शाम होने को आयी थी | दोपहर से कभी तेज तो कभी हलकी हो रही बारिश अब थम चुकी थी | विनायक बाबू सुहानी शाम का मजा लेने बारिश थमते ही तुरंत अपने बिल्डिंग की छत पर पहुँच गए | आसमान अब साफ़ था | एक तरफ सूरज की लौ धीमे धीमे मद्धम होते हुए बुझती जा रही थी, दूसरी तरफ चाँद अपनी पूरी ताकत से जलने की कोशिश करते हुए सूरज की कमी पूरी करने को तैयार हो रहा था | विनायक बाबू ने प्रकृति की ये तस्वीर अपनी आँखों में कैद करते हुए एक ठंडी सांस भरी |

नए एपिसोड्स : : Every Thursday

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Ludo (Part 1)

शाम होने को आयी थी | दोपहर से कभी तेज तो कभी हलकी हो रही बारिश अब थम चुकी | विनायक बाबू सुहानी शाम का मजा लेने बारिश थमते ही तुरंत अपने बिल्डिंग की छत पर पहुँच गए | आसमान अब साफ़ था | एक तरफ सूरज की लौ धीमे धीमे मद्धम होते हुए बुझती जा रही थी, दूसरी तरफ चाँद अपनी पूरी ताकत से जलने की कोशिश करते हुए सूरज की कमी पूरी करने को तैयार हो रहा था | विनायक बाबू ने प्रकृति की ये तस्वीर अपनी आँखों में कैद करते हुए एक ठंडी सांस भरी | ...और पढ़े

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Ludo Part 2 (Final Part)

"अरे क्या हो गया ?" अभिजीत की चीख सुन घबराते हुए विनायक बाबू ने पूछा | "बाबा मैं जीत ! सामने वाले की 3 गोटियां पक गयी थीं, सिर्फ एक बची थी | और मेरी 3 बची थीं, उनमे से भी 2 तो घर से निकली भी नहीं थीं | फिर भी अंत में मैं जीत गया |" अभिजीत ने खुश होते हुए कहा | अभिजीत की चीख सुन कर घबराये विनायक बाबू ने पहले तो पूरी बात जानने के बाद सुकून की सांस ली | जी में आया कि इतनी सी बात पर इतना जोर से चिल्लाने के लिए एक फटकार ...और पढ़े

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