ये इश्क नहीं आसान

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हमारे समाज में अकसर लोग सच्चे प्यार को समझ नहीं पाते, या फिर ये कहे कि समाज उनको समझना ही नहीं चाहता, जभी तो सभी अमर प्रेम कहाँनी अधूरी रह जाती है। चाहे वो लैला मजनू की हो या हीर राँझे की,मगर हमारी ये प्रेम कहाँनी कुछ अलग है। जिसमें एक युवती अपने सच्चे प्यार को हासिल करने के लिए दुनिया के तौर तरीकों को अपनी कमजोरी ना बना कर अपनी ताकत बनाती है। और बेहद पेचीदा हालातों से होकर अपने सच्चे प्यार को हासिल करने की कोशिश में लग जाती है। अब देखना ये है की क्या वो अपना

Full Novel

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ये इश्क नहीं आसान - 1

हमारे समाज में अकसर लोग सच्चे प्यार को समझ नहीं पाते, या फिर ये कहे कि समाज उनको समझना नहीं चाहता, जभी तो सभी अमर प्रेम कहाँनी अधूरी रह जाती है। चाहे वो लैला मजनू की हो या हीर राँझे की,मगर हमारी ये प्रेम कहाँनी कुछ अलग है। जिसमें एक युवती अपने सच्चे प्यार को हासिल करने के लिए दुनिया के तौर तरीकों को अपनी कमजोरी ना बना कर अपनी ताकत बनाती है। और बेहद पेचीदा हालातों से होकर अपने सच्चे प्यार को हासिल करने की कोशिश में लग जाती है। अब देखना ये है की क्या वो अपना ...और पढ़े

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ये इश्क नहीं आसान - 2

ये तो साफ था के नील को रामा अनुज ने ही चुना था।जिसका सीधा सा अर्थ ये था कि योजना का डर परिणीता को हो रहा है। असल में उस डर के कारण वो उस योजना में फंस गई।दो हफ्ते बाद परिणीता नील से कोट मैरिज कर एक फार्म हाउस में हनीमून मनाने के लिए नील के साथ आ गई। रामा अनुज ने भी इस विवाह के विरुद्ध काफी सख्ती करने का ढोंग किया। ताकि परिणीता को इसका शक ना हो। अब शादी होने के बाद उनकी योजना का अंतिम भाग शुरू होता है। जिसके अनुसार नील और रामा मिल कर ...और पढ़े

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ये इश्क नहीं आसान - 3 - अंतिम भाग

अब नील का खेल शुरू होता है। वो एक दिन परिणीता के खाने में नींद की दवाई की ओवर मिला कर उसको खिला देता है। जिसे खा कर परिणीता मरने की हालत में पहुँच जाती है। तभी उसको नील उठा कर हॉस्पिटल ले जा कर उसकी जान बचा लेता है। और हॉस्पिटल में पुलिस से झूठ बोलता है। " परिणीता ने सभी नींद की गोली उसके सामने खाई थी। वही दूसरी ओर पुलिस को ये भी बोलता है। " ये उसने सुसाइड अटेम्पट नहीं किया बल्कि मुझे यकीन है। ये सब उसने गलती से किया। इसलिए उससे पूछताछ न ...और पढ़े

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