वो पहली बारिश

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अगर किस्से कहानियों की माने तो बारिश वो साधन है, जो मुश्किल सी मुश्किल प्रेम की नैया को पार लगा दे, पर वहीं हमारे ध्रुव की माने तो बारिश प्यार को बढ़ाती नहीं मिटाती है। ऐसी ही एक बारिश में ध्रुव की जिंदगी में दस्तक देती है, परेशान सी निया। क्या निया ध्रुव की बातों को मान, बारिश को कसूरवार ठहराएगी या ये बारिश उनकी जिंदगी में कुछ अलग उथल पुथल मचाएगी।

Full Novel

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वो पहली बारिश - भाग 1

वो पहली बारिश कहानी है ध्रुव और निया की। ध्रुव जिसे पहली बारिश को कोई शिकायतें लेकर है, निया जिसे किसी भी बारिश से ज्यादा अपने प्यार की फ़िक्र है। "सिमरन.. यार बारिश वारिश को छोड़.. अंकित पता नहीं ठीक है भी या नहीं, फोन ही नहीं उठा रहा यार वो मेरा, मुझे मिलना ही होगा आज उससे।", निया अपनी बिल्डिंग से बाहर निकलते हुए बोली। वहीं दूसरी ओर बिल्डिंग में जाता हुआ ध्रुव फोन पे बोल रहा था, "मैं तेरे लिए बहुत खुश हूं, इसलिए कह रहा हूं, आज बाहर मत निकलियो बिलकुल भी। थोड़ी देर में तेज़ बारिश आने.... ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 2

अंकित के जाने के बाद निया कुछ देर तक वहीं बैठी रहीऔर आखिरकार जब उसने उठ कर वहां से की हिम्मत करी तो देखा की जैसे कयास लग रहे थे, वैसी ही तेज़ बारिश बाहर आ रही थी।बाकी लोग जहाँ उस बारिश के मज़े ले रहे थे, वहीं निया बिना कुछ सोचे बारिश में बिन छाते के ही अपने घर की और रवाना हो गई।अपनी इस हालत के लिए बारिश को कोसते हुए कुछ दूर चली ही थी कि उसका पैर मूड गया और वो गिर गई।पहले से ही काफी परेशान निया पर, बारिश अचानक से बढ़ने पे और ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 3

“तू देखिओ वो कल शाम से पहले ना सॉरी बोलते हुए कॉल करेगा। मैं जानती हूं ना अंकित को, कभी गुस्से में कुछ कह देता है, पर बाद में माफी मांग लेता है”, निया फोन पे अपनी सहेली सिमरन से बोलती हैं। वैसे तो उसे सिमरन को बताना था, कि सब ठीक जाएगा, पर ऐसा लग रहा था की जैसे वो खुद से कह रही थी, की सब ठीक है।“यार.. दिन ही खराब था मेरा कल, ये तो जो हुआ सो हुआ उसके बाद एक पागल मेरे पीछे पड़ गया, पता नहीं कैसे कैसे ठग हो गए आजकल..." निया अभी ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 4

"क्या मुसीबत है ये, जिसके लिए यहाँ वाले प्रोजेक्ट में आई, वो तो मेरे आते ही, मुझे छोड़ कर गया । अगर मुझे पता होता तो ऐसी बेवकूफी कभी नहीं करती", ऑटो से उतरती हुई निया, खुद से बोल रही होती है। वो गेट से अंदर पहुंचती ही है की उसे पता लगता है की यहाँ उसके पुराने ऑफिस वाला कार्ड नहीं चलेगा। "अरे भैया.. देखो ना, असली कार्ड है, ऑफिस तो सेम ही है ना, खोल दो अभी, वरना मुझे लेट हो जाएगा, मैं आज ही नई आई हूं", निया गार्ड भैया से कहती है, पर अपनी नौकरी के लिए ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 5

"ओए.. तुमने तो बताया भी नहीं, की तुम आते ही बड़े कांड कर के आई हो।", निया की नई वाली सहेली ने उनके कॉफी के लिए जाते टाइम पूछा। "कांड.. मुझे तो सच में समझ ही नहीं आ रहा की ऐसा भी क्या कर दिया है मैंने।" "कोई ना.. कोई ना.. थोड़े दिन रुक जाओ तुम, फिर सब पता लग जाएगा।" "ऐसा भी क्या ही है?" "वो क्या है ना.. ओह.. ध्रुव..तुम.. बड़े दिन बाद दिखे हो, कैसे हो?" वो सहेली वहाँ आए ध्रुव को देखते हुए बोली।"मैं ठीक, आप सुनाओ कैसे हो? काम ठीक चल रहा है?" ध्रुव ने उससे पूछा। "हम्म.." ध्रुव ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 6

"ओए.. तूने फिर से सब गंदा करके रखा है, क्या यार निया, सफाई कर ले कुछ, और तू पागल है क्या? रात को मैंने देखा की तू आइसक्रीम का पूरा टब उठा कर घूम थी, और अभी वो टब खाली पड़ा है", रिया सिंक में रखे खाली डब्बे की और इशारा करते हुए बोली। "मेरी आइसक्रीम.. मेरी मर्जी", कमरे से बाहर निकलते हुए निया ने जवाब दिया। "हां.. क्यों नहीं, पर इस घर में मैं भी रहती हूं, और अगर तू कम से कम घर साफ़ नहीं रख सकती, तो तू जा सकती है यहां से।" "शाम को आकर करदूंगी।" ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 7

