महादेव... मेरी नजर से

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"आदि है वो अंत है,आकार नहीं साक्षात्कार है वो, निराकार निर्विकार ओमकार है,वो अंत है अनादि है, जगतपिता जगत व्यापी है, जो हर कन मे बसे है हर मन मे बसें है बस हम उनसे अलग हो जाते है वही देह मे विलीन शिव, शिवाय महादेव है वो. !!" महादेव--- नाम से तो सब जानते है उन्हें पर कर्म से कुछ कम लोग जानते है उन्हें.!!महादेव अपने मे ही एक शक्ति है, एक भक्ति है जो अलौकिक के साथ साथ हर जीव मे बसने वाली लौकिक शक्ति से हमारा सम्पर्क करते है और रहते भी है हमारे सम्पर्क मे.!! विष्णु जी के कई रूप है जिसके बारे मे हर एक इंसान को ज्ञात होगा.!!जैसे की उनके दशवतार :- कच्छ, मत्स्य, वराह, वामन, परशुराम, नरसिंह, राम, कृष्ण, बुद्ध, और जिसका अभी हर किसीके जुबान पर जिक्र हो रहा है वो कल्कि.!!उनके बारे मे बताने के लिए कुछ ग्रन्थ है कुछ साधु है जो की उनके चरित्र को बड़े ही चाव से सुनाते है कहते है, समझते है.!!

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महादेव... मेरी नजर से - 1

"आदि है वो अंत है,आकार नहीं साक्षात्कार है वो, निराकार निर्विकार ओमकार है,वो अंत है अनादि है, जगतपिता जगत है, जो हर कन मे बसे है हर मन मे बसें है बस हम उनसे अलग हो जाते है वही देह मे विलीन शिव, शिवाय महादेव है वो. !!"महादेव--- नाम से तो सब जानते है उन्हें पर कर्म से कुछ कम लोग जानते है उन्हें.!!महादेव अपने मे ही एक शक्ति है, एक भक्ति है जो अलौकिक के साथ साथ हर जीव मे बसने वाली लौकिक शक्ति से हमारा सम्पर्क करते है और रहते भी है हमारे सम्पर्क मे.!!विष्णु जी के ...और पढ़े

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महादेव... मेरी नजर से - 2

"आदि है वो अंत है,आकार नहीं साक्षात्कार है वो, निराकार निर्विकार ओमकार है,वो अंत है अनादि है, जगतपिता जगत है, जो हर कन मे बसे है हर मन मे बसें है बस हम उनसे अलग हो जाते है वही देह मे विलीन शिव, शिवाय महादेव है वो. !!"महादेव के रूप के वखान आपको सभी साधु संतो के नजरिये से देखने मिलेंंगे पर हम अपनी बात करे तो हम आपको बताते है की हमारी नजर मे महादेव मनुष्य के लिए किस प्रकार प्रेरणा देते है।शिवजी के रूप को ध्यान से निरखा जाये तो उनके सर पर सबसे पहले जटा है.!!जिसमे ...और पढ़े

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महादेव... मेरी नजर से - 3

"आदि है वो अंत है,आकार नहीं साक्षात्कार है वो, निराकार निर्विकार ओमकार है,वो अंत है अनादि है, जगतपिता जगत है, जो हर कन मे बसे है हर मन मे बसें है बस हम उनसे अलग हो जाते है वही देह मे विलीन शिव, शिवाय महादेव है वो. !!"महादेव ऐसे तो हर रूप मे नंबर वन है.!!पर उनका सबसे अच्छा रूप है एक प्रेमी एक पति का.!!महादेव ने माँ सती को अपना प्रेम दर्शाया था.!ये जानते हुए की अभी भी उनको अत्यधिक तपस्या की आवश्यकता है.!!फिर भी केवल उनके प्रेम के कारण उनसे विवाह कर लिया था.!ज़ब माता सती उन्हें ...और पढ़े

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महादेव... मेरी नजर से - 4

महादेव अपनी और से अपने ज्ञान से हम सबको जीवन की कुछ सिखे देते है.. जिनमे 10 सीख जीवन बहुमूल्य शिख है।1)आत्मनियंत्रण :- महादेव शिव अक्सर बताते है की खुद पर नियंत्रण करना बहुत जरुरी है वो इसलिए क्युकी ज़ब हम खुदको नियत्रित करना शिख लेते है तब किसी पर निर्भर नहीं रहते वो चाहे डर भाव से हो या ख़ुशी के भाव से.!!ज़ब निर्भरता हट जाती है तो व्यक्ति खुद की सक्षमता को पहचान पाता है जिससे वो अपने लक्ष्य तक पहुंच पाने मे सक्षम हो जाता है।जरूरी तो नहीं हर कोई जो आपको अपना लगता है वो ...और पढ़े

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