नेहा को मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल गया था। वह और घर के लोग फूले न समा रहे थे। अच्छा रैंक पाने के लिए उसने दो वर्षों तक इन्तज़ार किया था। नेहा इसलिये भी खुश थी कि अब स्कूल ड्रेस से छुटकारा मिला था। वह मनचाहे कपड़े पहन सकती थी, मनचाहे कॉस्मेटिक्स इस्तेमाल कर सकती थी। स्कूल के दौरान बहुत पाबंदियाँ होती हैं , अब वह स्वतंत्र रहेगी। हॉस्टल में जाना उसके लिए बहुत पसंद की बात थी। निश्चित समय पर काउंसलिंग के बाद एडमिशन हो चुका था। अब बारी थी हॉस्टल के लिये रूममेट चुनने की। कुछ देर बाद वह भी मिल गई। सृष्टि नाम था उसका। हॉस्टल का पहला तल्ला फर्स्ट इयर के लिए होता था। वहीं रूम नम्बर छह में उन दोनों ने अपने सामान जमा लिया। रूम की व्यवस्था ऐसी थी कि दो अलग बेड के साथ एक-एक आलमीरा, एक-एक टेबल, एक-एक कुर्सी और छोटे छोटे सामान रखने के लिए मेजनुमा ड्रेंसिंग टेबल भी था। बाथरूम कॉमन था। कॉलेज के क्लासेज़ दो दिन बाद से शुरू होने थे। दोनों के पेरेन्ट्स जा चुके थे। दो अनजान लड़कियों को एक साथ रहना था। हमउम्र लड़कियाँ जल्दी मित्र बन जाती हैं। दो दिनों तक दोनों ने इधर- उधर घूमकर पूरे कॉलेज और हॉस्टल का मुआयना कर लिया। कैंपस खूबसूरत था। हरियाली भी भरपूर थी। दो दिनों के बाद क्लासेस शुरू हो गईं । हॉस्टल का खाना भी समय पर तैयार रहता था। कुल मिलाकर दोनों को अच्छा लग रहा था। अन्य कमरों में भी छात्राएँ आ चुकी थीं।
Full Novel
रहस्य - गर्ल्स हॉस्टल - 1
(रहस्य) - गर्ल्स हॉस्टलनेहा को मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल गया था। वह और घर के लोग फूले न रहे थे। अच्छा रैंक पाने के लिए उसने दो वर्षों तक इन्तज़ार किया था। नेहा इसलिये भी खुश थी कि अब स्कूल ड्रेस से छुटकारा मिला था। वह मनचाहे कपड़े पहन सकती थी, मनचाहे कॉस्मेटिक्स इस्तेमाल कर सकती थी। स्कूल के दौरान बहुत पाबंदियाँ होती हैं , अब वह स्वतंत्र रहेगी। हॉस्टल में जाना उसके लिए बहुत पसंद की बात थी।निश्चित समय पर काउंसलिंग के बाद एडमिशन हो चुका था। अब बारी थी हॉस्टल के लिये रूममेट चुनने की। कुछ ...और पढ़े
रहस्य - गर्ल्स हॉस्टल - 2
(रहस्य) गर्ल्स हॉस्टल -2 सृष्टि कमरे में नहीं थी कि वह पूछ पाती। वह सवेरे ही कहीं चली गई यदि आज वह कमरे में होती तो आज नेहा चुप नहीं रहने वाली थी।।थोड़ी देर बाद सृष्टि घबरायी हुई कमरे में आई और बोली,”घर से फोन आया था नेहा। मम्मी सीरियस हैं। मुझे थोड़ी देर में निकलना होगा। अभी मैं वार्डन से यही पूछने गई थी। “नेहा उससे कुछ पूछ न सकी। सृष्टि ने बैग में थोड़े कपड़े डाले और निकल गई। उसके जाने के बाद नेहा ने सब कुछ व्यवस्थित कर लिया। उसके बाद क्लास के लिये निकल गई। ...और पढ़े
रहस्य - गर्ल्स हॉस्टल - 3
(रहस्य) गर्ल्स हॉस्टल -3 नेहा बेसुध पड़ी थी। वार्डन ने उसके चेहरे पर पानी की छींटें मारीं तो नेहा आँखें खोलीं।“क्या हुआ नेहा, तुम्हारी तबियत तो ठीक है न”“मैम कोई था यहाँ, उसने मेरा पानी पी लिया, मेरे कॉस्मेटिक्स फैला दिये और सृष्टि के बेड पर सोया भी था।”“नहीं नेहा, ऐसा कुछ नहीं हुआ होगा, यह तुम्हारा वहम है।”“नहीं मैम , यह वहम नहीं था"“अच्छा, मेरे साथ चलो,”नेहा को लेकर वार्डन अपने कमरे में आ गईं। उन्होंने उसे गर्म कॉफी पिलाई। और वहीं आराम करने को कहा। कुछ देर बाद नेहा को अच्छा लगा तो वह क्लास करने चली ...और पढ़े