यह कहानी है रहीमपुर गांव में मोजूद "अंधेरा बंगला" की ,एक ऐसा बंगला जिसका नाम लेने की भी गांव के किसी लोग में नहीं थी, ना बच्चे ना बूढ़े ओर नहीं कोई जवान इस बंगले का नाम लेता था । यह एक 95 साल पुराना बंगला है , जिसे गांव में मोजूद तमाम लोग श्रापित मानते है ,जो कोई भी इस बंगले के पास से गुजरता था उस इस बंगले से किसी औरत के हसने की ओर एक बच्चे के रोने की अजीबोगरीब आवाजे बाहर तक सुनाई देती थी। इस बंगले को बरसो से किसी ने खरीदा नहीं है ओर नाही कभी कोई इस बंगले में रहने आता है क्योंकी सब लोगो को पता था कि यह कोई मामूली बंगला नहीं है भूतिया बंगला है ,माना जाता है कि इस बंगले मे ४ आत्माओं का निवास है। अंधेरा बंगला ३ मंजिलों का था वह दिखने में तो बहुत सुंदर था लेकिन अंदर से बहुत ख़तरनाक था।उसके आजू बाजू बहुत सारे फूल थे ओर हरे भरे कई पेड़ थे उस बंगले के आंगन मे , हालाकी उन पेड़ पोधो को कोई पानी नहीं देता था किसी की हिम्मत ही नहीं थी बंगले के अंदर जाने की। कहा जाता है जो कोई भी इस बंगले के अंदर गया है वह इंसान कभी वापस नहीं आया है ,वह ४ आत्मा अंदर जाने वाले इंसान को मार देती थी, गांव में यह घटना २ या ३ बार हुई थी तब से कोई इस बंगले के अंदर नहीं गया कभी।
Full Novel
अंधेरा बंगला - 1
Chep 1 यह कहानी है रहीमपुर गांव में मोजूद "अंधेरा बंगला" की ,एक ऐसा बंगला जिसका नाम लेने की गांव के किसी लोग में नहीं थी, ना बच्चे ना बूढ़े ओर नहीं कोई जवान इस बंगले का नाम लेता था । यह एक 95 साल पुराना बंगला है , जिसे गांव में मोजूद तमाम लोग श्रापित मानते है ,जो कोई भी इस बंगले के पास से गुजरता था उस इस बंगले से किसी औरत के हसने की ओर एक बच्चे के रोने की अजीबोगरीब आवाजे बाहर तक सुनाई देती थी। इस बंगले को बरसो से किसी ने खरीदा नहीं ...और पढ़े
अंधेरा बंगला - 2
Chep 2 अब तक अपने देखा की राजल के कई दोस्त थे जो उसके पेसो से जलते थे अब की कहानी देखये। उसके दोस्तों से राजल की यह खुशी देखी नहीं जाती थी , ऐसे ही दिन बीतते गए ,वह पूरा परिवार बहुत खुशी से जी रहा था ,फिर अचानक उनकी ज़िंदगी में राजल के दोस्तो का ग्रहण लग गया ,एक बार राजल को उनके कुछ दोस्तो का फोन आया वह ४ उसके दोस्त थे । उन्होंने राजल से कहा कि वह उनसे मिलने आ रहे है कल ,की दिनों से हम सब दोस्त मिले नहीं है तो कल ...और पढ़े
अंधेरा बंगला - 3
Chep 3राजल ने देखा दरवाजा खोल कर की उसके ४ दोस्त आ गए ,वह अमर,समर,रोहन ओर मनीष को देख बहुत बहुत ज्यादा खुश हो गयाउसे उसके बचपन के दिन याद आ गए, राजल उसके चारो दोस्तो से जोर से लिपट कर गले मिला ओर कहा अरे ,यारो केसे हो यार बहुत दिनों से हम सब मिले नहीं थे।चारो दोस्तो मेसे रोहन ने कहा अरे यार तुझे देख कर तो मन हमारा खुश हो गया ,क्यों दोस्तो ... सब ने मिल कर जोर कहा हा सही बात है। राजल चारो को अंदर बुलाता है ओर अपने आलीशान सोफे पर बैठने ...और पढ़े
अंधेरा बंगला - 4
