पहली कविता लिखता हूँ एक कविता लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में, ऐ मेरे वतन, तेरे उन जवानों के लिए। जिन्होंने अपना सीना चीर दिया गोलियों से, और नहीं आने दी तेरे आंगन में कोई दरार।। मुझे भी शौक था तेरी रक्षा करने करने का, पर साथ नहीं दिया इस शरीर ने। ऐ मेरे वतन तेरे उन जवानें को मेरा सलाम, जिन्होंने तेरे लिए अपनी कुर्बानी दी।। उन पहाड़ों और जंगलों में रहने का शौक था मुझे भी, पर क्या बताऊं मां ने मुझे कबूला नहीं। ऐ मेरे वतन तेरे जवानों को मेरा नमन, जिन्होंने तेरे लिए अपना बलिदान दिया।।
नए एपिसोड्स : : Every Wednesday
खिमुली काव्य - खंड-1
पहली कवितालिखता हूँ एक कविता लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में, ऐ मेरे वतन, तेरे उन जवानों के जिन्होंने अपना सीना चीर दिया गोलियों से, और नहीं आने दी तेरे आंगन में कोई दरार।। मुझे भी शौक था तेरी रक्षा करने करने का, पर साथ नहीं दिया इस शरीर ने। ऐ मेरे वतन तेरे उन जवानें को मेरा सलाम, जिन्होंने तेरे लिए अपनी कुर्बानी दी।। उन पहाड़ों और जंगलों में रहने का शौक था मुझे भी, पर क्या बताऊं मां ने मुझे कबूला नहीं। ऐ मेरे वतन तेरे जवानों को मेरा नमन, जिन्होंने तेरे लिए अपना ...और पढ़े