उत्सु्क सतसई

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सरस्‍वती मॉं बन्‍दना, ज्ञान ज्‍योति उर बार। स्‍वीकारो मम प्रार्थना, करदो मॉं उद्धार ।।1।। गौरी सुत, गणपति करूं, बिनती बारम्‍बार। विधा, बुद्धि, उर में भरो, सुनलो शीघ्र पुकार।।2।। । जगदम्‍बा बिनती करूं, बार बार मनुहार। कृपा दृष्टि अपनी करो, मैया लेओ निहार ।।3।। गायत्री मॉं ज्ञान दो, सबको देओ विवेक। रहें परस्‍पर प्रीत से, बटें न होयें अनेक।।4।। मॉं सन्‍तोंषी याचना, उर में भरो शील। करें आचरण शुद्ध हम, गहें न पथ अश्‍लील।।5।।

Full Novel

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उत्‍सुक सतसई - 1 - नरेन्‍द्र उत्‍सुक

उत्‍सुक सतसई 1 (काव्य संकलन) नरेन्‍द्र उत्‍सुक सम्‍पादकीय नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी के दोहों में सभी भाव समाहित हैं लेकिन अर्चना के दोहे अधिक प्रभावी हैं। नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी द्वारा रचित हजारों दोहे उपलब्‍ध है लेकिन पाठकों के समक्ष मात्र लगभग सात सौ दोहे ही प्रस्‍तुत कर रहे हैं। जो आपके चित्‍त को भी प्रभावित करेंगे इन्‍हीं आशाओं के साथ सादर। दिनांक.14-9-21 रामगोपाल भावुक वेदराम प्रजापति ‘मनमस्‍त’ सम्‍पादक समर्पण परम पूज्‍य परम हंस मस्‍तराम श्री गौरीशंकर बाबा के श्री चरणों में सादर। नरेन्‍द्र उत्‍सुक उत्‍सुक सतसई सरस्‍वती मॉं बन्‍दना, ज्ञान ज्‍योति उर बार। स्‍वीकारो मम प्रार्थना, करदो ...और पढ़े

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उत्‍सुक सतसई - 2 - नरेन्‍द्र उत्‍सुक

उत्‍सुक सतसई 2 (काव्य संकलन) नरेन्‍द्र उत्‍सुक सम्‍पादकीय नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी के दोहों में सभी भाव समाहित हैं लेकिन अर्चना के दोहे अधिक प्रभावी हैं। नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी द्वारा रचित हजारों दोहे उपलब्‍ध है लेकिन पाठकों के समक्ष मात्र लगभग सात सौ दोहे ही प्रस्‍तुत कर रहे हैं। जो आपके चित्‍त को भी प्रभावित करेंगे इन्‍हीं आशाओं के साथ सादर। दिनांक.14-9-21 रामगोपाल भावुक वेदराम प्रजापति ‘मनमस्‍त’ सम्‍पादक समर्पण परम पूज्‍य परम हंस मस्‍तराम श्री गौरीशंकर बाबा के श्री चरणों में सादर। नरेन्‍द्र उत्‍सुक चिन्‍ता व्‍यापे पाप सों, सदा रहो भयभीत। निर्मल उर उत्‍सुक रखो, ...और पढ़े

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उत्‍सुक सतसई - 3 - नरेन्‍द्र उत्‍सुक

उत्‍सुक सतसई 3 (काव्य संकलन) नरेन्‍द्र उत्‍सुक सम्‍पादकीय नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी के दोहों में सभी भाव समाहित हैं लेकिन अर्चना के दोहे अधिक प्रभावी हैं। नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी द्वारा रचित हजारों दोहे उपलब्‍ध है लेकिन पाठकों के समक्ष मात्र लगभग सात सौ दोहे ही प्रस्‍तुत कर रहे हैं। जो आपके चित्‍त को भी प्रभावित करेंगे इन्‍हीं आशाओं के साथ सादर। दिनांक.14-9-21 रामगोपाल भावुक वेदराम प्रजापति ‘मनमस्‍त’ सम्‍पादक समर्पण परम पूज्‍य परम हंस मस्‍तराम श्री गौरीशंकर बाबा के श्री चरणों में सादर। नरेन्‍द्र उत्‍सुक विरहिन के उर में लगी, मदन मुरारी आस। कब आओगे सांवरे, ...और पढ़े

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उत्‍सुक सतसई - 4 - नरेन्‍द्र उत्‍सुक

