जब भी कोई बड़ी डकैती या चोरी की बात आती है तब लोगों की जिज्ञाषा प्रबल रूप से जाग उठती है. क्यूंकि भले ही डकैती या चोरी सामाजिकरूप से अस्वीकार्य कार्य रहे हो,, पर इसमें रहे जोखिम और साहसिकता के तत्व हंमेशा लोगों को आकर्षित करते रहे हैं. इसी लिए डकैती और चोरी की घटनाओं को प्रस्तुत करने वाली फिल्मे सदा सुपर हिट होती रही है. आज हम भी कोई ऐसी ही घटना से रूबरू होने जा रहे हैं, जो भारत के डकैती के इतिहास में एक अत्यंत साहसिक डकैती के रूप में दर्ज हो चुकी है.

Full Novel

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ट्रेन डकैती! भाग 1

जब भी कोई बड़ी डकैती या चोरी की बात आती है तब लोगों की जिज्ञाषा प्रबल रूप से जाग है. क्यूंकि भले ही डकैती या चोरी सामाजिकरूप से अस्वीकार्य कार्य रहे हो,, पर इसमें रहे जोखिम और साहसिकता के तत्व हंमेशा लोगों को आकर्षित करते रहे हैं. इसी लिए डकैती और चोरी की घटनाओं को प्रस्तुत करने वाली फिल्मे सदा सुपर हिट होती रही है. आज हम भी कोई ऐसी ही घटना से रूबरू होने जा रहे हैं, जो भारत के डकैती के इतिहास में एक अत्यंत साहसिक डकैती के रूप में दर्ज हो चुकी है. *************८ अगष्ट २०१६ ...और पढ़े

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ट्रेन डकैती! भाग 2

डकेती! बड़े ही साहसपूर्ण तरीके से किसी ने यह कारनामा कर दिखाया था. चलती ट्रेन को लूट लिया गया ये कैसे हुआ!? किसने किया!? कब किया!? सारे प्रश्न प्रश्न ही बनकर रह गए. किसी के उत्तर नहीं थे. सब की पेंट ढीली और खटिया खड़ी हो चुकी थी. पूरा केस चेन्नई क्राइम ब्रांच को सुप्रत कर दिया गया. अब तरह तरह की थियरी सामने आने लगी. पहली थियरी यह थी की सैलम से चेन्नई तक की ट्रेन की यात्रा के दौरान यह लूट को अंजाम दिया गया. पर ट्रेन के ऊपर पुरे छब्बीस हजार वाल्ट वाले तार थे. ऐसी ...और पढ़े

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ट्रेन डकैती! भाग 3

रेलवे पुलिस और क्राइम ब्रांच के अधिकारी पुरे दो साल तक इस केस में अपनी खोपड़ी खपाते रहे पर कुछ नहीं लग रहा था. आखिर में अमेरिका की नासा की मदद मांगी गई. नासा ने भी भारतीय पुलिस को इस डकैती की घटना को सुल्जाने में पूरी सहायता की और पुरे ट्रेन मार्ग की डकैती के दिन की सारी तस्वीरे उपलब्ध करवाई. तस्वीरों के अभ्यास से पता चला की यह लूट की घटना को सैलम से वृद्धाचेलम के बीच ही अंजाम दिया गया है. जिस डिब्बे में छेद किया गया था उस डिब्बे की छत पर पांच लोगों की ...और पढ़े

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ट्रेन डकैती! भाग 4 अंतिम

अब उन्हें ट्रेन के उस डिब्बे में घुसने की योजना बनानी थी. उनके पास यह तो पक्की जानकारी थी दो डिब्बों के ज़रिये रुपियों को ले जाया जाने वाला है. उसमे से एक में पुलिसवाले रहेंगे और एक डिब्बे को रुपियों से भरे बक्से रखकर सील कर दिया जाएगा. पर इस डिब्बे में घुसा कैसे जाये! ये बड़ा प्रश्न था. ट्रेन का वह डिब्बा सील होगा. और वह सील्ड डिब्बे में दाखिल होने के लिए उन लोगों के पास दो ही विकल्प रह जाते थे; एक तो डिब्बे का सील और लोक तोड़कर अन्दर दाखिल हुआ जाए या फिर ...और पढ़े

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