ध्रुव और निया दोनो लिफ्ट से उतर कर अपने अपने घर जा ही रहे थे, की निया को याद की उसकी चाबी ऑफिस में ही रह गई है। "ओह नो.. " "क्या हुआ?", निया की आवाज़ सुन कर ध्रुव ने पूछा। "मैं अपनी चाबी ऑफिस में अपने डेस्क पे ही भूल गई, अब दोबारा अंदर जाने देंगे?" "अ..अ.. शायद नहीं, पर एक बार बेल बजा कर देखो, क्या पता रिया अंदर ही हो।" "हां, ट्राइ करती हूं।", निया बेल बजाती है, पर जब कुछ देर तक कोई नहीं आता है, तो पीछे खड़ा हुआ ध्रुव, निया के पास आता है, और बोलता है, "रिया ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 8

"हाय.. गुड मॉर्निंग", अपने डेस्क पे काम करती हुई चंचल को विश करते हुए निया अपने डेस्क पे पहुंचती तो देखती है की वहां एक डब्बा पड़ा था, जिसपे एक चिट लगी थी।"आपको ये कल अच्छे लगे थे ना, तो मैं और लाई हूं, खा कर बताएगा की कैसे है!!""मुझे क्या अच्छा लगा था?", निया खुद से बोल कर ऊपर की ओर देखती ही है, कि इतने में उसके सामने एक लड़की छोटी सी शक्ल बनाए खड़ी दिखती है। "इसे कहीं तो देखा था, पर कहां, याद नहीं आ रहा, लेकिन ये मुझे ऐसे क्यों देख रही है? ओह ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 9

"मुझे पता है, की मैं ये पहले बोल चुकी हूं, पर फिर भी मैं तुम्हे याद दिलाना चाहती हूं, मैं भी अब तुम्हारी पहली बारिश कमिटी का हिस्सा हूं। तो तुम मुझे बता सकते हो कुछ भी हो तो।" सुबह सुबह ऑफिस की लिफ्ट में मिले ध्रुव को निया बोलती है। "ठीक है", सामने से ध्रुव जवाब देता है। निया और ध्रुव इक्ट्ठे अपनी सीट पे पहुंचे, और बिना देर करते हुए, निया ने फट से ध्रुव की सीट की तरफ़ ताका झाकी की, वहां आज भी एक बॉक्स पे पड़ा था, और कल जैसा एक नोट भी।निया देखने के लिए ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 10

"ये क्या लगा रखा है तूने?", ऑफिस से आते हुए ध्रुव और निया को जब कुनाल रास्ते में तो ध्रुव ने पूछा। "कुछ लगा हुआ है, क्या मेरी शर्ट पे.. यार जब भी मैं डबल आइसक्रीम संडे खाता हूं तो पूरी दुनिया को पता लग जाता है। पर रखा है, मैंने तेरे लिए भी.. तू फिकर ना कर।" कुनाल ध्रुव को हँसते हुए बोलता है। "मैं आइसक्रीम की बात नहीं कर रहा।" "तो फिर?" "तूने निया को क्या बोला?" "क्या बोला है मैंने?" कुनाल निया की तरफ़ देख कर पूछता है। "वो.. उस दिन जो सब.." "अच्छा.. वो उस दिन जो सब बोला था। एक मिनट.. ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 11

"हाय.. तुम्हें मेरे साथ काम करना था ना?", अपने डेस्क पे बैठी, लाल कॉलर वाली टी–शर्ट और ब्लू जींस निया को, उसके पीछे बैठे ध्रुव का मैसेज आता है। "हां करना तो था..", कुछ देर का समय लेकर निया ध्रुव को रिप्लाई करती है। वो कॉफी लेने के लिए उठी ही होती है,की पीछे से आते हुए ध्रुव धीरे से बोला, "मुझे हमारा प्रोजेक्ट – 1 मिल गया है।" "आ.. हा.. तो डरा क्यों रहे हो मुझे?" निया ने पीछे मुड़ते हुए बोला। "ब्लू हार्ट कैफे.. पहुंच जाना आज शाम में, ६:०० बजे तक।" ये बोलते ही, ध्रुव साइड से निकल गया। "ठीक है।", ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 12

अगले दिन सुबह निया दरवाज़े से कान लगा कर खड़ी थी। "ओए.. क्या हो गया है तुझे?", उसे यूं देख रिया ने पूछा। "मुझे? मुझे क्या ही होना है अब।" निया बोल ही रही थी की इतने बाहर दरवाज़ा पटकने की आवाज़ आई। ये सुनते ही निया ने साथ पड़े शू रैक से अपनी चप्पल उठाई और बाहर भागी। पर बावजूद इसके, जब तक वो बाहर आई, सामने वाली लिफ्ट बंद हो चुकी थी। उसने फट से फिर से नीचे जाने का बटन दबाया, पर लिफ्ट पहले ही 8th फ्लोर पे पहुंच गई थी। ये देखते ही, ध्रुव को पकड़ने के चक्कर में निया ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 13

अगले दिन मीटिंग में अपना अपना आइडिया बताने आई सुनील और चंचल की टीम में लगभग सब ही लोग चिंतित थे, आखिर होते भी क्यों ना, उनके अभी किए हुए काम पे, उनका अगला पूरा साल निर्भर करता था। "निया.. पहले तुम शुरू कर लो।", चंचल बोली। "चंचल ध्रुव कर लेता है शुरू, अगर कोई दिक्कत ना हो तो।", सुनील चंचल को टोकते हुए बोला। "ठीक है।", चंचल के ये बोलते ही, ध्रुव अपनी स्क्रीन शेयर करनी शुरू करता है, और प्रेजेंटेशन शुरू करता है। और हमेशा की तरह ध्रुव अच्छे से अपनी बात कह कर नीतू और सुनील दोनो की तारीफें बटोरता ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 14

