मुबंई, सपनो का शहर! शहर के बिचो बीच जुहू में बनी एक 15 मंजिला आलिशान इमारत, और उस आलिशान इमारत के टॉप फ्लोअर के सबसे मेहंगे फ्लॅट में रेहने वाला एक शक्स रवी कुमार पांडे. रवी उदास मन से सोफे पर बैठा था, पुरा घर अस्तव्यस्त पडा था. जैसे काफी दिन से वहा सफाई ना हुई हो. घर के पडदे बंद थे इस वजह से कमरे में उजाला बिलकुल नही था और इसके कारण कमरा काफी मनहूसियत भरा लग रहा था. रवी ने सामने पडी व्हिस्की उठाई और ग्लास में भर उसे मूह से लगा लिया. वो काफी दुःखी लग रहा था. कारण भी था... उसकी प्यारी श्रद्धा, घर छोडकर और उसे छोड कर चली गइ थी हमेशा हमेशा के लिए. उसने टेबल पर पडी अपनी शादी कि तसवीर उठाई और श्रद्धा को याद करके कहा-"प्लिज श्रद्धा मुझे माफ कर दो, मुझसे बोहोत बडी गलती हो गई. मुझे माफ कर दो... प्लिज वापस आ जाओ...प्लिज!" ये सब बोलते वक्त उसकि आंखो से आंसू बह रहे थे. लेकीन उन आंसुओ कि अब कोई किमत नही थी, क्योकी रवी ने जो श्रद्धा के साथ किया था वो माफी के लायक नही था.

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प्यार कि परिभाषा - 1

जब भावनाये सच्ची और निस्वार्थी हो...तो कोई भी रिश्ता निभाया जा सकता हैं. ...और पढ़े

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