हर जिंदगी में सुख-दुःख, प्रेम घृणा, द्वेष-दया इत्यादि समस्त भावों से परिपूर्ण अनगिनत कहानियां सन्निहित होती हैं, जो वृहद ग्रन्थ का रूप ले सकती हैं।आसपास के जीवन की कहानियों को शब्दों में पिरोने की इच्छा काफ़ी समय से थी,पर मैं कथाकार नहीं, मात्र एक गृहणी हूं। सबसे पहले कथा मेरी माँ की। हम छह भाई-बहनों की मां।मात्र तीन वर्ष की आयु में नानी के स्वर्गवाशी होने के कारण विद्यालय का मुुंह भी न देखने के बावजूद स्वाध्याय से हिन्दी पढ़ना-लिखना सीख लिया था उन्होंने।तीन भाई दो बहनों के मध्य चौथे स्थान की मेरी माँ, 9-10 वर्ष की आयु में ही

Full Novel

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जिंदगी की कहानियां - मेरी मां

हर जिंदगी में सुख-दुःख, प्रेम घृणा, द्वेष-दया इत्यादि समस्त भावों से परिपूर्ण अनगिनत कहानियां सन्निहित होती हैं, जो वृहद का रूप ले सकती हैं।आसपास के जीवन की कहानियों को शब्दों में पिरोने की इच्छा काफ़ी समय से थी,पर मैं कथाकार नहीं, मात्र एक गृहणी हूं। सबसे पहले कथा मेरी माँ की। हम छह भाई-बहनों की मां।मात्र तीन वर्ष की आयु में नानी के स्वर्गवाशी होने के कारण विद्यालय का मुुंह भी न देखने के बावजूद स्वाध्याय से हिन्दी पढ़ना-लिखना सीख लिया था उन्होंने।तीन भाई दो बहनों के मध्य चौथे स्थान की मेरी माँ, 9-10 वर्ष की आयु में ही ...और पढ़े

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जिंदगी की कहानियां - 2 - उपहार

जिंदगी कभी कभी छोटी छोटी खुशियों के लिए तरसा कर रख देती है और कभी कभी जब उम्मीद बिल्कुल छोड़ देती है, तभी किस्मत अचानक से अभूतपूर्व उपहार प्रदान कर चोंका देती है। आज अन्या बेहद दुखी थी,रो-रोकर उसकी आँखें सूज गई थीं।सोहम ने फोन करके जब बताया कि उसके छोटे भाई अभय के यहां कल रात्रि में बेटी ने जन्म लिया है, तो वह आश्चर्यचकित रह गई क्योंकि बच्चा एक दिन में तो पैदा होता नहीं है।उसे तो छोड़ो, सोहम तक को इस बात का पता नहीं चल पाया।देवर अभय का विवाह ग्यारह माह पूर्व हुुुआ था, ...और पढ़े

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जिंदगी की...-3-सही गलत

घर के दरवाजे की घण्टी बजी।दरवाजा खोला तो देखा कि रंजना खड़ी थी, सूजी हुई आँखे बता रही थीं घण्टों रो चुकी थी।चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही थीं।रंजना को अंदर लाकर सोफे पर बिठाया एवं पानी का गिलास लाकर दिया।पानी पीने के कुछ देर उपरांत मैंने पूछा,"क्या बात है?काफी परेशान हो"।मैं उसके उत्तर की प्रतीक्षा करने लगी। कुछ देर बाद उसने बताया कि दो दिन पूर्व बेटी अनु का विवाह रितेश के साथ 8-9 लोगों की उपस्थित में कर दिया हमनेें। पांच लोग वेे आए थे, रितेश,उसके भाई भाभी एवं दो मित्र और हम ...और पढ़े

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