मैसेज पढ़ते ही, निया फोन ध्रुव की तरफ़ फेंकती है। "मरावाओगे यार तुम?", निया ने बड़ी आंखों से देखते ध्रुव को बोला। "मेरी कमिटी के होनहार मेंबर, मैं तो सोच रहा था की ये काम तुम पुरी तरह से संभाल लोगी, और तुम हो की पहले ही डर गई।" "तुम सच सच बताओ, तुम्हें सुनील ने कहा है की ऐसे फसवा दो मुझे, पहले वो बकवास के टाइम और अब ये पहली बारिश के टाइम।" "हां.. बिल्कुल सुनील ने कहा है की तुम्हें फसवाऊ और खुद भी फस के ही लौट के आऊ, ताकी नौकरी जाए तो सबकी इकट्ठे जाए।", ध्रुव की इस ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 15

भागती हुई निया, ब्लूहार्ट कैफे पहुंची तो देखा, की एक सीट लिए नीतू वहां बैठी हुई थी। हाथ में लिए नीतू कुछ पढ़ ही रही थी, जब एक महिला, उसके कंधे पे हाथ रखते हुए हाय बोल कर, साथ आकर बैठ जाती है। जाऊ या इंतजार करूं की कश्मश में निया जब थोड़ी दूर खड़े होकर उन्हें निहार रही होती है, तो पीछे से ध्रुव आते हुए बोलता है। "क्या मैडम? फिर से भागने का इरादा है क्या?" "ना। अब ऐसी छोटी मोटी जगह नहीं भागना, अब तो सीधा मैराथन में ही भाग के दिखाना है।", निया ने मज़ाक के लहजे में जवाब ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 16

फटाफट से भागते हुए, कोने के टेबल की सीट लेते हुए निया सिमरन को फोन घुमाती है। "अब बता, सही में सच है, क्या??" "हां.. तू तो जानती है, ऐसे मज़ाक मैं कहां करती हूं।" "क्या वो.. सही में, ऐसे कैसे हो गया?" "ये तो नहीं पता कैसे। पर क्या पता तेरे ही वजह से हो।" "हां.. सही में", खिलखिलाते हुए फोन को हैडफोन से जोड़ कर निया बोली।"मैंने कहा था ना तुझे, थोड़ा पागल है ये लड़का, पर टाइम रहते अक्ल आ ही जाती है इसे", अपने फोन में अपनी और अंकित की फोटो को निहारते हुए निया बोली। "चल यार अब मुझे अब ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 17

"बस बहुत हो गया!! इस बार तो मैं कहीं नहीं भूलने वाला कुछ।", गुस्से में दरवाज़ा खोलता हुआ ध्रुव "हहमम..", कुनाल सुनते हुए बोला। "हहमम.. तू पूछेगा भी की क्या हुआ की ऐसे ही कुछ भी बोले जाएगा।" "मैं नहीं पूछूंगा, तो कौन सा तू नहीं बताएगा। कौन सी बात पे लड़ लिया आज, पुणे रहने की बात पे या काम की बात पे..." "वो नहीं यार.. ये निया है वो ना मुझे पागल कर देगी, पता नहीं कौन सी महुरत में मिली थी.. जब से मिली है परेशान ही कर रखा है।" "क्या किया निया ने??" "उसने आज तो हद ही कर दी, वो ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 18

"कहां है तू?" "घर पे, क्यों कोई और ऑर्डर आना है??", कुनाल के इतना बोलते ही ध्रुव फोन काट है। और खुद से बोलता है, "इसे तो मैं बताऊंगा।" "क्या हुआ?", निया कुनाल से पूछती है। "झूठ बोला उसने मेरे से!!, पता है, मुझे लगा तो था की कुछ गड़बड़ है, क्योंकि कल जब मैं आया, तो भी वो अंदर भाग गया, फोन के नाम पे, फिर बाद में रिया का पार्सल लिया उसने, पर देने मुझे भेज दिया, जो की कुनाल बहुत गप्पोडी है, ऐसे गप्पे मारने के मौके वो कभी नहीं छोड़ता। और अभी मुझसे झूठ भी बोल रहा है।" "कुछ तो ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 19

निया उस दिन के बारे में सोच ही रही होती है, की उतने में इसकी सहेली सिमरन का फोन जाता है। "कर दिया मैंने तेरा काम।" "है? कैसे?" "मैंने इस शनिवार को सबको यहां पार्टी प्लेस रेस्ट्रो में बुलाया है, २ बजे, सिवाय अंकित के।" "तो?" "उसे मैंने १:३० बजे बुलाया है।" "मतलब?" "मतलब बेवकूफ तू भी यहां १:३० बजे पहुंच जाइयो। और जब तक सब नहीं आते, आराम से उससे बातें करियों।" "अरे हां.. बहुत बढ़िया। मैं पहुंच जाऊंगी, तू बस उससे ख़बर लेती रहियो।" "हां.. उसकी चिंता तू ना कर।" सिमरन की ये बात सुन कर, निया का मन जैसे शांत सा हो गया। आखिर होता भी ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 20

