रमकलिया, जी हाँ, यही तो नाम था उस लड़की का। सोलह वर्ष की रमकलिया अपने माँ–बाप की इकलौती संतान थी। उसके माँ-बाप उसका बहुत ही ख्याल रखते थे और उसकी हर माँग पूरी करते थे। अरे यहाँ तक कि, हमारे गाँव-जवार के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि गाँव क्या पूरे जवार में सबसे पहले साइकिल रमकलिया के घर पर ही खरीद कर आई थी। उस साइकिल को देखने के लिए गाँव-जवार टूट पड़ा था। रमकलिया उस समय उस साइकिल को लंगड़ी चलाते हुए गढ़ही, खेत-खलिहान सब घूम आती थी।
अजीब लड़की - 1
रमकलिया, जी हाँ, यही तो नाम था उस लड़की का। सोलह वर्ष की रमकलिया अपने माँ–बाप की इकलौती संतान उसके माँ-बाप उसका बहुत ही ख्याल रखते थे और उसकी हर माँग पूरी करते थे। अरे यहाँ तक कि, हमारे गाँव-जवार के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि गाँव क्या पूरे जवार में सबसे पहले साइकिल रमकलिया के घर पर ही खरीद कर आई थी। उस साइकिल को देखने के लिए गाँव-जवार टूट पड़ा था। रमकलिया उस समय उस साइकिल को लंगड़ी चलाते हुए गढ़ही, खेत-खलिहान सब घूम आती थी।रमकलिया बहुत ही नटखट थी और लड़कों जैसा मटरगस्टी करती रहती थी। वह ...और पढ़े
अजीब लड़की - 2
यह कहानी मैंने अपने गाँव के ही एक बुजुर्ग जो कोलकाता में काम करते थे, उनसे सुनी थी। एक की बात है कि कुछ अंग्रेज शिकारी भारत के किसी जंगल में शिकार पर गए। उस जंगल के बाहर एक डाक-बंगला था पर उसमें पहले से ही कोई बड़ा अंग्रेज अधिकारी ठहरा हुआ था, अस्तु इन अंग्रेज शिकारियों को जंगल के बीच बने एक पुराने डाक बंगले में रूकना पड़ा। इस डाकबंगले का रखवाला अपने परिवार के साथ रहता था और डाकबंगले में रुकने वाले लोगों की सेवा करता था। इस रखवाले के परिवार में उसकी बीबी तथा लगभग 14-15 ...और पढ़े