पंडित विभूति नारायण सर्दियों में क्षेत्र के यजमानों के पास आए थे। उन्‍हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी सांस चलने लगी थी वे ठीक से सो नहीं पाए थे । उनके यजमान पटेल साहब, उन्‍हें शहर के प्रसिद्ध डॉक्‍टर अहमद साहब के पास उन्‍हें ले आए ,वे सरकारी अस्‍पताल के इन्‍चार्ज / प्रमुख डॉक्‍टर थे पटेल साहब के परिचित भी थे । उन्‍होंने पंडित जी का परीक्षण किया ,उन्‍हें दवा लिख कर दी ,कुछ अस्‍पताल से दिलवाई । दो-तीन दिन बाद वे पुन:आए अब तकलीफ कम थी आराम था उन्‍हें डॉक्‍टर ढींगरा हृदय रोग विशेषज्ञ के पास भेजा गया, उन्‍होंने उनकी जांच की ई. सी. जी. किया, दो दिन बाद रिपोर्ट मिली, उन्‍होंने भी उन्‍हें स्‍वस्‍थ बताया ,अब वे ठीक थे।

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बद्री विशाल सबके हैं - 1

बद्री विशाल सबके हैं 1 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना पंडित विभूति नारायण सर्दियों में क्षेत्र के यजमानों के पास आए थे। उन्‍हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी सांस चलने लगी थी वे ठीक से सो नहीं पाए थे । उनके यजमान पटेल साहब, उन्‍हें शहर के प्रसिद्ध डॉक्‍टर अहमद साहब के पास उन्‍हें ले आए ,वे सरकारी अस्‍पताल के इन्‍चार्ज / प्रमुख डॉक्‍टर थे पटेल साहब के परिचित भी थे । उन्‍होंने पंडित जी का परीक्षण किया ,उन्‍हें दवा लिख कर दी ,कुछ अस्‍पताल से दिलवाई । दो-तीन दिन बाद वे पुन:आए अब तकलीफ कम ...और पढ़े

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बद्री विशाल सबके हैं - 2

बद्री विशाल सबके हैं 2 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना पटेल साहब सपरिवार पिता पत्‍नी बेटा ,डा. माथुर सपरिवार उनकी पत्‍नी श्रीमती डा. माथुर उनका बेटा -बेटी उनके पिता जी व उनके ससुर साहब व सास साथ थे ।इस तरह बीस- बाईस लोगों का ग्रुप चला बहुत सारा सामान साथ था । डा.अहमद के साथ उनकी पत्‍नी डा.शैलजा अहमद उनकी मां (डा. अहमद की सास) श्रीमती सुमंगला बनर्जी उनकी बेटी नईमा वह भी कॉलेज से आ गई थी ,बेटा कॉलेज टूर में गोवा गया था ।पहले तो रेल से जाना तय था फिर एक पूरी लक्‍जरी बस ...और पढ़े

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बद्री विशाल सबके हैं - 3

बद्री विशाल सबके हैं 3 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना तब तक श्रीमती डा.माथुर अंदर आईं वे हाथ में एक डिब्‍बा लिए थीं वे डिब्‍बा आगे बढ़ाते बोलीं ईद मुबारक एक एक ले लें अहमद साहब बोले-‘ सब लोग लें ।‘तो मिसेज डा. माथुर ने कहा-‘ अभी नहाया नहीं है, हम सब यहां गर्म पानी के कुंड में नहाने जाएंगे ,फिर मंदिर जाएंगे तभी कुछ खाएंगे जो आप कर रहे वही समस्‍या मेरे साथ है ससुर साहब हैं फिर पिताजी- माता जी हैं, अभी माता जी साक्षात काली माई बन जाएंगी-‘ डाक्‍टर बन गईं तो धरम करम ...और पढ़े

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बद्री विशाल सबके हैं - 4

बद्री विशाल सबके हैं 4 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना भीड़ ज्‍यादा नहीं थी सर्दी का समय था अत:कम लोग थे ।वे तनाव में आ गए । पंडा जी अतिव्‍यस्‍त थे थोड़ा समय मिलते ही डा. साहब के करीब आए धीरे से बोले –‘रिलेक्‍स डोन्‍ट बी टेन्‍स ।‘ वे थोड़ा सहज हुए ।पर संकोच में थे ।तब तक पंडा जी का बेटा उनसे बोला –‘सर डोन्‍ट बॉदर यहां कोई किसी को नहीं देखता सब अपने में डूबे हुए हैं ।आराम से खड़े हों हाथ जोड़ लें भगवान के दर्शन करें ।‘ तब तक डा. शैलजा अहमद ...और पढ़े