भाग 4 अब तक आपने देखा की राजल के चारो दोस्तो ने उसे कहा अपना बंगला पूरा दिखाने के राजल ने कहा जरूर क्यों नहीं आप आगे की कहानी देखते है। घर में सारे नोकर लोगो की छुट्टी हो चुकी थी पूरे बंगले में राजल के दोस्त ओर परिवार ही था ,राजल बंगला दिखाने के लिए सब दोस्तो को उपर की मंज़िल की ओर ले गया। राजल दोस्तो को तीसरी मंजिल पर ले गया बंगला उपर से दिखाने के लिए ,तब ही चारो लोगो ने मिलकर इशारा किया ओर राजल को सब ने मिलकर पकड़ा ओर उठाया ,( राजल ...और पढ़े
अंधेरा बंगला - 5
भाग 5 अब तक आपने देखा कि उन चारो दुष्टों ने रूही ओर राजल को मार दिया था अब लोग उनके बच्चो को मारने का सोच रहे थे अब आगे की कहानी देखते है। चारो दोस्त उनके कमरे में गए तब शिवम ओर शिविका ने कहा अरे आप लोग यहां,तब अमर ने कहा हा बेटा हम भी आपके साथ खेलने आ गए, तब छोटी शिविका ने कहा मम्मी पापा कहा है ?तब समर ने बताया, आपके मम्मी पापा बाहर गए है इसलिए तो हम आपके साथ खेलने आ गए है, शिविका ने कहा मुझे मेरे मम्मी पापा के पास ...और पढ़े
अंधेरा बंगला - 6
भाग 6अब तक अपने देखा की गाव के मुख्या ने मंजरी से कहा था कि तुम्हारी वजह से तुम्हारी की जान खतरे में है , अब आगे क्या होगा देखते है।मंजरी रोते हुए बोली "मुखिया जी माफ कीजियेगा मेरा ध्यान मेरी बच्ची से भटक गया था ,मेरी बच्ची को कृपिया करके बचा लीजिए।तब ही एक गांव के आदमी ने कहा मुखिया जी इस दरवाजे को ही तोड़ देते है , ( गांव के सारे लोग दयालु थे कोई मुसीबत मे हो तो एक जुट हो कर है मुसीबत का सामना करते है) , एक आदमी ने कहा दरवाजा लोहे ...और पढ़े
अंधेरा बंगला - 7
भाग 7अब तक अपने देखा की मंजरी आत्मा पर चिल्लाते हुए बोली थी इसलिए गाव वालो को लगा आत्मा क्रोधित है गई है, अब आगे देखते है।अब वह गुड़िया को नुकसान पहुंचा सकती है, तब ही वह बुजुर्ग महिला जो गांव में सबसे समजदार थी उसने कहा ,यह तुम क्या बोल रहे हो अभी ही मेने कहा था कि कोई भी आदमी या औरत नकारात्मक बात नहीं करेंगे तो तुम क्यों बोल रहे हो।तब उस आदमी ने कहा अरे अम्मा ,मे मंजरी बहन या यह मोजूद किसी भी सदस्य को डराना नहीं चाहता , मे सिर्फ ओर सिर्फ जो ...और पढ़े
अंधेरा बंगला - 8
भाग 8 अब तक आपने देखा कि बंगले का गेट अपने आप खुल गया ओर वह आत्मा बाबा कि उठा कर ले गई ओर गेट अपने आप फिर से बंध हो गया। बाबाजी की वह चीख ओर यह भयानक दृश्य देख कर सारे गाव वाले डर से कप कपाने लगे।एक आदमी बोला कितनी खतरनाक आत्मा है , यह बाबा जी को ले कर चली गई ,हम सब खतरे में है यहां रुकना सही नहीं है यहां से जाने मे ही हम सब की भलाई है। तब गुड़िया की मा ने कहा नहीं मे अपनी बच्ची को लिये बगर कहीं ...और पढ़े
अंधेरा बंगला - 9
Chep 9 अब तक आपने देखा कि गुड़िया ने कहा कि अंधेरे बंगले के अंदर उसी की उम्र की बच्ची ने उसके साथ खूब खेला अभी आगे की कहानी देखते है। सब लोग गुड़िया की तरफ देखने लगते है तब ही मंजरी ने गुड़िया को बिठाया ओर फिर से पूछा तब भी गुड़िया ने वही दोहराया, सब लोग इस बात पर विचार करने लगते है ओर फिर गांव के मुखिया ने कहा गुड़िया की बातो के अनुसार यह वही इस बंगले में रहने वाली शिविका नाम की लड़की ही तो नहीं, तब सभी ने कहा हा यही होगा । ...और पढ़े