कैसी हो सनाया अब आपकी तबियत कैसी है " " सनाया से गज़ाला पुछती है। जी पहले से बेहतर है अब फुफ्फू जान। सनाया अपने बिस्तर से पैरों को समेटते हुऐ बैठ जाती है। बैठो ना फुफ्फू आप खडी क्यो हो। सनाया गज़ाला फुफ्फू से कहती है। नही बेटा आप आराम करो मै तो बस यहा से गुज़र रही थी। तो सोचा क्यो ना अपने लाढली बिटियां से मिलती जाऊ। सनाया से गज़ाला बोलती है। रशीदा फुफ्फू को चाय लाओ। सनाया नौकरानी को आवाज़ देती है। तभी बाहर से शूर की आवाज आती है। सब बाहर की ओर भाग के जाते है। बाहर अरसलान तैय्यब जोर जोर से चिल्ला रहा था। अपने प्यार का इज़हार कर रहा था। ये देख कर गज़ाला और रिमशा(सनाया की मां) अर्शी(सनाया की खाला) सब की आंखे खुली की खुली रह गई। अरसलान तैय्यब ऐसा करेगा। जिसको पुरा मुहल्ला शरीफ समझता है। वो ऐसा करेगा,
मोहब्बत - पार्ट 1
कैसी हो सनाया अब आपकी तबियत कैसी है " " सनाया से गज़ाला पुछती है। जी पहले से बेहतर अब फुफ्फू जान। सनाया अपने बिस्तर से पैरों को समेटते हुऐ बैठ जाती है। बैठो ना फुफ्फू आप खडी क्यो हो। सनाया गज़ाला फुफ्फू से कहती है। नही बेटा आप आराम करो मै तो बस यहा से गुज़र रही थी। तो सोचा क्यो ना अपने लाढली बिटियां से मिलती जाऊ। सनाया से गज़ाला बोलती है। रशीदा फुफ्फू को चाय लाओ। सनाया नौकरानी को आवाज़ देती है। तभी बाहर से शूर की आवाज आती है। सब बाहर की ओर भाग के ...और पढ़े