गाँव के मुखिया चौधरी रणधीर के घर आज लोगों की भीड़ लगी हुई थी। पूरा घर जगमगा रहा था, घर के आंगन में औरतें सोहर गीत गा रही थीं। और बड़े बुजुर्ग आंगन में बैठकर हुक्के बाजी कर रहे थे। शादी के 10 साल बाद रणधीर चौधरी को एक बेटी हुई थी, जिसके लिए उन्होंने ना जाने कितने देवी-देवताओं के मत्थे टेक थे। आज उसी लड़की का नामकरण था, इसलिए गाँव के हर सदस्य को न्योता दिया गया। पंडित जी ने पूजा अर्चना की सभी देवी-देवताओं, कुल देवता आदि की पूजा की, उसके बाद बिटिया का नाम रखा गया - "पृथ्वी," यानी साक्षात धरती माँ। लड़की के नामकरण के बाद सभी गाँववालों को भोजन कराया गया, पूरे गाँव में मिठाई बांटी गई और ब्राह्मणों को भर-भर के दान-दक्षिणा दी गई।
इश्क इबादत - 1
उत्तर प्रदेश,गाँव के मुखिया चौधरी रणधीर के घर आज लोगों की भीड़ लगी हुई थी। पूरा घर जगमगा रहा घर के आंगन में औरतें सोहर गीत गा रही थीं। और बड़े बुजुर्ग आंगन में बैठकर हुक्के बाजी कर रहे थे।शादी के 10 साल बाद रणधीर चौधरी को एक बेटी हुई थी, जिसके लिए उन्होंने ना जाने कितने देवी-देवताओं के मत्थे टेक थे।आज उसी लड़की का नामकरण था, इसलिए गाँव के हर सदस्य को न्योता दिया गया।पंडित जी ने पूजा अर्चना की सभी देवी-देवताओं, कुल देवता आदि की पूजा की, उसके बाद बिटिया का नाम रखा गया -"पृथ्वी," यानी साक्षात ...और पढ़े
इश्क इबादत - 2
इतना सबकुछ हो गया फिर भी पूनम जी अभी तक मूक दर्शक बनकर बैठी हुई थी।पुरुषोत्तम ने एक नज़र को देखा और तिरछा मुस्कुरा दिया।फिर वो सबके सामने बोला , अब तो आप सबको विश्वास हो गया होगा ना की ये सब अब मेरा है।गांव के सभी लोगो मायूस होकर अपना सिर झुका लिए।उनके पास अब कोई मुद्दा ही नही था इस बात पर बहस करने के लिए।पूनम जी वहां से उठ गई और अपने घर में चली गई। अंदर जाकर उन्होंने अपनी कुछ जरूरत का सामान कपड़े लिए और चौधरी साहब की तस्वीर लेकर बाहर आ गई।पुरुषोत्तम आगे ...और पढ़े