दी लॉक डाउन टेल्स इसके अंतर्गत देश व्यापी लॉक डाउन के समय की कुछ कहानियों का संग्रह है।। आज की पहली कहानी सौतन से छुटकारा आपके सामने है.....एक सरकारी विभाग में कार्यरत राजेश विभाग का संविदा कर्मी था, अपनी लगभग 40 से50 प्रतिशत सैलरी वह अपनी शराब पर उड़ा देता था। लेकिन इन सब के बाद भी अपनी बीवी और बच्चो से उसे बहुत प्यार था। मुझे याद है शायद ही कभी उसने अपनी बीवी या बच्चो पर हाथ उठाया हो जो कि एक शराबी के लिए बहुत ही आम बात है। इसके उलट राजेश अगर कभी बीवी बच्चो को
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दी लॉक डाउन टेल्स :कुछ खट्टी कुछ मीठी - 1 - सौतन से छुटकारा
दी लॉक डाउन टेल्स इसके अंतर्गत देश व्यापी लॉक डाउन के समय की कुछ कहानियों का संग्रह है।। आज पहली कहानी सौतन से छुटकारा आपके सामने है.....एक सरकारी विभाग में कार्यरत राजेश विभाग का संविदा कर्मी था, अपनी लगभग 40 से50 प्रतिशत सैलरी वह अपनी शराब पर उड़ा देता था। लेकिन इन सब के बाद भी अपनी बीवी और बच्चो से उसे बहुत प्यार था। मुझे याद है शायद ही कभी उसने अपनी बीवी या बच्चो पर हाथ उठाया हो जो कि एक शराबी के लिए बहुत ही आम बात है। इसके उलट राजेश अगर कभी बीवी बच्चो को ...और पढ़े
दी लॉक डाउन टेल्स :कुछ खट्टी कुछ मीठी - भाग 2 - सपनो का घर
विवेक दत्त के दो पुत्र श्याम और राधे थे। विवेक दत्त जी ज्यादा पढे लिखे नही थे लेकिन शिक्षा महत्व बखूबी समझते थे। इस लिये विवेक दत्त जी ने अपने दोनों ही बेटों को अपनी जी जान लगाकर पढाई करवायी थी। दोनों ही बेटे आज घर से दूर शहर में नौकरी में थे। दोनों ही बेटे घर से दूर जरूर थे लेकिन अपने पिता और माता जी से मिलने वे समय समय पर गाँव जरूर आया करते थे उनके लगभग सभी त्यौहार घर में ही मनता था। शहर में मनाते भी तो किसके साथ कोई अपना था भी तो ...और पढ़े