिपाही साथ होने का और खुद को इन परिंदों और जानवरों की मलिका होने का यक़ीन दिला रही थी। वह तने तन्हा एक महल नुमा घर के सामने बैठी थी। सफेद ईंटों से जुड़ा हुआ हुआ महल मगर उस सफेदी में कजली छा गई थी। दीवारों पर फैली लताओं ने एक दूसरे को जकड़ लिया था। महल को हर तरफ से आसमान छूते हुए सनोबर ...और पढ़े
BTH (Behind The Hill) - 2
मोमबत्तियों की मंद रौशनी में उसने बेला को आधी बंद और आधी खुली आंखों से देखते हुए गहरी आवाज़ कहा :" क्या तुम मेरी जान लेने वाली हो?बेला :" मैं कोई मौत का फरिश्ता नहीं हूं।उसने थके हुए लहज़े में कहा :" कौन हो तुम? और मैं कहां हूं?बेला ने सख़्त लहज़े में कहा :" सवाल सिर्फ मैं पूछूंगी!....अगर मेरे सवालों का सही सही जवाब दिया तो मुझ से थोड़ी रहम की उम्मीद कर सकते हो!...चलो बताओ तुम्हारा नाम क्या है और किस जुर्म में क़ैद में थे और टॉर्चर हो रहे थे?उसने कराहते हुए कहा :" रेन!....बेला गरज ...और पढ़े
BTH (Behind The Hill) - 3
रात हो चली थी। रेन धीरे धीरे कराह रहा था। दर्द से आह भरता हुआ ज़मीन पर बैठा था। ने उसे कोई जवाब नहीं दिया जब उसने पूछा के तुम में मुझे उस क़ैद से आज़ाद क्यों किया?कुछ नर्मी से और ठहर ठहर कर बोली :" मैने कहा न सवाल मैं करुंगी!....अगर तुमने सच बताया तो मैं तुम्हें जाने दूंगी!"रेन ने कहा :" मुझे लगता है तुम सब कुछ जानती हो!...मैं एक जासूस हूं जो उस पार से आया हूं। पिछले छह सालों से यहां हूं और मैने बखूबी अपने काम को अंजाम दिया है। मुझे बड़ी मुश्किल से ...और पढ़े
BTH (Behind The Hill) - 4
जैसे जैसे रात जवां होती गई वैसे वैसे जंगल में वहशतनाक आवाज़ें गूंजने लगी। ज़रा सी हवा चलने पर के कड़कड़ा कर हिलने डुलने की आवाज़ें आती। खीड़की के बाहर झांकने से लंबे लंबे सनोबर के पेड़ धुंध की चादर ओढ़े दिखाई देते। दो दिन के बाद रेन ने इतना अच्छा खाना खाया था। खाना खाते ही उसे अपने जिस्म में ताक़त महसूस होने लगी थी। वॉशरूम गया और नहा धो कर अपने ज़ख्मों की मेहराम पट्टी करने लगा। उसे चाबुक मारा गया था इस लिए उसके पीठ में कई लंबे लंबे आकार में चमड़ी फटी हुई थी। पीठ ...और पढ़े
BTH (Behind The Hill) - 5
लोगों के चिल्लाने की आवाज़ से रेन अपने बिस्तर से हड़बड़ा कर उठा। एक दफा उसे लगा जैसे वह देख रहा था जहां वह एक इमारत के मलबे के नीचे बे बस पड़ा है और बाहर से बचाव कर्मियों की आवाज़ आ रही है के " कोई अंदर है? अगर है तो हमें आवाज़ लगाए" और वह खुश हो कर उनको आवाज़ देने की कोशिश करता है लेकिन ज़ख्मों के दर्द के मारे आवाज़ हलक में हो अटक अटल जाती है।बिस्तर पर बैठे उसने बड़ी बड़ी सांसे लेते हुए खिड़की की ओर देखा और फिर से आवाज़ आने के ...और पढ़े
BTH (Behind The Hill) - 6
शिजिन छोटे छोटे सीढ़ियों पर धीरे धीरे एक एक कदम रख रहा था। नीचे जाने के बाद उसके रोंगटे होने लगे। जीतना बड़ा हॉल ऊपर था उतना ही आलीशान नीचे का हॉल था। एक ही बड़ी सी लाइट बल्ब जल रही थी। बीच हॉल में एक बड़ी सी टेबल रखी हुई थी। दीवारों से सटे अलमारियां एक कतार में लगे थे। शिज़िन वहां जा कर बीच हॉल में खड़ा हुआ और चारों तरह एक पैनी नज़र दौड़ाई, उसने जा कर एक अलमारी को खोला तो दिमाग की बत्ती जैसे गुल हो गई, हैरत और ताज्जुब से आंखें फाड़ फाड़ ...और पढ़े
BTH (Behind The Hill) - 7
दिन भर गुज़र गया। बेला के नाखूनों से खून टपक टपक कर जो फर्श पर गिरा वह खून और से निकलने वाले खून अब जम गए थे इस तरह खून बहना बंद हो गया था। उसे न एक बूंद पानी दिया गया न खाना। कुर्सी पर बैठे बैठे वह निढाल होकर सो गई थी।सूरज ढलने को जा रहा था। परिंदे शोर मचाते हुए अपने अपने घरों में जाने की जल्दी में थे। बेला के सामने टॉर्चर करने वाले वोही दो एजेंट आए और एक गिलास पानी उसके मुंह पर छपाक से फेंका। वह बड़ी बड़ी सांसे लेते हुए उठ ...और पढ़े
BTH (Behind The Hill) - 8
अंधेरी रात में चांद की रौशनी फुलझड़ी की तरह बिखरी हुई थी। बहुत कम चहल पहल वाली जगह अब सुनसान पड़ चुका था। चौड़े जगह में फैले हुए इन्वेस्टिगेशन ऑफिस के आगे पीछे दोनों तरफ सड़क थी लेकिन बहुत कम गाड़ियां चलती। रात को तो न के बराबर क्यों के पास के जंगल में अक्सर ब्लैक पैंथर को देखा गया है उसके डर से लोग आते जाते नहीं अगर जाते भी हैं तो महफूज़ गाड़ी में फर्राटे के साथ निकल जाते हैं। यह वोही ऑफिस था जहां शिजिन कैद था और अब बेला क़ैद है। ऑफिस के पीछे वाले ...और पढ़े
BTH (Behind The Hill) - 9
बेला उन दोनों को एक एक बार ठीक से देखते हुए ताज्जुब से बोली : " तुम ने इसके क्यों उखाड़े हैं?शिजिन :" क्यों के इसे भी पता चले के नाखून उखाड़ने पर कैसा दर्द होता है। इन लोगों ने मुझ से ज़्यादा तुम पर ज़ुल्म किया। मुझे मारा पीटा पर कम से कम नाखून नहीं उखाड़े थे और न कान में पिन मारा था। एक नाखून उखड़ता है तो दर्द के मारे बुखार चढ़ जाता है। तुम बहादुर हो इसमें कोई शक नहीं!....(दोनों की नज़रे एक दूसरे को अपनेपन से देख रही थी। कुछ पल की खामोशी के ...और पढ़े