डिनर से घर वापस आकर हॉल में बैठे हुए, निया रिया से बोली।"तुम्हें पता है, ध्रुव को लगता है, रिश्ते में कुछ गड़बड़ है।""हां, पता है। और ये भी पता है, की तुम लोग कुछ करने वाले हो, की इन दोनो के रिश्ते को तोड़ने के लिए।""हां.. पहली बारिश या बारिश के मौसम में बाहर ले कर आने वाले है।""अच्छा।""हां, तुम मनाओगी नहीं, पर ध्रुव को लगता है, की अगर सिर्फ़ पहली बारिश के बादलों की छाया भी इनपे पड़ गई तो इनका रिश्ता खत्म।""सही है।""सही है? तुम्हें लगता है, ऐसा सच में होगा?""ध्रुव के पास डाटा है, इसे ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 21

"तुझे पता है, मैं और ध्रुव, जब से मिले है, तब से तुझे तेरे उस राघव से बात करते सुन रहे है। और हमे सही में समझ नहीं आता, की आखिर क्यों तू इतनी पागल है उसके लिए, जो कोई और नहीं, बल्कि तेरी तेरी मम्मी से बात करने की बात पे भी लड़ लेता है, वो और क्या ही करेगा।" "वो लड़ नहीं रहा है, प्यार है उसका वो।" "यही तो गलतफहमी है तेरी, अच्छा सब बात छोड़, मुझे ये बता की पिछले एक महीने में, तेरे उस राघव ने कुछ भी ऐसा किया हो जिस से तुझे उसके प्यार ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 22

"निया... कैसी है तू?", निया से हफ्तों बाद मिली सिमरन उसे गले लगाते हुए बोली। लंबे काले बाल, गोल छोटा चेहरा, काली आंखें और उनकी शोभा बढ़ाते काजल और आई लाइनर, क्रीम टॉप और ब्लू जींस पहनी सिमरन इतनी खूबसूरत तो लग ही रही थी, की उन लोगों के आते ही कुछ पलो के लिए वो वहां बैठे सब लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी। पर लोगो पे ज्यादा ध्यान दिए बिना वो अंकित की और बढ़ी और उसको हल्का से मारते हुए बोली।"कहां था तू, इतने दिनों से, आ गई अब दोस्त की याद?" "पता है निया, इतने ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 23

"कौन.. कौन है वहां?", हल्का ज़ोर से बोलता हुआ ध्रुव जब वहां पहुंचा तो कुछ हिलता सा देख, वो से चिल्लाया, "आ.. आ।" "क्या हुआ.. ?", अपना खुले बालों को पीछे करते हुए निया बोली।"फिर मज़ाक कर रहे हो मेरे साथ?", निया चिड़ते हुए बोली। "मज़ाक.. तुम्हें किसी ने बताया है वैसे? तुम ना बड़ी सुंदर हो।" "हहह..??" "पर मेहरबानी कर के, ऐसे बाल खोल के अंधेरे में मत बैठा करो।", ध्रुव निया के सामने हाथ जोड़ते हुए बोला। मुस्करा करके, बड़ी सी सांस छोड़ कर हंसती हुई निया, अपने बाल बांधती है। "क्या बात है? आज बिना किसी बहस के ही बात मान गई?", ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 24

"आ.. आ..।" "बारिश में पानी ही गिरता है बस, पत्थर नहीं, जो तुम दोनों ऐसे चिल्ला रहे हो।", दोनो तरफ़ से आती हुई आवाज़ को सुन कर रिया कुनाल और निया से बोली। "ओह शट.. अब मेरे प्लान का क्या होगा?", ध्रुव खुद से बोलता है। "मुझे डेट करने वाले लोगो के साथ नहीं जाना, आज ही ये बोलना था क्या मुझे।", ध्रुव अपने माथे पे हाथ पटकते हुए बोला। "सुना नहीं तूने, बस पानी ही है, तो ज्यादा ओवरएक्टिंग मत कर।", ध्रुव को देख कर कुनाल मज़ाक में बोला। "चलो वहां बैठे", बारिश से भाग कर शेड के नीचे आते हुए, निया ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 25

"काट दिया फोन इसने, अगर बता देता की कहां जा रहा है, तो क्या चला जाता।", ध्रुव निया की देख कर बोला। "डेट पे गया होगा ना, और तुम डिस्टर्ब ना करो इसलिए नहीं बताया होगा।", निया ने फटाक से जवाब दिया। "हां.. वो तो मुझे पता है, कैब करके कहीं डेट पे ही गया है..एक मिनट.. कैब से गया है ना।" "हां.. अभी तुमने ही तो कहा।" "राइट", अपने फोन को टटोलते हुए ध्रुव बोला। "पता लग गया, वो कहां जा रहा है, उसके फोन में आई बीप की आवाज़ के बाद ही ध्रुव बोला। "कैसे?" "कुनाल की सारी कैब राइड्स मुझसे शेयर रहती ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 26

"फर्स्ट डेट वालों का टेबल??", कुनाल ने थोड़ी हैरानी से पूछा। "ये क्या चल रहा है, तुम दोनों मुझे का कष्ट करोगे?", कुनाल ने थोड़ा और उनकी तरफ़ बढ़ते हुए पूछा। "वो.. वो क्या है ना..", ध्रुव बोलने की कोशिश करता है। "वो हम.. हमने डेट करना शुरू किया है।", ध्रुव की बाजू को पकड़ी हुई निया, आँखें भींचते हुए बोली। निया के ये बोलते ही, ध्रुव उसकी तरफ़ मुंह मोड़ कर बड़ी बड़ी आंखों से देखता है। "ये कब.. आ..", ध्रुव बोल ही रहा होता है, की निया उसको चुटकी काटती है। "आ..आज ही हुआ ये सब", ध्रुव ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 27

