"राज बेटा आप दस दिनों से जिस लड़की की पेंटिंग बना रहे थे, वह मेरी बेटी रत्ना नहीं थी, बल्कि रत्ना की बहन माया थी।" रत्ना की विधवा मां बताती है "मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूं आप क्या कहना चाह रही है।" चित्रकार राज पूछता है? "रत्ना और माया मेरी जुड़वा बेटियां है, माया दस दिन पहले ही पड़ोस के रंजीत नाम के लड़के के साथ घर पर बिना बताए मुंबई हीरोइन बनने भाग गई है, लेकिन आपकी पेंटिंग देखकर और आपकी बातों से मुझे पक्का यकीन हो गया है कि उस आवारा नीछ धोखेबाज रंजीत ने उसे धोखा दे दिया है और वह मुंबई पहुंची ही नहीं है, इधर दिल्ली में ही इधर-उधर भटक रही है।" यह बात राज को बोलते बोलते रत्ना माया की विधवा मां बिना एक भी आंसू टपकाए रोने लगती है।
चिकनी मिट्टी की प्रेमिका - भाग 1
"राज बेटा आप दस दिनों से जिस लड़की की पेंटिंग बना रहे थे, वह मेरी बेटी रत्ना नहीं थी, रत्ना की बहन माया थी।" रत्ना की विधवा मां बताती है "मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूं आप क्या कहना चाह रही है।" चित्रकार राज पूछता है?"रत्ना और माया मेरी जुड़वा बेटियां है, माया दस दिन पहले ही पड़ोस के रंजीत नाम के लड़के के साथ घर पर बिना बताए मुंबई हीरोइन बनने भाग गई है, लेकिन आपकी पेंटिंग देखकर और आपकी बातों से मुझे पक्का यकीन हो गया है कि उस आवारा नीछ धोखेबाज रंजीत ने उसे धोखा ...और पढ़े
चिकनी मिट्टी की प्रेमिका - भाग 2
"आपकी बातों में सच्चाई तो नजर आ रही है लेकिन फिर भी मुझे एक बात का सच-सच जवाब दो अगर आपकी सौतेली मां माया 20 वर्ष पहले मर चुकी है, तो उसने आपको अब तक कैसे जीवित छोड़ रखा है और तुम्हें अपनी मृत सौतेली मां की आत्मा के साथ रहने में भय नहीं महसूस होता है।" राज पूछता है?"वह मरने से पहले और मरने के बाद भी मुझे अपनी सगी बेटी जैसे प्यार करती है और माया कोई साधारण चुड़ैल नहीं है, वह जब जीवित थी तो माता काली की बहुत बड़ी भगतनी थी, काली मां की कृपा ...और पढ़े
चिकनी मिट्टी की प्रेमिका - भाग 3
तभी उसके कंधे पर रत्ना हाथ रखकर कहती है "चिंता मत करो मैं आपके पीछे-पीछे ही चल रही हूं। राज के पास आकर धीरे से उसके कान में कहती है "यह कोई पुलिस कर्मी नहीं बल्कि वही माया मां का जींद है।""तो अब मैं क्या करूं।" राज पूछता है?"बस मेरे पीछे-पीछे दबे पाओं चलते रहो।" रत्ना कहती हैकुछ कदम चलकर राज पीछे मुड़कर देखता है तो वह पुलिस की वर्दी में जींद कम से कम दस फीट लंबा होकर कच्चे रोड़ पर खड़ा होकर चुपचाप राज रत्ना कि तरफ देख रहा था।तब राज उस जींद को देखकर रत्न से ...और पढ़े
चिकनी मिट्टी की प्रेमिका - भाग 4
राज माया चुड़ैल की दर्द भरी आवाज को सुनकर समझ जाता है कि माया चुड़ैल सच कह रही है, वह माया चुड़ैल के दिल में दबे बरसों से दुख के ज्वालामुखी के अलावा को बाहर निकालने के लिए माया चुड़ैल से कहता है "विस्तार से बताओ तुम्हें मदों से इतनी नफरत क्यों है।""ना जाने राज तुम में क्या बात है कि मुझे अपने जीवन की एक-एक बात तुम्हें बताने कि क्यों मेरी बहुत इच्छा हो रही है, इसलिए मैं घर के रास्ते में चलते हुए तुम्हें सब कुछ बताती हूं।" माया चुड़ैल के कहने से रत्ना राज दोनों माया ...और पढ़े