चूँ चूँ का मुरब्बा

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इस कहानी में पढ़िए - धनी परिवार की लड़की रूबी ने गरीब परिवार के लड़के रोमित को प्रोत्साहित कर उसे उसकी मंजिल तक कैसे पहुंचाया. कहानी - चूँ चूँ का मुरब्बा बरसात भी झमाझम बरसते बरसते थक कर थमने लगी थी . बारिश से बचने के लिए रोमित स्कूल से लौटते समय एक दुकान की शेड में रुका था. अब वह निकलने की सोच ही रहा था कि एक कार आ कर दुकान के सामने रुकी और एक लड़की उतर कर दुकान में गयी . पांच मिनट बाद

Full Novel

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चूँ चूँ का मुरब्बा - 1

भाग 1 इस कहानी में पढ़िए - धनी परिवार की लड़की रूबी ने गरीब परिवार लड़के रोमित को प्रोत्साहित कर उसे उसकी मंजिल तक कैसे पहुंचाया . कहानी - चूँ चूँ का मुरब्बा बरसात भी झमाझम बरसते बरसते थक कर थमने लगी थी . बारिश से बचने के लिए रोमित स्कूल से लौटते समय एक दुकान की शेड में रुका था . अब वह निकलने की सोच ही रहा था कि एक कार आ कर दुकान के सामने रुकी और एक लड़की उतर कर दुकान में गयी . पांच मिनट बाद ...और पढ़े

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चूँ चूँ का मुरब्बा - 2

भाग 2 पिछले भाग में आपने पढ़ा कि रूबी ने स्वयं आगे बढ़ कर से दोस्ती की और उसे समाचार पत्र में अपनी रचनाएँ भेजने के लिए प्रोत्साहित किया . अब आगे पढ़िए रोमित कैसे रूबी के बताये रास्ते पर आगे बढ़ा ..... कहानी - चूँ चूँ का मुरब्बा “ मेरे पापा के अच्छे कॉन्टेक्ट्स हैं , आपका काम हो जायेगा . “ “ जब तक अति आवश्यक न हो मैं किसी का एहसान नहीं लेना चाहता हूँ . “ “ आप मेरे घर का पता जानते हैं न , मान लें कोई आपसे मेरे घर ...और पढ़े

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चूँ चूँ का मुरब्बा - 3

भाग 3 अभी तक आपने पढ़ा कि रूबी ने रोमित की रचनओं को लोकल समाचार पत्र में प्रकाशित करने किस तरह सहायता की . अब आगे पढ़िए कैसे रूबी के पिता ने उसकी शादी के लिए उसकी पढ़ाई बीच में छुड़वा दी … भाग 3 कहानी - चूँ चूँ का मुरब्बा “ रूबी , मैं तुम्हारा कौन लगता हूँ जो इतना कुछ करती आई हो मेरे लिए ? मैं तुम्हारे एहसानों के तले इतना दब जाऊँगा कि तुमसे नजरें मिलाने में मुझे शर्म आएगी . “ “ प्लीज , ऐसा मत सोचिये . सपने तो ...और पढ़े

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चूँ चूँ का मुरब्बा - 4 - अंतिम भाग

अभी तक आपने पढ़ा कि रूबी की शादी अमीर परिवार में हुई . रोमित की भी शादी हुई . उसे कोई नौकरी नहीं मिल रही थी तो उसने पेट्रोल पंप पर नौकरी ज्वाइन की . आगे पढ़िए कैसे रूबी के प्रोत्साहन और समर्थन से रोमित ने अपना मुकाम हासिल किया …. अंतिम भाग 4 कहानी - चूँ चूँ का मुरब्बा इसी बीच रूबी के पिता दुग्गल साहब का निधन हो गया . सच ही कहा गया है कि विपत्ति कभी अकेले नहीं आती है . अभी रूबी पिता की मौत के सदमे से उबर ...और पढ़े

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