ईश्क में दर्द

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कहते हैं प्यार लफ्जों में बयां नहीं होता इसे महसूस किया जाता है .....ऐसी ही कहानी है अथर्व कपूर और आराध्या रायजादा की.... अथर्व कपूर को प्यार पर भरोसा नहीं था.... और वही आराध्या की भी राय कुछ अथर्व से अलग नहीं थी.... आराध्या के चाचा चाची किसी अमीर आदमी के साथ उस की शादी करवाने के लिए तैयार हो गए .....क्योंकि उस आदमी ने उन्हें ढेर सारे पैसे दिए थे..... आराध्या उस शादी से भाग आई और रास्ते में मिली अथर्व कपूर से.... तो क्या होगा इन दोनों को प्यार पहली ही मुलाकात में या फिर होगी टशन बाजी .....जानने के लिए पढ़ ली होगी आपको मेरी कहानी...."love"

नए एपिसोड्स : : Every Tuesday & Saturday

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ईश्क में दर्द - 1 - लव

कहते हैं प्यार लफ्जों में बयां नहीं होता इसे महसूस किया जाता है .....ऐसी ही कहानी है अथर्व कपूर आराध्या रायजादा की.... अथर्व कपूर को प्यार पर भरोसा नहीं था.... और वही आराध्या की भी राय कुछ अथर्व से अलग नहीं थी.... आराध्या के चाचा चाची किसी अमीर आदमी के साथ उस की शादी करवाने के लिए तैयार हो गए .....क्योंकि उस आदमी ने उन्हें ढेर सारे पैसे दिए थे..... आराध्या उस शादी से भाग आई और रास्ते में मिली अथर्व कपूर से.... तो क्या होगा इन दोनों को प्यार पहली ही मुलाकात में या फिर होगी टशन बाजी ...और पढ़े

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ईश्क में दर्द - 2 - अथर्व के घर आने की खुशी

दूसरी तरफ बहुत बड़ी हवेली टाइप घर जिसके अंदर सब चीजें लग्जरी ही थी ...उसी घर में एक मिडल की महिला जिनके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा चमक थी ....और होठों पर स्माइल ...जोकि जाने का नाम नहीं ले रही थी.... कामिनी कपूर ....!!! अथर्व कपूर की मां ....जब से उन्होंने सुना उनका बेटा इंडिया आने बाला हैं ....तब से उनकी नजर दरवाजे पर ही रुकी हुई है . ..वह बार-बार दरवाजे की ओर देख रही हैं ....कब उनका बेटा उनकी आंखों के सामने हो....!!! पूरी हवेली में उनकी आवाज गूंज रही थी जो कि अपने छोटे बेटे प्रेम ...और पढ़े

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