उत्‍सुक सतसई 4 (काव्य संकलन) नरेन्‍द्र उत्‍सुक सम्‍पादकीय नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी के दोहों में सभी भाव समाहित हैं लेकिन अर्चना के दोहे अधिक प्रभावी हैं। नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी द्वारा रचित हजारों दोहे उपलब्‍ध है लेकिन पाठकों के समक्ष मात्र लगभग सात सौ दोहे ही प्रस्‍तुत कर रहे हैं। जो आपके चित्‍त को भी प्रभावित करेंगे इन्‍हीं आशाओं के साथ सादर। दिनांक.14-9-21 रामगोपाल भावुक वेदराम प्रजापति ‘मनमस्‍त’ सम्‍पादक समर्पण परम पूज्‍य परम हंस मस्‍तराम श्री गौरीशंकर बाबा के श्री चरणों में सादर। नरेन्‍द्र उत्‍सुक थरथर कांपी यह धरा, धरा शायी लखशेष। लाये द्रोणागिरि उठा, चकित रहो ...और पढ़े

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उत्‍सुक सतसई - 5 - नरेन्‍द्र उत्‍सुक

उत्‍सुक सतसई 4 (काव्य संकलन) नरेन्‍द्र उत्‍सुक सम्‍पादकीय नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी के दोहों में सभी भाव समाहित हैं लेकिन अर्चना के दोहे अधिक प्रभावी हैं। नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी द्वारा रचित हजारों दोहे उपलब्‍ध है लेकिन पाठकों के समक्ष मात्र लगभग सात सौ दोहे ही प्रस्‍तुत कर रहे हैं। जो आपके चित्‍त को भी प्रभावित करेंगे इन्‍हीं आशाओं के साथ सादर। दिनांक.14-9-21 रामगोपाल भावुक वेदराम प्रजापति ‘मनमस्‍त’ सम्‍पादक समर्पण परम पूज्‍य परम हंस मस्‍तराम श्री गौरीशंकर बाबा के श्री चरणों में सादर। नरेन्‍द्र उत्‍सुक प्राणी डर भगवान से, कर मत खोटे काम। उनसे छुप सकता ...और पढ़े

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उत्‍सुक सतसई - 6 - नरेन्‍द्र उत्‍सुक

उत्‍सुक सतसई 6 (काव्य संकलन) नरेन्‍द्र उत्‍सुक सम्‍पादकीय नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी के दोहों में सभी भाव समाहित हैं लेकिन अर्चना के दोहे अधिक प्रभावी हैं। नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी द्वारा रचित हजारों दोहे उपलब्‍ध है लेकिन पाठकों के समक्ष मात्र लगभग सात सौ दोहे ही प्रस्‍तुत कर रहे हैं। जो आपके चित्‍त को भी प्रभावित करेंगे इन्‍हीं आशाओं के साथ सादर। दिनांक.14-9-21 रामगोपाल भावुक वेदराम प्रजापति ‘मनमस्‍त’ सम्‍पादक समर्पण परम पूज्‍य परम हंस मस्‍तराम श्री गौरीशंकर बाबा के श्री चरणों में सादर। नरेन्‍द्र उत्‍सुक उत्‍सुक आय न हृदय में तेरे कभी मलाल। दीनों पर ...और पढ़े

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उत्‍सुक सतसई - 7 - नरेन्‍द्र उत्‍सुक - अंतिम भाग

उत्‍सुक सतसई 7 (काव्य संकलन) नरेन्‍द्र उत्‍सुक सम्‍पादकीय नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी के दोहों में सभी भाव समाहित हैं लेकिन अर्चना के दोहे अधिक प्रभावी हैं। नरेन्‍द्र उत्‍सुक जी द्वारा रचित हजारों दोहे उपलब्‍ध है लेकिन पाठकों के समक्ष मात्र लगभग सात सौ दोहे ही प्रस्‍तुत कर रहे हैं। जो आपके चित्‍त को भी प्रभावित करेंगे इन्‍हीं आशाओं के साथ सादर। दिनांक.14-9-21 रामगोपाल भावुक वेदराम प्रजापति ‘मनमस्‍त’ सम्‍पादक समर्पण परम पूज्‍य परम हंस मस्‍तराम श्री गौरीशंकर बाबा के श्री चरणों में सादर। नरेन्‍द्र उत्‍सुक शंकर ने कीला इसे, समझो सिद्ध स्‍त्रोत। पाठ करो निष्‍ठा ...और पढ़े

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