यह कहानी है एक ऐसे इंसान की, जिसने अपनी जिंदगी इंसानियत के और स्त्री रक्षा पर न्यौछावर कर दी। कहते है की , सदियों से इस धरती पर भगवान ने अवतार लिया है। जिन्हे आज के दौर मे एंजल (फरिश्ता) कहा जाता है। इस धरती पर फरिश्ते का जन्म एक नेक काम करने के लिए ही होता है। कुछ ऐसी ही कहानी है "अर्जुन" की। कहानी इंसानियत की। कहानी मानवता की। कहानी स्त्री रक्षा की। "तो चलिए शुरू करते है यह "अर्जुन" की संघर्ष भरी कहानी।
बॉडीगार्ड - 1
यह कहानी है एक ऐसे इंसान की, जिसने अपनी जिंदगी इंसानियत के और स्त्री रक्षा पर न्यौछावर कर दी। है की , सदियों से इस धरती पर भगवान ने अवतार लिया है। जिन्हे आज के दौर मे एंजल (फरिश्ता) कहा जाता है। इस धरती पर फरिश्ते का जन्म एक नेक काम करने के लिए ही होता है। कुछ ऐसी ही कहानी है "अर्जुन" की। कहानी इंसानियत की। कहानी मानवता की। कहानी स्त्री रक्षा की। "तो चलिए शुरू करते है यह "अर्जुन" की संघर्ष भरी कहानी। _______________________________________(कहानी शुरू होती है मुंबई शहर से। 1.84 करोड़ लोगो से बसा यह शहर ...और पढ़े
बॉडीगार्ड - 2
अब आगे। (अर्जुन का दिमाग बहुत तेज था। अर्जुन वो सोच सकता था, जो आज की दुनिया मे शायद सोच सकता हैं। यहाँ पर मसला सिर्फ एक ही था, की, अर्जुन को इंसानियत का अर्थ जानना था। इसलिए वो सिर्फ इस विषय पर बात करने लगा था। वीर के पास अर्जुन के सवाल का कोई जवाब नही था। इसलिए अर्जुन अब वहा से घर लौट आया।) (शाम के पाँच बज रहे थे। रोहित जी भी अब तक घर लौट आये थे। रोहित जी घर के बाहर चेयर पर बैठ कर अपने पड़ोसी रामलाल जी से बाते कर रहे थे। ...और पढ़े
बॉडीगार्ड - 3
आप यह क्या कह रहे हैं पापा? वहां पर एक लड़की की लाश थी, उसका खून हुआ था तो खड़ी लोग फोटो तस्वीर रिपोर्टिंग कर रहे थे, जबकि उन लोगों को उस दुखी पिता को सांत्वना देनी चाहिए। (अर्जुन ने कहा।) [अर्जुन इतना बता ही रहा था कि तभी बीच में रोहित जी बोल पड़े।]" अर्जुन बेटा यह आज तुम्हें क्या हो गया है? ऐसी बातें क्यों कर रहे हो? देखो बेटा, उस लड़की की किस्मत में मरना लिखा था, इसलिए वह मर गई। अब इसमें हम क्या कर सकते हैं? उसके पिता भी क्या कर सकते हैं हम ...और पढ़े
बॉडीगार्ड - 4
[अर्जुन, वीर को जाते हूए देख रहा था। अर्जुन कुछ देर वही खडा रहा। कुछ देर मे वो भी हर चला गया।]"भैय्या, आप कहाँ थे? मैंने आपको कितना तलाश किया आपको पता भी है? (अर्जुन के छोटे भाई सूर्या ने कहा।) " क्यों, क्या हुआ? (अर्जुन ने क्युरियस होते हुए पूछा।) "भैय्या, पानी के नल मे लीकेज हो रहा है, और पानी भी नही आ रहा है! (सूर्या ने अर्जुन को बताया।) " अरे यार, यह नल की समस्या कब खत्म होगी! अब फिर से प्लंबर को ही बुलाना पड़ेगा।(अर्जुन ने परेशान हो कर कहा।) "क्या भैय्या, नल को ...और पढ़े