नमस्कार ,दोस्तों कैसे हैं आप ? ये कहानी मेरी पहली कहानी है। अगर कुछ गलती हो तो पहले से ही माफ़ी मांगती हु। तो चलो कहानी की शुरुवात करते है। यह कहानी काल्पनिक है। इसका वास्तविकता से कोई संभंद नहीं है। तो बात कुछ १९८० की है , एक गांव जिसका नाम सज्जनगढ़ था। राजस्थान में बसने वाला यह गांव कभी बोहोत कुशल हुआ करता था।राजा प्रद्यम्नासिंघ और रानी कलावती दोनों ही अपने प्रजा से बोहोत प्रेम करते थे उनके जीवन में ऐसे कुछ समस्या नहीं थी। परन्तु जीवन अगर इतनी खुशाली से गुजरे तो इस दुनिया में कभी कोई दुखी नहीं होता। सब कुछ होते हुए भी राजा और रानी खुश नहीं थे शादी को नौ साल होने पर भी रानी कलावती की कोई संतान नहीं थी।

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प्यार का इंतकाम। भाग -१

नमस्कार ,दोस्तों कैसे हैं आप ? ये कहानी मेरी पहली कहानी है। अगर कुछ गलती हो तो पहले से माफ़ी मांगती हु। तो चलो कहानी की शुरुवात करते है। यह कहानी काल्पनिक है। इसका वास्तविकता से कोई संभंद नहीं है। तो बात कुछ १९८० की है , एक गांव जिसका नाम सज्जनगढ़ था। राजस्थान में बसने वाला यह गांव कभी बोहोत कुशल हुआ करता था।राजा प्रद्यम्नासिंघ और रानी कलावती दोनों ही अपने प्रजा से बोहोत प्रेम करते थे उनके जीवन में ऐसे कुछ समस्या नहीं थी। परन्तु ...और पढ़े

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प्यार का इंतकाम। भाग -२

तो दोस्तों कैसे हो आप सभी आशा करती हु , कहानी का पहला भाग आप सबको पसंद आया होगा। ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए चलो आगे की कहानी शुरू करती हु। जैसे की पिछले भाग मैं आपने पढ़ा होगा राजकुमारी को कौशल का ही ख्याल आता रहता है। तो वह निकल पड़ती है कौशल से मिलने के लिए उसके घर , लेकिन वो साधारण वस्त्र ही परिधान करती है। वो कौशल के घर के पास पोहचती है। परन्तु उस समय कौशल घर पे नहीं होता । कौशल भले ही गरीब घर से हो परन्तु दिखने मैं किसी राजकुमार ...और पढ़े

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