"वो यार.. शिपी को चाहिए थे पैसे, वो घर बदल रही है, और उसका पुराना ऑनर इतना बेकार है,पहले पैसे ही नहीं दे रहा वापस।" "तो इसलिए तूने अपनी मम्मी से झूठ बोला?" "यार सॉरी.. इस बार संभाल ले बस, मैं कुछ दिन में वापस करदूंगा मम्मी को पैसे।" "आंटी को पैसे की नहीं, पर तेरी चिंता है। और मुझे भी तेरी चिंता है, तू उसे ऐसा कितना जानता है, जो उसके लिए ये सब कर रहा है।" "कभी कभी मदद करने के लिए बहुत ज्यादा जानना जरूरी नहीं होता। तू अपनी बारी भूल गया, रिया के एक फोन ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 28

कैब से उतर कर निया और ध्रुव दोनों एक पुराने से अपार्टमेंट के सामने जाकर खड़े हुए। पुराने सी हुई, नीली–सफ़ेद रंग की उस बिल्डिंग तरफ़ बढ़ कर निया बोली। "यहां है तुम्हारा घर?" "हां.. क्यों क्या हुआ?" "कुछ नहीं, बहुत पुराना सा लग रहा है।", उस अपार्टमेंट में लिफ्ट से चौथे फ्लोर पे जाते हुए निया बोली। "हां.. जब हमने लिया था, तब तो सही था, अब समय के साथ ऐसा हो गया।" "बचपन से यहां रहते थे हो?" "नहीं.. जब शुभम कॉलेज जाने लगा था, तो लिया था ये फ्लैट।" "शुभम?" "ओह.. मेरा बड़ा भाई।" "अच्छा।", निया ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 29

पोने दस बजे के आस पास ऑफिस पहुँची निया, अपने लैपटॉप में पिपीटी ढूंढ कर उसपे काम कर रही है, की तभी कॉफी का एक कप लेकर ध्रुव उसके पास आता है।इससे पहले की वो कुछ बोलता, चंचल भी वहाँ आ जाती है।“निया, सब तैयारी हो गई ?” कंप्युटर में कुछ कुछ करती निया से चंचल ने पूछा ।“येस मै"म.. लगभग सब हो गया है।" “मुझे कोई गड़बड़ नहीं चाहिए आज।"वेसे तो निया से कोई गड़बड़ नहीं होती है , पर आज चंचल की ये बात सुनकर वो अलग ही परेशान हो गई।समय होते ही नीतू और बाकी सारे ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 30

तय अनुसार वो चारों, पास ही के एक क्लब में पहुँचते है। “चार लोगों के लिए एक टेबल चाहिए कुनाल बाहर खड़े स्टाफ से पूछता है। “जी सर..”, वो उन्हें अंदर जाने को कहता है। वो चारों अंदर जाते है, तो वेटर उन्हें वहीं साइड में एक खाली टेबल पे बैठने को कह देता है। उन्हीं की तरह साइडो में टेबल लिए काफी लोग बैठे थे, और अगर शिपी की माने तो अंधेरे अंधेरे वाली उस जगह में, जहाँ अभी सिर्फ एक हरी और एक गुलाबी लाइट जल रही थी, वहाँ कुछ देर में सामने पड़ी खाली जगह में ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 31

“यार अच्छे फंस गए.. यहाँ तो, अब क्या जवाब देंगे इन्हें?”, ऑर्डर देने खड़ी निया ध्रुव से पूछती है।“पता पर तुम्हें नहीं लगता की हमारे पास ज़्यादा बड़ा हुक्कम का इक्का है। आई मीन रीलैशन्शिप वाले तो किसी भी दो लोगों का ब्रैकअप हो सकता है, पर शादी शुदा लोगों के लिए तो इतना आसान नहीं है।"“हाँ, कह तो सही रहे हो.. इतनी भी फिक्र करने की बात नहीं है। वैसे भी हम कौन सा सही में साथ में है।"“फिक्र नहीं.. मुझे तो खुशी है, इस बार का तो मेरा प्रमोशन पक्का।", ध्रुव खुश होकर बोला।“तुम वैसे भी इतना ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 32

“क्या?”, ध्रुव की मदद करने वाली बात सुन कर निया ने पूछा। “नीतू की फ्रेंड को मदद करने का किया था मैंने।" “हाँ.. मतलब मुझे सुनाई दिया की तुमने क्या कहा, पर तुमने ऐसा क्यों कहा?” “क्योंकि इसलिए ही मैंने पहली बारिश कमिटी बनाई है।" “आज ना तुम मुझे बता ही दो, की ये कमिटी है कहा?” “ग्रुप है एक व्हाट्सअप पे।" “और कोई जॉइन भी करता है ये?” “हाँ.. मतलब लोग अपने हिसाब से जॉइन करते है, और अपने हिसाब से छोड़ देते है।उसी ग्रुप में लोग एक दूसरे की मदद करते रहते है।" “फिर तुम.. मुझे सड़कों ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 33

निया और ध्रुव ने उसके बाद कुछ दिन ऐसे ही डेटा को देखने में निकाल दिए।“ये देखो.. इसे ध्यान देखो.. जिस जिस का भी ब्रेकअप हुआ है, वो सब बाहर ही कहीं मिले थे।", निया ने साथ बैठे ध्रुव से बोला।“हाँ.. क्योंकि किसी को भी अपने घर बुला के ब्रेकअप करना अजीब लगता होगा ना। कुछ और ढंग का ढूंढ के लाओ।", ध्रुव निया को समझाते हुए बोला।“ठीक है.. अभी तो मैं चलती हूँ, कुछ मिलता है तो बताती हूँ। वैसे तुम्हें याद है ना, कल से ऑफिस में हमे बैठ कर एक दूसरे की गलतियाँ निकालनी है, तो ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 34

