हमारे देश आदि काल से अपनी कला-कृति, ज्ञान, औषधियों, योद्धाओं आदि के लिए संपूर्ण विश्य मे प्रसिद्ध रहा है । इन सभी के साथ-साथ एक और चीज़ है जिसके लिए हमारा देश संपूर्ण विश्व मे ं जाना जाता है और वो हैं हमारे देश के राजा तथा महाराजा । हमारा देश हजारों साल से अपने राजाओं की संपत्ति, शान-ओ-शौकत तथा उनके पराक्रम के लिए मशहूर है । इनमें से कुछ राजाओं के नाम तो हर किसी को मूँह-ज़ुबानी याद हैं जैसे कि राजा पोरस, चक्रवर्ती सम्राट अशोक, राजा विक्रमादित्य, पृथ्वीराज चौहान आदि । लेकिन भारतवर्ष के इतिहास में ऐसे
Full Novel
गुमनाम राजा - 1
हमारे देश आदि काल से अपनी कला-कृति, ज्ञान, औषधियों, योद्धाओं आदि के लिए संपूर्ण विश्य मे प्रसिद्ध रहा है इन सभी के साथ-साथ एक और चीज़ है जिसके लिए हमारा देश संपूर्ण विश्व मे ं जाना जाता है और वो हैं हमारे देश के राजा तथा महाराजा । हमारा देश हजारों साल से अपने राजाओं की संपत्ति, शान-ओ-शौकत तथा उनके पराक्रम के लिए मशहूर है । इनमें से कुछ राजाओं के नाम तो हर किसी को मूँह-ज़ुबानी याद हैं जैसे कि राजा पोरस, चक्रवर्ती सम्राट अशोक, राजा विक्रमादित्य, पृथ्वीराज चौहान आदि । लेकिन भारतवर्ष के इतिहास में ऐसे ई ...और पढ़े
गुमनाम राजा - 2
नमस्कार पाठकों ।पिछले पाठ में हमने औलिकार वंश के शासक राजा यशोधर्मन के जीवन और उनके द्वारा लड़े गए युद्धों पर प्रकाश डाला था । आइए अब हम लोग अन्य गुमनाम राजाओं के बारे में जानते हैं :- 2) महाराणा बप्पा रावल : महाराणा बप्पा रावल आठवीं शताब्दी में मेवाड़ के गुहिल राजपूत वंश के संस्थापक थे । इनका जन्म सन् 738 में राजस्थान के ईडर प्रांत में हुआ था । वह एक महान योद्धा होने के साथ-साथ एक बहुत बड़े शिव भक्त भी थे । अपने 19 वर्षों के शासन काल में उन्होंने अपने साम्राजय में कई शिव ...और पढ़े
गुमनाम राजा - 3
पिछले पाठ में हमने गुमनाम राजाओं की सूची में शामिल राजा बप्पा रावल के जीवन तथा उनकी उपलब्धियों के में जाना था । आइए अब अन्य ऐसे राजाओं के बारे में जानते हैं जो भारतीय इतिहास में गुमनाम रह गए :- 3) ललितादित्य मुक्तपदि : ललितादित्य मुक्तपदि कश्मीर के करकोट राजघराने के शासक थे । कश्मीर के मशहूर लेखक व कवि कल्हण ने अपनी किताब 'राजतरंगिनी' में इनका तथा इनके साम्राज्य का जिक्र किया है । कई विद्वानों तथा इतिहासकारों के अनुसार ललितादित्य का साम्राज्य विश्व के सबसे विशाल साम्राज्य में से एक था । एक विदेशी इतिहासकार के ...और पढ़े
गुमनाम राजा - 4
पिछले पाठ में हम लोगों ने कश्मीर के राजा ललितादित्य मुक्तपदि के बारे में जाना था । आइए अब गुमनाम राजाओं के बारे में जानते हैं:- 4) गौतमिपुत्र सतकरनी : गौतमिपुत्र सतकरनी पहली शताब्दी में सतवाहन राजवंश के राजा थे । कई इतिहासकारों ने उन्हें सतवाहन वंश का सर्वश्रेष्ठ शासक बताया है । इनका साम्राज्य दक्षिण में कलिंग से लेकर दक्षिण में कृष्णा नदि तक तथा पूर्व में कोंकण से लेकर पश्चिम में मालवा तक था । इनके साम्राज्य की शासन व्यस्था तथा इनकी उपलब्धियों के बारे में हमें नाशिक के शिलालेखों तथा इनके शासन काल में छपे हुए ...और पढ़े
गुमनाम राजा - 5
अब आगे :-राजा नरसिम्हवर्मन के पिता महेंद्रवर्मन और चालुक्यों के राजा पुलकेशी द्वितीय के बीच दक्षिण भारत के पुल्लूर शहर में एक युद्ध हुआ था । पुलकेशी द्वितीय बहुत ही महत्वकांक्षी राजा था और इसलिए वो अपना हर कार्य अपने साम्राजय को विस्तृत करने की नियत से ही करता था । अपने साम्राजय को डंका दक्षिण भारत में बजाने के लिए उसने विष्णुकुंदिन साम्राज्य पर कब्ज़ा कर लिया । विष्णुकुंदिन साम्राज्य के राजाओं ने पल्लवों के साथ संधी कर ली थी । इसलिए पल्लवों को यह बात अच्छी नहीं लगी । उन्होंने विष्णुकुंदिन साम्राज्य के पतन का प्रतिशोध लेने ...और पढ़े