कहानी ज्वार या भाटा हमारे उन वयोवृद्ध योद्धाओं की है जो अपने जीवन में अथाह अनुभव लेके उसे साकार करने हेतु एवं अपनी कुंठाए दूर करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। यह कहानी रिटायरमेंट के बाद वृद्ध जनों के सामाजिक जीवन को दर्शाती है कि किस प्रकार कुछ उम्रदराज दोस्त एक दूसरे के साथ होते ही बीस साल जवान हो जाते हैं। यह कहानी हमारे वरिष्ठ जन से वृद्ध जनों के बीच के अंतराल की कहानी है। तथा यह एक परिवार से घर बनने की कहानी है।

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ज्वार या भाटा - भाग 1

"ज्वार या भाटा"भूमिकाकहानी ज्वार या भाटा हमारे उन वयोवृद्ध योद्धाओं की है जो अपने जीवन में अथाह अनुभव लेके साकार करने हेतु एवं अपनी कुंठाए दूर करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। यह कहानी रिटायरमेंट के बाद वृद्ध जनों के सामाजिक जीवन को दर्शाती है कि किस प्रकार कुछ उम्रदराज दोस्त एक दूसरे के साथ होते ही बीस साल जवान हो जाते हैं। यह कहानी हमारे वरिष्ठ जन से वृद्ध जनों के बीच के अंतराल की कहानी है। तथा यह एक परिवार से घर बनने की कहानी है।पात्र परिचय :1 संजीव मिश्रा = प्रोफेसर ( मुख्य पात्र )2 सिद्धार्थ ...और पढ़े

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