आज सुबह से दिल में उत्साह था । पता नहीं क्यों पिकनिक के नाम से दिल बच्चा बन जाता है । आज मै अपने परिवार के साथ पिकनिक जाने वाली हूं । मेरे सास , ससुर, ननद, नंदोई उनके दो बच्चे , मै , मेरे पति और मेरे दो बच्चे इतना सा है मेरा परिवार । असल में तो मैं दो बच्चो की मां हूं । लेकिन आज मुझे मेरे बच्चों को उत्साहित देख कर मेरे बचपन की याद आ गई । बात पुरानी है पर जैसे स्मृतियों में कल ही की बात हो । मै १४ वर्ष की थी । और स्कूल से पिकनिक के लिए शहर से बाहर लेकर जाने वाले थे । मेरे पिताजी बहुत पुराने खयालात के थे । उनके हिसाब से लड़कियों का इस तरह बाहर जाना देश के साथ गद्दारी करने जैसा या कानून तोड़ने जैसा अपराध था । अगर इसके लिए कोई कानूनी सजा होती तो वो स्कूल वालों को सबसे पहले जेल मै डाल देते । वैसे भी हमारे देश में जितनी स्वतंत्रता बेटों को दी जाती है बेटियों को नहीं ।

Full Novel

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पिकनिक - 1

आज सुबह से दिल में उत्साह था । पता नहीं क्यों पिकनिक के नाम से दिल बच्चा बन जाता । आज मै अपने परिवार के साथ पिकनिक जाने वाली हूं । मेरे सास , ससुर, ननद, नंदोई उनके दो बच्चे , मै , मेरे पति और मेरे दो बच्चे इतना सा है मेरा परिवार । असल में तो मैं दो बच्चो की मां हूं । लेकिन आज मुझे मेरे बच्चों को उत्साहित देख कर मेरे बचपन की याद आ गई । बात पुरानी है पर जैसे स्मृतियों में कल ही की बात हो । मै १४ वर्ष की थी ...और पढ़े

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पिकनिक - 2

अंकित से मेरी बात आज पहली बार हुई वो भी कॉपी पर लिख कर हमने बात की । मैने आवाज़ नहीं सुनी थी । और कभी बात करने की जरूरत भी नहीं पड़ी । कॉपी पर हम बात कर लिया करते थे लेकिन पता नहीं क्यों मै उससे बात करने में कतराती थी और वह भी शायद थोड़ा घबराता होगा । इसलिए हमारी रूबरू बात नहीं होती थी । एक दिन मै अंजलि के साथ खड़ी थी तब आकर उसने अंजलि से कुछ नोट्स के बारे में बात की थी तब मैंने उसकी आवाज़ सुनी । बहुत सुरीली आवाज़ ...और पढ़े

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पिकनिक - 3

रात भर मै उसी की बाते याद करती रही उसका मुस्कुराता चेहरा आंखों के आगे घूमता रहा उसके साथ पल याद आते रहे । अगले दिन हम लोगों ने म्यूजियम देखा । हम साथ घूमे । म्यूजियम की सभी चीजे देखने और उनके बारे में सारी जानकारी इकट्ठा करने में पूरा दिन निकल गया । हम सब थक कर चूर हो चुके थे । यहां तक कि सारे टीचर्स भी । सभी टीचर्स एक अच्छी जगह देखकर म्यूजियम के बाहर बैठ गए । सभी लोगो ने कहीं ना कहीं डेरा जमा लिया था । मै ,अंजलि, अंकित और रमन ...और पढ़े

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