रिबिर्थ ऑफ़ डेविल

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पृथ्वी पर अनेक प्रेम कहानी रची गईं है जैसे हीर रंझा, लैला मजनू जिनकी प्रेम को पूरा कायनात आज तक नहीं भूली है। हमारे क्लचर में हर प्रेमी को श्रीकृष्णा और प्रेमिका को राधा रानी के रूप में देखा जाता है ऐसी एक अनोखी प्रेम कहानी का आगाज में कर रही हूँ जो पूर्णजन्म से जुड़ा है । पर कुछ कहानियाँ मिलने से नहीं बल्कि बिछड़ने से शुरू होता है। मौत जिनका अंत नहीं शुरुआत होता है "ऐसा जो कुदरत की हदे नहीं मंगता है जो किस्सम के लेखा नहीं मांगता, जिसमे बेपनाह खुशी होता है पर बेहिसाब दर्द भी होता है...बिरह होता है वो किस्मत होता है जो उन्हें जूदा करता है तो वो कायनात ही होता जो उन्हें शिद्दत से मिलाने की साजिश भी रचता है ऐसी ही एक प्रेम कहानी जो अभय और आंशी की है जो अपने प्यार के लिए किस हद जाएगे । नफ़रत से हुईं शादी का हस्र वो हुआ जिसकी कल्पना किसी ने नहीं होंगी ऐसा हुआ था. अपनों के नाम पर रिश्तो में धोखा मिला, जिसके बाद उन का पुनर्जन्म हुआ .. नई कहानी शुरूआता हुईं अभय महेश्वरी जो बिजनेस ... चलिए शुरू करती हूँ......

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रेबिर्थ ऑफ़ डेविल - 1

पृथ्वी पर अनेक प्रेम कहानी रची गईं है जैसे हीर रंझा, लैला मजनू जिनकी प्रेम को पूरा कायनात आज नहीं भूली है।हमारे क्लचर में हर प्रेमी को श्रीकृष्णा और प्रेमिका को राधा रानी के रूप में देखा जाता है ऐसी एक अनोखी प्रेम कहानी का आगाज में कर रही हूँ जो पूर्णजन्म से जुड़ा है ।पर कुछ कहानियाँ मिलने से नहीं बल्कि बिछड़ने से शुरू होता है। मौत जिनका अंत नहीं शुरुआत होता है ऐसा जो कुदरत की हदे नहीं मंगता है जो किस्सम के लेखा नहीं मांगता, जिसमे बेपनाह खुशी होता है पर बेहिसाब दर्द भी होता है...बिरह होता है.. ...और पढ़े

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 2

अभय जो अब गुस्से भाव में था अब हैरानी से भर गया।वो आंशी के शव को देख दर्द की दिल में उमड़ गया।वो पलट कर पीछे देखा तो सामने एक 44 साल की उम्र दराज औरत अपने हाथों में पिस्तौल लिए हुए खड़ी थी.अभय बेटा यहां आओ नहीं पिस्तौल पर फुक करते हूए ऐटिटूड से अभय माँ ये आपने क्या किया?.औरत- बेटा जो पहले कर देना चाहिए था वो आज हुआ चली गईं मनहूस...अभय आंशी के शव को बाहो में उठाकर... माँ आपने ठीक नहीं किया....किसका खामियाजा आपको भुगताना होगा.... औरत - हमें पता था तुम गिरगिट की तरह ...और पढ़े

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 3

24 साल बाद.....आंशी जल्दी चलो यार कॉलेज के लिए लेट हो जाएगे...आंशी आ गईं चिल्ला क्यों रही है?.दुपट्टे को करते हूए घर से बाहर आई गेट पर ताला लगाकर चाबी को बेग में डालते हूए पास आई चलो यश अब लेट नहीं हो रहा है?. कमर पर हाथ रख यश हेलमेट लगाते हूए अब बैठो...आंशी बाइक के पीछे बैठ कंधे पर हाथ रखी...यश ने बाइक स्टार्ट कर रवाना हो गया।*****आलिशान कमरे में जिसमे सब कुछ सुविधा था... ब्लेक एंड वाइट का कलर था... एंटीक समान, और शोपिस दे सजाया गया था बीचो बीच किंग साइज बेड, जिसके ठीक पीछे ...और पढ़े

