भूत हकीकत या छलावा

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अगर हम भूतों के बारे में बात करते हैं , तो सामान्य जनता भूतों पर की गयी क्षोधों के बजाय किताबों और फिल्मों से मिली जानकारी पर ही अपनी धारणाओं को स्थापित करती है | अधिकतर लोगों की सोच अविश्वास और व्यंग्यात्मक रवैय्ये के बीच में सिमटी रहती है ( १९८४ की फिल्म घोस्टबस्टर्स के जैसे) | अन्य लोग भूतों के रोमानी पहलुओं की तरफ आकार्षित होते हैं ( जैसे १९४७ की फिम द घोस्ट एंड मिस्सिस मुइर या १९९० की लोकप्रिय फिल्म “घोस्ट” में दिखाया गया है )| कुछ उन्हें बहुत भयानक मानते हैं जैसे वो जिन्होनें १९८२ की फिल्म “पोल्तेर्गिस्ट” में एक परिवार को प्रताड़ित किया था| इनसे जुडा सच सभी सीमओं को लांघता है और कुछ ही इसमें ज्यादा अन्दर समावेश होने की कोशिश करते हैं | भूत क्या है ?

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भूत हकीकत या छलावा - 1

भूमिकाअगर हम भूतों के बारे में बात करते हैं , तो सामान्य जनता भूतों पर की गयी क्षोधों बजाय किताबों और फिल्मों से मिली जानकारी पर ही अपनी धारणाओं को स्थापित करती है | अधिकतर लोगों की सोच अविश्वास और व्यंग्यात्मक रवैय्ये के बीच में सिमटी रहती है ( १९८४ की फिल्म घोस्टबस्टर्स के जैसे) | अन्य लोग भूतों के रोमानी पहलुओं की तरफ आकार्षित होते हैं ( जैसे १९४७ की फिम द घोस्ट एंड मिस्सिस मुइर या १९९० की लोकप्रिय फिल्म “घोस्ट” में दिखाया गया है )| कुछ उन्हें बहुत भयानक मानते हैं जैसे वो जिन्होनें १९८२ की ...और पढ़े

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भूत हकीकत या छलावा - 2

स्पष्ट झलक. अंकित होने वाले गैर परस्पर संवादात्मक व्यक्तित्व की श्रेणी में आते हैं क्यूंकि अपनी इंसानी रूपरेखा और के बावजूद वह अपनी परिस्थितियों से बिलकुल अनजान होते हैं | एक और खुबी जो इन भूतों की अपने परस्पर संवेदात्मक दोस्तों से भिन्न करती है वह यह है की इन्हें एक ही हरकत को बार बार करने की आदत होती है | एक ही गलियारे से बार बार निकलना या एक ही खिड़की से बार बार बाहर झांकना इस प्रकार के व्यक्तित्व की खासियत होती है | दर्शक ऐसे व्यक्तित्वों से संपर्क नहीं कर पाते हैं और ना ही बार ...और पढ़े

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भूत हकीकत या छलावा - 3

दुनिया के सबसे विश्वसनीय भूतिया अनुभवद गुर्डोन लाइट गुर्डोन लाइट की कहानी उभरी है अरकंसास की राजधानी लिटिल रॉक करीबन ८५ मील दूर स्थित एक छोटे से शहर से | अभी तक की सबसे विश्वसनीय कहानी द गुर्डोन लाइट हर रोज़ नज़र आती हैं और ये अस्पष्टीकृत घटना अभी तक काफी पर्यटकों का ध्यान आकर्षित कर चुकी है | ऐसा कहा जाता है की लोग जब भी लाइट देखने आते हैं तो वह कभी निराश नहीं होते खास तौर से हेलोवीन के समय पर | इस कहानी ने इतना तूल पकड़ लिया है की १९९० के शुरुआती दशक में लोकप्रिय ...और पढ़े

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