“नहीं.. मुझे नहीं लगता, देखो यही हम सब के लिए अच्छा होगा। और मैं कौन सा तुम्हें अपने घर कर काम करने के लिए कह रही हो, जैसे अपने घर जाकर आराम करोगी, वैसे मेरे यहाँ आकर लेना और सुनील भी आज से कुछ दिनों तक ध्रुव के घर ही रुकेंगे, तो तुम्हें कोई भी दिक्कत नहीं होगी।", चंचल के ये बोलते ही निया फट से पीछे मुड़ कर ध्रुव की तरफ देखती है। ध्रुव और सुनील भी कुछ ऐसी ही बातें कर रहे थे, जिससे ध्रुव थोड़ा परेशान सा लग रहा था। हालांकि उनकी आवाज़ इतनी धीरे थी ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 35

“निया.. निया..” चंचल ये बोलते हुए निया के कमरे की तरफ बढ़ी तो निया ने भी फटाफट फोन काट चंचल..”“मुझे नींद नहीं आ रही, तो मैं सोच रही थी की कुछ काम खत्म कर लू, तुम्हें भी कुछ करना है? या कोई हेल्प चाहिए हो मेरी तो बताओ?”“अब इस टाइम भी काम कराएंगी क्या?”, निया दबी आवाज़ में बोली। "चंचल अगर आप बोर हो रहे हो तो, कोई फिल्म वगरह देख सकते हो ना, काम क्यों करना है?"“ह..ह.. वो भी है, तुम्हें पता है कोई, अच्छी सी मूवी?”“हाँ.. कई आई तो है नई.. मैं बताती हूँ।"“वैसे.. आई एम सॉरी.. ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 36

“ध्रुव, मैंने तुम्हें डिटेल्स मेल की है.. कल नीतू मै'म के बॉस आने वाले है, तो हमने कल के प्लांस शेयर किए है।"“हाँ.. मिस्टर दीवेश ना..”“तुम्हें पता है, वो अपने टाइम में कई बड़े बड़े अवार्ड्स जीत चुके है।"“हाँ.. सब पता है, उन्होंने कहाँ और कैसे अवार्ड्स जीते है।"“पर तुम्हें कैसे पता, ये बातें तो बस अभी ही हो रही थी अंदर।"“अ.. अ.. वो मैं तुम्हें बताने ही वाला था की...”“की?”निया के इस सवाल पे ध्रुव समझाता है की नीतू की फ्रेंड का कॉल आया था, और उसने उसे मिस्टर दीवेश के बारे में सब बताया है, क्योंकि वहीं ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 37

“क्या नीतू ने ही दीवेश से ब्रेकअप किया था?”, ऑफिस में मिली पहली ब्रेक में ही जब ध्रुव ने को सब बताया, तो निया ने सवाल किया।“हाँ।"“फिर वो उसे अब तक क्यों लेकर बैठी है?"“असल में दीवेश ने उसके बाद कभी भी उनसे बात नहीं की, वहीं दूसरी ओर नीतू जो ज़रोर छोड़ कर चली गई थी, वो कुछ समय बाद दोबारा यहीं वापस आ गई।पर तब तक दीवेश बाहर जा चुके थे, और उसके बाद नीतू ने बस इतना सुना है, की उनकी शादी हो चुकी है।"“और वो अभी भी ये सब लेकर बैठी है?”“लगता तो यही है।"“ओह.. ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 38

डिनर के लिए एक बड़ी सी टेबल लिए, सब लोग वहाँ बैठ कर अभी देख ही रहे थे, की क्या और ऑर्डर करे, की इतने ही सामने से दीवेश आता है, गोलाकर चेहरा, बड़ी चड़ी हुई बोहे, छोटी आँखें और कारीने से साइड किए हुए कालें छोटे बाल, और वही सुबह की तरह कुछ गुमसुम से हाव भाव लिए, वही सुबह वाला ही ग्रे रंग का सूट पहने हुए वो उस टेबल पे आया और सुनील के साथ बैठ गया।कुछ देर बाद जब डिनर कर के, वो लोग बाहर निकलने लगे तो निया को सिमरन का फोन आ गया।“ओए.. ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 39

अगले दिन सुबह मीटिंग में सब लोग बैठ कर अपने अपने काम के बारे में बता रहे थे, जब आते हुए नीतू बोली।“आई एम सॉरी लेट होने के लिए।"“कोई नहीं बैठिए..”, दीवेश के ये जवाब देते ही, नीतू के आगे पिछली रात हुई सारी बातें चलने लग गई।“कैसी हो?”“अब तुम्हारा समय बर्बाद नहीं हो रहा, ये सब पूछ कर।", दीवेश के इस सवाल पे रूखे अंदाज में नीतू ने जवाब दिया।“अच्छी सोसाइटी है ये, यहाँ घर तुमने लिया है, या तुम्हारे पति का था?”“किराये पे है।"“ओह.. हाँ उसकी अभी सैलरी इतनी नहीं होगी ना, की वो अभी यहाँ घर ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 40

