( एक खूबसूरत शर्मीले अध्यापक को उसके स्टाफ व छात्राओं द्वारा परेशान किए जाने की मनोरंजक दास्तान ) १ उसके अनुसार सारे दुखों की जड़ विवाह ही है । वह सोचता था - पहले गा बजाकर शादि करो फिर कोल्हू के बैल के समान बीबी बच्चों को पालने के लिए जिंदगी भर तिल तिल मरते रहो । अंत में बुढ़ापे मे तुम जिंदगी भर जिनके लिऐ पिसते रहो, वे ही बीबी बच्चे तुम्हारा रोज रोज अपमान करें । उधर बुढ़ापे में गंभीर बीमारियां इन्सान का हर पल महात्रासदायक बना देती हैं ।ं २ “थोड़ी देर में बारात के मार्ग में एक बड़ा गढ्ढा आया । घोड़ी उसे पार करने में हिचकती दिखाई दी । कुमार ने उसकी पीठ पर जोर से मारा । इस पर उसने छलांग लगा दी । किन्तु तभी घोड़ी व दूल्हा दोनों औंधे मुंह जमीन पर गिर पड़े । वह जोर जोर से रेंकने लगी । सब यह देखकर सन्न रह गए कि जिसे सब घोड़ी समझ रहे थे वह घोड़ी नहीं वरन एक गधी थी । आसपास के युवक व बच्चे जोर जोर से हंसने लगे । “
Full Novel
मुझे बचाओ !! - 1
(लड़कियों से) (मीटू पुरुष) ब्रजमोहन शर्मा (1) ( एक खूबसूरत शर्मीले अध्यापक को उसके स्टाफ व छात्राओं द्वारा परेशान जाने की मनोरंजक दास्तान ) १ उसके अनुसार सारे दुखों की जड़ विवाह ही है । वह सोचता था - पहले गा बजाकर शादि करो फिर कोल्हू के बैल के समान बीबी बच्चों को पालने के लिए जिंदगी भर तिल तिल मरते रहो । अंत में बुढ़ापे मे तुम जिंदगी भर जिनके लिऐ पिसते रहो, वे ही बीबी बच्चे तुम्हारा रोज रोज अपमान करें । उधर बुढ़ापे में गंभीर बीमारियां इन्सान का हर पल महात्रासदायक बना देती हैं ।ं २ ...और पढ़े
मुझे बचाओ !! - 2
(2) विवाह एक समस्याकुमार विवाह की बात तक करना पसंद नहीं करता था । श्यामा कुमार का विवाह करना थी I किन्तु कुमार दुनिया में दूसरे बुद्ध का अवतार था । वह संसार को दुख का समुद्र मानता था । उसके अनुसार सारे दुखों की जड़ विवाह ही है । वह सोचता था - पहले गा बजाकर शादि करो फिर कोल्हू के बैल के समान बीबी बच्चों को पालने के लिए जिंदगी भर तिल तिल मरते रहो । अंत में बुढ़ापे मे तुम जिंदगी भर जिनके लिऐ पिसते रहो, वे ही बीबी बच्चे तुम्हारा रोज रोज अपमान करें । ...और पढ़े
मुझे बचाओ !! - 3 - अंतिम भाग
(3) विचित्र बारात धन्ना व उसके रिष्तेदारों ने उनका स्वागत किया । सत्या (दूल्हे का मामा) ने धन्ना से दूल्हे की सवारी के लिए घोड़ी का इंतजार कीजिए । “ धन्ना बोला, “यहां दूर दूर तक घोड़ी नहीं मिल रही है । आप पैदल ही बाना निकाल लो । “ इस पर सत्या ने कहा, “ आपको घोड़ी का इंतजाम तो करना ही पड़ेगा,अन्यथा बाना नहीं निकलेगा । “ इस पर धन्ना के मित्र ने उसके कान में कुछ कहा और वे घोड़ी लेने चले गए । कुछ देर में वे एक घोड़ी लेकर लौटे । वह नाटी थी ...और पढ़े