यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित हैं, इस कहानी का मुख्य पात्र (ज़फ़र) यह एक काल्पनिक नाम हैं, उसकी दूर की नज़र हल्की भर कमजोर थी ,____कभी डर,कभी दर्द,कभी आहट, कितना कुुछ सिमट जाता इनकेे चारों तरफ जब यही आहटे सन्नाटे को चीरती हुईं बंद आंखों को खोलती हुईं, दिल की धड़कनों को तेेेज करती हुईंं ,डर के साथ सिमट जाती हैं।ज़फ़र एक मिडिल क्लास परिवार से था अपने परिवार का पेट भरने के लिए उसे दर बदर की ठोकरें खानी पड़ती थी__उसके पास उसके पिता की पुरानी स्कूटर थी जो कि खटारा हो चुकी थी,उसके पास इतना पैसा भी नहीं

नए एपिसोड्स : : Every Thursday

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खौफ - 1

यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित हैं, इस कहानी का मुख्य पात्र (ज़फ़र) यह एक काल्पनिक नाम हैं, दूर की नज़र हल्की भर कमजोर थी ,____कभी डर,कभी दर्द,कभी आहट, कितना कुुछ सिमट जाता इनकेे चारों तरफ जब यही आहटे सन्नाटे को चीरती हुईं बंद आंखों को खोलती हुईं, दिल की धड़कनों को तेेेज करती हुईंं ,डर के साथ सिमट जाती हैं।ज़फ़र एक मिडिल क्लास परिवार से था अपने परिवार का पेट भरने के लिए उसे दर बदर की ठोकरें खानी पड़ती थी__उसके पास उसके पिता की पुरानी स्कूटर थी जो कि खटारा हो चुकी थी,उसके पास इतना पैसा भी नहीं ...और पढ़े

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खौफ - 2

जैसा कि आप अध्यय१में पढ़ चुके हैं कि किस प्रकार से (ज़फ़र) के साथ जंगल में एक हादसा होता अब इसके आगे का भाग मैं लेेेेकर आईं हूूं_ಠಠ■-■ (ज़फ़र) कामयाब हो जाता है उस घने जंगल से बाहर निकलने मेंंजैसे तैसे अपने शहर अपने घर वापस आ जाता हैं,अपनी पत्नी अपने बच्चों से मिलता हैंजब वह आराम करने लगता हैैं तो वह अपने साथ हुए जंगल में हादसे को याद करता हैं थोड़ी देर आराम करने के बाद वह /फ़िर वह अपने दिनचर्या के अनुसार अपने सारे अधूरे काम करने के लिए काम करके के लिए जाता हैं और रात को ...और पढ़े

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