“तो आपको लगता है, की उसके ये मार्क्स मेरी वजह से कम हुए है?”, चंचल की तरफ देखते हुए ने पूछा।“तुम्हारी वजह से ज्यादा, तुम्हारे लिए कम हुए है, ये लगता है। अब मुझे ये जानना है, की क्या तुम्हारी और निया से इस बारे में की कोई बात हुई है? कल नीतू और दीवेश आखिरी वाला पार्ट टेस्ट करेंगे, अगर उसमें भी कोई गड़बड़ छोड़ी है उसने, तो मुझे अभी बता दो।"“मुझे नहीं पता, निया ने मेरे लिए ये नहीं किया है। हमने तो पहले ही ये तय कर लिया था की हम ये सारी लड़ाई ईमानदारी से ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 41

मीटिंग खत्म होते ही निया बाहर निकल आई , और उसके पीछे पीछे बाहर आती हुई चंचल बोली।“निया.. एक मेरे साथ आओ, बात करनी है।"निया चंचल के पीछे मीटिंग रूम में जाकर मुँह लटकाए खड़ी हो गई।“फिक्र मत करो, मैं तुमसे दोबारा कुछ नहीं पूछूँगी, की क्या हुआ है और क्या नहीं।"“फिर?”, निया ने धीरे से बोला।“मुझे पता है, की तुमने अपनी तरफ से पूरी मेहनत करी थी, पर अब तुम्हें जाना पड़ रहा है, तो किसी भी बात को लेकर परेशान मत होना। मैं इस बात का ख्याल रखूंगी की तुम वहाँ जाकर भी हमारे ही किसी प्रोजेक्ट ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 42

“हहम्म.. ठीक है, जैसे भी हो, मुझे बता देना।", चंचल ने ये बोलते हुए फोन काटा ही था, की ने पूछा।“क्या हुआ है?”“एक मिनट..” सुनील को रुकने का कह के चंचल दोबारा से फोन करने लग जाती है।“हाय निया.. कैसी हो?”, चंचल ने फोन पे बोला।“.... ठीक है.. कोई बात नहीं।", चंचल की बातें सुन कर निया बोली।“क्या हुआ?”, निया के साथ खड़े ध्रुव, रिया और कुनाल ने आतुरता से पूछा।“कुछ खास नहीं, वो आहना है ना, मेरी टीममेट जो चंचल के साथ यहाँ रहने वाली थी, उसको किसी ईमर्जन्सी की वजह से छुट्टी लेनी पड़ रही है, तो ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 43

"तुम्हें उम्मीद है की ये सब सुनने के बाद भी, हम तुम्हें यहाँ रुकने देंगे?", सुनील ने निया से "ठीक है, तुम अभी हॉल में रुको, हम वो दूसरे कमरा साफ़ करके आते है।", चंचल निया को ये बोलते हुए, सुनील के साथ दूसरे कमरे में जाती है। "देखो.. वैसे भी रात बहुत हो गयी है, आज तो उसे यहाँ रुक जाने दो, फिर कल देखते है। तुम अपना सामान उठा कर, मेरे साथ ही आ जाओ, वैसे भी अब जब कम्पटीशन खत्म हो गया है, तो हमारा भी अलग रहना ज़रुरी है क्या?" ********************** "ओए.. क्या चल रहा ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 44

उठ कर अंदर डॉक्टर के कमरे में गई, निया उनसे कुछ बात कर थी थी, जब डॉक्टर ने चंचल कुछ इशारा किया।चंचल देख पा रही थी, की निया डॉक्टर से कुछ बात कर रही थी, और तभी डॉक्टर के कहने पे वो अंदर आई।"भाभी, आपको पता है, क्या कह रही थी ये मुझे।""नहीं.. क्या कहा निया ने?", चंचल ने डॉक्टर से जैसे ही पूछा, निया हैरानी से पीछे मुड़ी, एक शायद इसलिए क्योंकि चंचल उसके पीछे आ गई थी, और दूसरा इसलिए क्योंकि उस महिला डॉक्टर ने चंचल को भाभी कह के बुलाया था।"ये मुझे कह रही थी की ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 45

कुनाल ने ध्रुव को एक रेस्ट्रो का नाम मैसेज किया था, और वो वहीं बैठ कर ध्रुव का इंतज़ार रहा था। ध्रुव जब वहां पंहुचा तो उसे एहसास हुआ की वो रेस्ट्रो उन कुछ रेस्ट्रो में से एक था, जिसमें पैसे बढ़ने के बाद जाने की बात अक्सर वो दोनों करा करते थे। “वाह…. बड़े पैसे है इसपे ख़राब करने के लिए।”, ध्रुव अपने आप से बुदबुदाया। अंदर जाकर कुनाल को ढूंढते हुए ध्रुव उसके पास जाकर बैठा और बोला। “अब बता क्या हुआ है?”“कुछ नहीं… जो तुझे बताया था उतना ही हुआ है।”, अपने गिलास में से कुछ ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 46

“वो शायद मेरी ही गलती ही थी, की मैंने इसे ये सब कहा। मुझे नहीं पता था, की मेरी भी उस एक बात को ये इतने दिनों तक लेकर बैठा रहेगा।", शुभम ने आगे बोला।“तो तू क्या सचमुच में बचपन में बोली हुई शुभम की उस बात की वजह से पहली बारिश के इतने पीछे पड़ा रहता है?”, कुनाल ने अजीब तरीके से ध्रुव की तरफ देखते हुए बोला।“मैंने तुम सब लोगों को सबूत दिखाए है, की ये सच है, तो क्या फर्क पड़ता है, की किसने क्या बोला।", कुनाल की बात का जवाब देते हुए ध्रुव फटाफट से ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 47

