लखनऊ की गलियों में, जहाँ शाम की चाय की खुशबू हवा में घुली होती है, वहीं कॉलेज के बाहर एक लड़का, आरव, अपनी किताबों में खोया हुआ बैठा था। वह मेडिकल का छात्र था, अपने माता-पिता की उम्मीदों को पूरा करने की जिम्मेदारी लिए। लेकिन उसका दिल किताबों में नहीं, कहीं और था—एक लड़की, सिया में। सिया, एक संगीत छात्रा थी। उसका सपना था एक मशहूर गायिका बनने का, लेकिन उसके घरवाले उसे डॉक्टर बनते देखना चाहते थे। यही कारण था कि उसने मेडिकल कॉलेज में दाखिला तो ले लिया, लेकिन उसका मन सुरों की दुनिया में ही बसता था।
रंगीन कहानी - भाग 1
लखनऊ की गलियों में, जहाँ शाम की चाय की खुशबू हवा में घुली होती है, वहीं कॉलेज के बाहर लड़का, आरव, अपनी किताबों में खोया हुआ बैठा था। वह मेडिकल का छात्र था, अपने माता-पिता की उम्मीदों को पूरा करने की जिम्मेदारी लिए। लेकिन उसका दिल किताबों में नहीं, कहीं और था—एक लड़की, सिया में।सिया, एक संगीत छात्रा थी। उसका सपना था एक मशहूर गायिका बनने का, लेकिन उसके घरवाले उसे डॉक्टर बनते देखना चाहते थे। यही कारण था कि उसने मेडिकल कॉलेज में दाखिला तो ले लिया, लेकिन उसका मन सुरों की दुनिया में ही बसता था।एक दिन, ...और पढ़े
रंगीन कहानी - भाग 2
**"इंतज़ार की दास्तान"***(एक प्रेम कहानी)*उत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव **धनपुर** में एक शांत और सुरम्य माहौल था। सुबह ठंडी हवा, खेतों में लहराती फसलें और आम के पेड़ों से गिरते पत्तों की सरसराहट यहाँ की पहचान थी। इसी गाँव में रहता था **अमर**, एक सीधा-सादा लेकिन स्वभाव से जिद्दी लड़का। वह बचपन से ही गाँव के स्कूल में पढ़ा था और अब कॉलेज की पढ़ाई के लिए पास के शहर **मथुरा** जाता था।अमर के पिता किसान थे और माँ गृहिणी। घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, लेकिन फिर भी अमर के माता-पिता ने उसकी पढ़ाई में ...और पढ़े
रंगीन कहानी - भाग 3
**सलामी – एक मार्मिक कहानी**गाँव का नाम था **गुलाबपुर**। वहाँ के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति **बाबू हरिहरनाथ** थे, जो कभी रह चुके थे। अब उनकी उम्र 75 के पार हो चली थी, और घर में उनकी बहू **सुमित्रा**, पोता **अमर**, और पोती **गुड़िया** के अलावा कोई नहीं था। उनका बेटा **राजेश** फौज में कैप्टन था और सीमा पर देश की रक्षा कर रहा था।हरिहरनाथ जी के घर की हालत अब वैसी नहीं थी जैसी कभी उनकी नौकरी के समय हुआ करती थी। घर की दीवारों पर सीलन आ गई थी, खपरैल की छत जगह-जगह से चूने लगी थी, और आँगन ...और पढ़े
रंगीन कहानी - भाग 4
**साली**गांव के पश्चिमी छोर पर बसा चौधरी परिवार वहां का सबसे प्रतिष्ठित और समृद्ध परिवार था। चौधरी रामनाथ अपनी कर्तव्यपरायणता और दयालुता के लिए जाने जाते थे। उनकी प्रतिष्ठा गांव भर में थी, क्योंकि वे हर गरीब की मदद करते, किसानों के संकट में साथ खड़े होते और गांव के पंचायत में न्याय के लिए जाने जाते।चौधरी के तीन संतानें थीं – बड़ा बेटा रघुवीर, जो पिता की तरह ही किसान था, दूसरा बेटा हरगोबिंद, जो शिक्षा में रुचि रखता था, और उनकी सबसे प्यारी बेटी सुधा, जो सुंदरता और गुणों की मिसाल थी।सुधा का विवाह पास के गांव ...और पढ़े
रंगीन कहानी - भाग 5
**अंधेरी राहें** – एक ग्रामीण जीवन की मार्मिक कथागांव के पश्चिमी छोर पर बसा **सुखीपुर** नाम का एक छोटा-सा था। खेतों की हरियाली, आम के बाग, तालाब के किनारे खेलते बच्चे और शाम को चौपाल पर जमा होते किसान – यह सब मिलकर इसे एक आदर्श ग्राम बनाते थे। लेकिन हर गांव की तरह, सुखीपुर के भीतर भी कई ऐसी कहानियां दबी हुई थीं, जिन पर कोई खुलकर बात नहीं करता था। यह कहानी है एक ऐसे अंधेरे की, जिसे सबने अनदेखा किया, और एक ऐसे सत्य की, जिसे उजागर करने का साहस किसी में नहीं था।सुखीपुर का समाज ...और पढ़े