यह कहानी शुरू होती है ऊटी एक आश्रम से जहां मैं अपनी नशे की आदत छुड़ाने गया था, और जहाँ पहली बार मैं वृष्टि से मिला... बाहरी दुनिया से सारे कनेक्शन तोड़ के बिना किसी फोन या इंटरनेट के आश्रम में मेरे दिन ध्यान साधना,वर्कआउट, सेल्फ वर्क, किताबे पढ़ना ये सब करके जा रहे थे उन दिनों आध्यात्मिक रूप से मुझमे काफ़ी बदलाव आ गया था. रात में नींद नहीं आ रही थी पिछ्ले 15 दिन से मैंने सिगरेट दारू देखी तक नहीं थी उस बेचैनी में, मैं कमरे से बाहर निकला और खुले आसमान को देख रहा था जो देखने में काफी आकर्षक था आसमान के तारों की चमक,वहाँ फ़ैली हुई शांति,ठंडी हवाएँ ये सब देख रहा था, महसूस कर रहा था.

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कहानी हमारी - 1

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कहानी हमारी - 2

हम चुपके से देख रहे थे गार्ड वहां से गया की नहीं.....वही दूसरी और गार्ड भी वहाँ देख रहा यहाँ कोई है तो नहीं या वेहम है,उस वक्त वृष्टि मेरे इतने करीब थी उसकी सांसों की हलचल मुझे महसूस हो रही थी मैं मेरे मन में ये सोच रहा था, कि कुछ वक्त पहले जो चेहरा बिल्कुल अंजान था कैसे मेरे इतने करीब आ गया हैइतनी गहरी आँखेंजिनमें बच्चोंसी मासूमियत कुछ लोग अंजान होके भी खुद से ज्यादा करीब लगने लगते हैं उस वक्त कुछ ऐसा ही मुझे महसूस हो रहा थागार्ड के जाते ही हम फोरन वहा से ...और पढ़े

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