तीन बाद वापस अपने फ्लैट आया हुआ ध्रुव, बैग रखते ही सबसे पहले निया के फ्लैट पे भागा।“हाय.. कैसा घर का दरवाज़ा खोलते हुए रिया ने ध्रुव से कहा।“ठीक हूँ.. तू बता? और निया.. वो कहाँ?”“मुझे लगा उसने कहा था, की उसने तुझे मैसेज कर दिया था।"“हाँ.. पर अचानक से..”“हाँ, वो उसकी टीममेट वापस आ गई थी ना, अपनी छुट्टियों से, और फिर सिमरन का भी फोन आ गया था, उसकी शादी इस महीने के अंदर अंदर हो सकती है ना..”“हाँ, ये सब तो निया के मैसेज में था।"“फिर तो क्या पूछना चाहता था, निया के बारे में?”“अ. अ. ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 48

“कहाँ हो?”“ऑफिस में।"“फटाफट नीचे आ जाओ।"“काम कर रही हूँ मैं।"“ठीक है फिर, मैं वहीं आकर बोल देता हूँ, जो कहना है।"“रुको.. आ रही हूँ मैं।", दीवेश की अधीरता का चिड़ कर जवाब देते हुए नीतू बोली और उसने अपनी डेस्क से उठ कर नीचे जाने की लिफ्ट ली।“यहाँ ऐसे क्यों बैठे हुए हो आप?”, दीवेश को देखते हुए नीतू ने पूछा।“बहुत फालतू टाइम है मेरे पास।"“हह?”"वो क्या है ना, तुम्हारे जाने के बाद जिसने काम संभाला है ना, वो बहुत अच्छा है अपने काम में, तो हर तरफ बस शांति ही शांति है।"“अच्छा.. अच्छी बात है।”, अपने दांत दबाते ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 49

नीतू और दीवेश गाड़ी में बैठ कर घर जा रहे थे, पर नीतू के दिमाग में अभी भी दीवेश बातें गूंज रही थी।दीवेश के गले लगने वाली बात पे, नीतू का दिल भी बहुत ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था, उसकी ही तरह नीतू का भी मन था, की वो आगे बढ़ कर दीवेश को गले लगा ले, पर इससे पहले की वो कुछ करती, दीवेश उसे सॉरी बोल कर गाड़ी में बैठ गया था। "सॉरी.. मैं पता नहीं क्या ही बोल पड़ा। चलो चले.. तुम्हें लेट हो जाएगा वरना।" "मुझे यहीं छोड़ दो.. मुझे कुछ समान लेना है।", ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 50

“ध्रुव.. कहाँ रुक गए थे तुम?”, अपने पीछे, घुटने पे बैठे ध्रुव को देखते हुए निया बोली।“अ.. अ.. जूते रहा था।", ध्रुव ने निया को देखते हुए धीरे से कहा।“पर तुमने तो चप्पल पहनी हुई है ना", उसकी चप्पलों की ओर इशारा करके निया बोली।“हाँ.. तो वहीं ना.. आदत से मजबूर होकर मैं जूते बांधने बैठ गया की तभी पता लगा, की मैंने जूते पहने ही नहीं, बताओ..”“अ. अ. मैं क्या बताऊ?”“यही की कितना पागल हो गया हूँ मैं।", ध्रुव फट से उठ कर निया की तरफ़ जाता हुआ बोला।“अ. अ. हाँ लग तो यही रहा है।", निया धीरे ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 51

“हाँ.. तुम्हारा जवाब हाँ है?”, ध्रुव ने लिफ्ट से निकलते हुए थोड़ा हैरान होकर पूछा।“अ. अ. अ.. वो..”, निया बोल ही रही होती है, की तभी एक लड़की आकर उसकी बात काटते हुए ध्रुव से बोली।“ध्रुव.. आप यहाँ।"“हाय अन्नू.. हाँ.. वो अपनी फ्रेंड से मिलने आया था बस..”, ध्रुव ने मुस्करा कर जवाब दिया।“हाय अन्नू..”, एक टक देखती हुई अन्नू को देखती हुई निया बोली।“अर्रे निया आप भी यहाँ?”, अन्नू ने हैरान होते हुए पूछा।“हाँ.. मेरी जिस फ्रेंड की मैं बात कर रहा था, वो निया ही है।"“ओह.. अच्छा। ध्रुव अच्छा हुआ आप यही मिल गए, आप जब भी ...और पढ़े

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वो पहली बारिश - भाग 52 - अंतिम भाग

“सॉरी यार.. फालतू तुम्हारे इतने चक्कर लगवा दिए।", कैब में अपने साथ बैठे ध्रुव को देख कर, निया बोली।“कोई ध्रुव मंद सा मुस्करा कर बाहर देखने लगा।थोड़ी देर में निया की बिल्डिंग के बाहर पहुंचे, तो ध्रुव निया की मदद करते हुए, लहंगे का बैग ऊपर तक ले गया।निया ने घंटी बजाई, तो सिमरन ने दरवाज़ा खोला, और धीरे से बोली।“हाय.. सॉरी, वो तुम्हें भी परेशान कर दिया।"“नहीं नहीं.. कोई नहीं।""अंदर आओ।", ध्रुव से लहंगे का बैग लेते हुए, सिमरन ने उसे थोड़ा साइड करके रख दिया।“आंटी कहाँ है?”, निया ने पूछा।“अंदर है, सफर से थकी हुई थी, तो ...और पढ़े

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