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बद्री विशाल सबके हैं - 5

बद्री विशाल सबके हैं 5 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना साजिद भाई की पत्‍नी को प्रसव होना था।‘ तो अहमद साहब बोले –‘ अब मैं बताता हूं । साजिद भाई की पत्‍नी को प्रसव होना था उन्‍हें ब्‍लड की जरूरत पड़ी उनका ब्‍लड ग्रुप निगेटिव था, किसी का ब्‍लड ग्रुप मिल नहीं रहा था, तो अपने पटेल साहब ने बीच में हस्‍तक्षेप कर कहा –‘मेरा देख लो,।‘ वहां बात चल रही थी –‘मायके वालों को बुलवा लो।‘ , वे सब इनकी बात पर हंस दिए।, पर डाक्‍टर ने कहा –‘ठीक है देख लेते हैं।‘ संयोग से मिल ...और पढ़े

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बद्री विशाल सबके हैं - 6

बद्री विशाल सबके हैं 6 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना बिब्‍बो उसकी ओर घ्‍यान से देख रही थी । मुस्‍करा दी । तो धीरू सम्‍हल कर सोच कर बिब्‍बो और नईमा की ओर देखकर बोला –‘बाजी! इट विल बी म्‍यूचुअल, हम एक दूसरे का बोझ उठाएंगे, अब ठीक है, न, एम आई राईट ?’ सब लोग हंस पड़े । नईमा बोली-‘ लड़के असली मौके पर ऐसे ही लड़खड़ा जाते हैं।‘ बिब्‍बो -अरे यार घबड़ाओ नहीं जबरदस्‍ती गले नहीं पड़ंूगी।‘ और जोर से हंस दी । पंडा जी का बेटा (निखिल)बोला-‘ सब लड़के नहीं लड़़खड़ाते मैं वायदा ...और पढ़े

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बद्री विशाल सबके हैं - 7

बद्री विशाल सबके हैं स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना धीरू ने लौट कर अपनी ड्यूटी ज्‍वाइन कर ली । मार्च के महीने में तीन –चार दिन की छुट्टियां पड़ीं । उसके साथी घूमने जा रहे थे ,उससे भी प्रस्‍ताव किया, वह तैयार हो गया ।सब जगह निश्चित नहीं कर पा रहे थे ,तो धीरू के प्रस्‍ताव पर सहमति बन गई। वे सब नौजवान थे नई नौकरी थी उस हिसाब से फूलों की घाटी पास थी उनकी सीमा में थी फिर धीरू हो आया था अत: सब दोस्‍त आश्‍वस्‍त थे। अभी मौसम खुशनुमा था सर्दी जा रही थी गर्मी आई न थी ...और पढ़े

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बद्री विशाल सबके हैं -8

बद्री विशाल सबके हैं 8 स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना लगभग दस पंदरह दिनों बाद पटेल साहब एक खुली जीप में जलूस के साथ नारे लगाती भीड़ के बीच विधायक का पर्चा दाखिल करने सड़कों पर निकले । अब वे विधायक उम्‍मीदवार थे चुनाव अभियान प्रारंभ हो गया। पटेल साहब का कॉलेज ही चुनाव कार्यालय बन गया ।कॉलेज का एक हिस्‍सा चुनाव के लिए खाली कर सुनिश्चित कर लिया गया । नेता जी के लिये वहां एक कमरा सुनिश्चित किया गया ।वे चुनाव संचालक थे।कॉलेज का सारा स्‍टाफ व विद्यार्थी भी लगे थे ।चूंकि फरवरी ...और पढ़े

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बद्री विशाल सबके हैं - 9

बद्री विशाल सबके हैं9 स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना आज कम्‍पाउंडर पाठक जी के यहां पंडा जी का न्‍योता था । सही समय पर पंडा जी, धीरू ,बिब्‍बो निखिल, और भी कई आमंत्रित लोग पहुंच गए यह आयोजन असल में डा. अहमद साहब की तरफ से था ।नईमा की नानी की इच्‍छा थी पंडा जी आए हैं तो उनका भोजन हम करवाएं । सारा खर्चा उन्‍हीं ने किया ।भोजन के उपरांत अहमद साहब आ गए। वे दूर खड़े रहे ,जब पता लगा भोजन हो गया सब ने हाथ धो लिए कुल्‍ला कर लिया तब पास आए वे इलायची एक ...और पढ़े

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