ऎसा प्यार कहाँ..

(195)
  • 63.2k
  • 42
  • 40.1k

कहते हैं कुछ रिश्तो के नाम नहीं होते हैं, सिर्फ वो दिल से निभाये जाते हैं..... जी,.. ऎसा ही कुछ प्रज्ञा और नील के बीच था। आए पढ़ते हैं.. क्या था उनका रिश्ता और कैसे बना उनका ये रिश्ता..... प्रज्ञा बहुत ही सीधी -साधी , बहुत ही सुन्दर और मासूम भी थी। वो अपने घर का सारा काम करके बाकी का वक्त घर पर ही बिताती।कभी कभी बहुत बोर होती तो सोशल मीडिया पर कुछ ना कुछ शेअर करती, कुछ अच्छी पोस्ट को लाइक और कॉमेंट भी करती.... इस तरह वो अपना बाकी का वक्त

Full Novel

1

ऎसा प्यार कहाँ️

कहते हैं कुछ रिश्तो के नाम नहीं होते हैं, सिर्फ वो दिल से निभाये जाते हैं..... जी,.. ऎसा ही प्रज्ञा और नील के बीच था। आए पढ़ते हैं.. क्या था उनका रिश्ता और कैसे बना उनका ये रिश्ता..... प्रज्ञा बहुत ही सीधी -साधी , बहुत ही सुन्दर और मासूम भी थी। वो अपने घर का सारा काम करके बाकी का वक्त घर पर ही बिताती।कभी कभी बहुत बोर होती तो सोशल मीडिया पर कुछ ना कुछ शेअर करती, कुछ अच्छी पोस्ट को लाइक और कॉमेंट भी करती.... इस तरह वो अपना बाकी का वक्त ...और पढ़े

2

ऎसा प्यार कहाँ..- भाग - 2

भाग 2पीछले भाग में आप लोगों ने नील और प्रज्ञा के बीच की कुछ खट्टी - मीठी बातों की झौक.... जिसे ऊब कर प्रज्ञा ऑफलाइन हो जाती है.... उधर नील भी ठान लेता हैं, कि प्रज्ञा को जान कर ही रहेगा..... आइए आगे जानते हैं कि कहाँ तक पहुँचता है, इनका ये रिश्ता....... ❤️❤️प्रज्ञा अपने रोज के कामों से निपट कर फिर ऑनलाइन आती है, जैसे ही नेट ऑन करती हैं..... नील के तीन msg आए हुए थे... एक bye... एक gn का....... और एक gm ?प्रज्ञा गुस्से में msg टाइप करती हैं...... आपको हमने मना किया था ना....कि ...और पढ़े

3

ऎसा प्यार कहाँ - भाग - 3

भाग.. 3अब तक आपने पढ़ा नील और प्रज्ञा के बीच खट्टी - मीठी बातें होती हैं और धीरे धीरे बीच बातें होने लगती है, प्रज्ञा को भी नील की बातें अच्छी लगने लगती हैं लेकिन दूसरी तरफ वो ये भी सोचती है कि ये ठीक नहीं....... बात करू या नहीं.... बस इन्ही उलझनों के बीच फसी प्रज्ञा.... आए आगे की कहानी पढ़े...प्रज्ञा पूरे दिन नील के बारे में सोचती है, आखिरकार वो फैसला कर लेती है कि वो नील से बात करेगी। कुछ देर सोचने के बाद वो दुबारा नेट ओपन करती हैं, तभी उसे नील के msg मिलते ...और पढ़े

4

ऎसा प्यार कहाँ️️ - अंतिम भाग ️️️️

ऎसा प्यार कहाँ (अंतिम भाग)❤️❤️प्रिय पाठकों, आपने अब तक पढ़ा, प्रज्ञा और नील में गहरी दोस्ती हो है, वो एक - दूसरे से अपनी हर बातें शेयर करते, एक - दूसरे से बात किये बिना उनका दिन नहीं गुजरता,...... और एक दिन अचानक प्रज्ञा की पूरे दिन नील से बात ना हो जाने से प्रज्ञा बहुत परेशान हो जाती है... अब आगे ❤️........ पूरे दिन नील से बात ना हो पाने से प्रज्ञा बहुत उदास हो जाती है,उसकी आँखों से जैसे नींद कहीं खो सी गई हो। वो बार-बार नील के बारे में ही सोचती...... और रह ...और पढ़े

5

घूँघटवाली लड़की

किसी रीसर्च के सिलसिले में रोहन रामपूर नांमक गाँव में आया था। गाँव बहुत पूराना था। वहा ठहरने के कोई होटल तो थी नहीं। और ना ही कोई गाँव वाला किसी अंजान व्यक्ति को अपने घर में रहने देता। काफी देर इदर-उदर भटकने के बाद रोहन को एक लड़की आती हुइ नज़र आई।उसने चेहरे पर लम्बा घूंघट निकाला हुआ था। रोहन ने उसे रोक कर पूछा.. रोहन:- ....अरे ...इस गाँव में किसी अंजान मुसाफिर को रूकने की कोई जगह मिलेगी?? लड़की कोई जवाब नहीं देती हैं थोड़ी दूर जा कर एक गेस्ट हाउस की तरफ इसारा करती हैं । ...और पढ़े

अन्य रसप्रद विकल्प