शेयरबाजार व फिल्मनिर्माण के व्यवसाय में तूफानी उतार चढाव की लोमहर्षक दास्तान जुऐं की लत से परिवार के बर्बाद व फिर से आबाद होने की रोंगटे खड़े करने वाली कहानी लेखक : ब्रजमोहन शर्मा भूमिका यह उप्पन्यास एक जुआरी फिल्म प्रोड्यूसर की है जो अपने जुए की लत के कारण अपना सबकुछ गवां देता है | उसका धन, उसका परिवार नष्ट हो जाता है, उसकी माता का देहांत हो जाता है, उसकी पत्नि व बेटी उसे छोड़ देते है, वह अपना घर गिरवी रखने को मजबूर होता है किन्तु उसकी जुए की, उसके शेयर की आदत नहीं छूटती | किन्तु बहुत समय तक ठोकरें खाने के बाद फिर अचानक एक दिन उसका भाग्य पलटता है और उस पर धन की वर्षा होने लगती है किन्तु तब तक उसका सब कुछ लुट जाता है | वह अपने आलिशान बंगले में स्वयं को एक अकेले भूत के समान महसूस करता है | इस कहानी में फिल्मशूटिंग, फिल्मो के रुपहले परदे के पीछे की अन्तरंग घटनाएँ,फिल्म में एक्ट्रेस बनने आई लड़कियों की वैश्यावृत्ति के दलदल में धकेले जाने की दर्द भरी कहानियां, अपने क्षणिक सुख के लिए शैतानो द्वारा मज़बूरी में वैश्यावृत्ति कराये जाने वाली महिलाओं की दिल दिमाग को सन्न कर देने वाली दास्तान व शेयर बाजार की बारीकियों व उसके ज्वार भाटे का वर्णन किया गया है | फिल्म निर्माण व शेयर बाज़ार के तूफानी उतार चढाव की अत्यंत लोमहर्षक दास्तान के लिए पढ़िए, "जुआरी फिल्मप्रोड्यूसर " लेखक ब्रजमोहन शर्मा present on all social Media
Full Novel
जुआरी फिल्मप्रोड्यूसर - 1
शेयरबाजार व फिल्मनिर्माण के व्यवसाय में तूफानी उतार चढाव की लोमहर्षक दास्तान जुऐं की लत से परिवार के बर्बाद फिर से आबाद होने की रोंगटे खड़े करने वाली कहानी लेखक : ब्रजमोहन शर्माभूमिकायह उप्पन्यास एक जुआरी फिल्म प्रोड्यूसर की है जो अपने जुए की लत के कारण अपना सबकुछ गवां देता है | उसका धन, उसका परिवार नष्ट हो जाता है, उसकी माता का देहांत हो जाता है, उसकी पत्नि व बेटी उसे छोड़ देते है, वह अपना घर गिरवी रखने को मजबूर होता है किन्तु उसकी जुए की, उसके शेयर की आदत नहीं छूटती | किन्तु बहुत समय ...और पढ़े
जुआरी फिल्मप्रोड्यूसर - 2
(2) बीयर ट्रैपविजय ने अपने ब्रोकर से पूछा, “ गोयालजी ! एक दिन मै मार्किट में इन्वेस्ट करने लगा गिरते शेयर के भाव अचानक बढ़ने लगे और मुझे अधिक भाव में शेयर खरीदना पड़े, ऐसा क्यों ? ब्रोकर ने गंभीरता से जबाब दिया, “ विजयजी ! अनेक बार मार्केट गिर रहा होता है किन्तु तभी अचानक वह ऊपर जाने लगता है | क्योंकि बीयर कम भाव में शेयर खरीदकर उसका भाव कुछ समय के लिए बढ़ा देते हैं जिसे नासमझ इन्वेस्टर तेजी समझकर फस जाते हैं | किन्तु यह बीयर की एक चाल होती है | वे मार्किट को ...और पढ़े
जुआरी फिल्मप्रोड्यूसर - 3
(3) रिस्की धंधा शेयर मार्केट बड़ा रिस्की धंधा है । इसमें थो़ड़ी सी असावधानी से सारा धन डूब सकता । सुरेश एक बेंक कर्मचारी था । वह शेयर मार्केट में आने वाली नई शेयर कम्पनियों के शेयर में धन इन्वेस्ट करता था । इसे आई.पी.ओ.(नया इश्यु) कहते हैं । इश्यु की लिस्टिंग होते ही वह अीधक प्राइस में खुलता है । इन्वेस्टर्स को लाटरी सिस्टम से शेयर अलाट होते है | अनेक ब्रोकर कुछ अधिक प्रीमियम पर पहले से उसे खरीदने का सौदा कर लेते हैं । कुछ समय बाद एक प्रसिद्ध बैंक का नया इशु बाजार में आया ...और पढ़े
जुआरी फिल्मप्रोड्यूसर - 4
(4) सहारा व दुर्भाग्य विजय की फिल्म की शूटिंग का काम पूरी तरह ठप्प हो गया था | विजय के कारण घर से प्रायः गायब रहता | वह कभी कभार घर रात देर से लौटता । उसकी सब इज्जत धूल मे मिल गई थी। शूटिंग के काम करने वाले अपने पेसे के लिए उसके घर के चक्कर लगा रहे थे। उस रात को वह काफी देर से घर लौटा । घडी में रात के दो बाज रहे थे | जिंदगी से निराश वह तीन दिन बाद घर आया था। वह मुर्दे के समान अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था। ...और पढ़े
जुआरी फिल्मप्रोड्यूसर - 5
(5) गुंडा साहूकारशूटिंग फिर से शुरू हो गई। किन्तु महंगाई बढ़ने से तीस प्रतिशत फिल्म का काम अधूरा रह पैसा समाप्त, फिल्म रूकी - यही फिल्म व्यवसाय का कठोर अवश्यम्भावी नियम है | विजय अपने स्टेज पर चिंतामग्न बैठा था तभी उसे एक फाइनेन्सर मधुर अपनी ओर आता दिखाई दिया । वह ऐक बदनाम व्यक्ति था । वह जिसकी भी मदद करता उसे बुरी तरह निचोड़ कर छोउ़ता था । इतना ही नही वह मर्द की अनुपस्थिति मे मदद लेने वालों के घर जाकर उनकी बहू बेटियों के साथ जबर्दस्ती करता था । उसने गुंडों की फौज पाल रखी ...और पढ़े
जुआरी फिल्मप्रोड्यूसर - 6 - अंतिम भाग
(6) फिल्म शुरू विजय ने अपनी फिल्म का भारी एडवर्टाइजमेंट किया । उसने शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर के हाट सीन तथा काश्मीर की वादियों के सुन्दर द्रश्य वाले बेनर लगा दिए । फिल्म के उद्घाटन के एक सप्ताह पहले उसने फिल्म का खूब प्रचार किया । फिर पहले शो का दिन आया । उसने शहर के बउ़े अफसरों, शहर के प्रतिष्ठित तथा फिल्म व्यवसाय से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया । वह अरू के घर निमंत्रण देने गया । उस दिन उसके सास व ससुर ने उसका बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया । उन्होंने विजय को खाने ...और पढ़े