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 4

अब तक पढ़ा.....यामिनी - हो रही है मिना जाकर बुलाकर लाओ. आगे आप सब पढ़े......मिना केयर टेकर है जो सालो से काम करती थी {याँ कह लीजिये घर का सदस्य का अहम हिस्सा है।तोड़ी देर बाद....ब्रेकफस्ट कर रहे थे।अभय बिना इमोशन के अपना नास्ता कर रहा था उसकी शन्ति को तोड़ती हुईं।भैयाँ मेरा गिफ्ट कहा है?.नव्या { एक्साइटेड से }अभय चुप चाप नास्ता करो नव्या...नव्या मुँह बनाकर क्या भैयाँ आप ऑल टाइम खड़ूस कैसे रह शकते है?.आव्या - चुप कर बड़बोली नहीं तो गिफ्ट भी केंसल हो जाएगा.... मेरा लेपटॉप मुझे नहीं मिलेगा लेटेस्ट वर्जन।नव्या - रोते हूए नहीं ...और पढ़े

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 5

दिल्ली का सबसे फेमस याँ यू कहे पुरे वल्ड में नाम आता था ---** **सपनों का मंच विश्वविद्यालय** काल्पनिक ऐसा कॉलेज जहां कोई पढ़ाई के नियम नहीं होते। यहां पर सिर्फ वह जो सीखना चाहे, उसे सीख सके। बो कॉलेज जगह से प्रेरित होता था, जहां सब कुछ सम्भव होता था।बड़ा सा चमकदार गेट जिस बपर नाम लिखा बड़े बड़े शब्दो में गेट पर "विश्वास कीजिए और सपनों को पाएं" यह लिखा हुआ था। अंदर जाते ही कॉलेज का वातावरण बहुत ही अलग और रोमांचक है।शाइन करते हूए रेंज रॉवर कार कॉलेज से अंदर आया कॉलेज के स्टूडेंट्स देखने ...और पढ़े

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 6

मंदिर - बूढ़ी साधु महिला फूल का हार बनाते हूए आसमान को देखी ... मुस्कराकर 'उनका मिलने का समय गया है हवाओं का रुख भी बदला गया है जो उनके मिलने का अंदेशा है ..'.अब देखना होगा वो पहचानेगा... तेरी माया अपरमपार है जय काली माता *********-पार्किंग एरिया में लगे पेड़ पौधे भी हिले लग गए थे अभय सब कुछ देख कर... {मन में}" लगता है! कुदरत हमें मिलाने की, पहले ही साजिश कर लिया है?.आप हमारी यही कही हैं बट दिख नहीं रही हैं।कहां हैं आप आंशी?. आपको देखने के लिए आपका अभय तरस गया है.. फिर ...और पढ़े

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 7

क्लास में अभी सब एक दूसरे से बातें कर रहे थे कि तभी अचानक से साइलेंट हो जाता है।परी अचानक साइलेंट क्यों हो गया?.मोहित - प्रोफेसर जो वापस आ गए हैं परी ने कहा आई जो मैंने उनके कार को आते हुए देखा।टिया - अब हमारी बैंड बजेगी क्योंकि उन्होंने हमें एक हफ्ते का मौका दिया था इस बीच हमने टेस्ट का कोई भी रिवीजन नहीं किया है।आज हमारी बैंड बजाने वाली है वो इतना कह पाई थी कि तभी अकड़ के साथ प्रोफेसर अभय क्लासेस में इंटर होते हैंसारे स्टूडेंट रिस्पेक्ट से अपनी जगह से खड़े हो गए ...और पढ़े

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 8

।स....र य....श की.. को...ई गल...ती न...हीं है। अपने लड़खड़ाते जुबान से बस इतना ही कह पाई ....{ क्लास में को चिरते हूए हिम्मत से इतना ही कही }अभय - ब्लैक बोर्ड पर क्वेश्चन नोट कर रहा था धड़कने और भी ज्यादा तेज हो गया️ ये आवाज सुन... वो अपने मन ' ये आवाज, आवाज में घबराहट, से बोलने की अदा तो?...' वो बेताबी तलब से मुड़ा एक नजर पुरे क्लास में डाला......तभी एक जगह ठीक गया.... एकदम लास्ट रो पर लड़की घबराई हुई गर्दन नीचे खड़ी थीबाल से चेहरा ढका हुआ था खिड़की से आती हवा से चेहरे पर ...और पढ़े

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