छोटी थी तब मां मुझे खिलौने देकर बैठा दिया करती थी और खुद को दूसरे कमरे मे बंद करके जाने क्या बजाती थी , पर वो जो भी था मेरे जैसी नटखट और शैतान बच्ची को शांत कर देती थी , पर उसकी धुन समझ मे नही आती थी , कि मां ऐसे डर कर छुप कर उसे बजाती है । अपने कपडों की आलमारी मे पुराने कपडों की तह के बीच मे छुपा कर रखती थी , कभी कभी खेल मे मै उसे निकाल लेती थी , तो मानो मां की जान ही निकल जाती थी । वो पसीने सै तर

नए एपिसोड्स : : Every Tuesday

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रहस्य - 1

छोटी थी तब मां मुझे खिलौने देकर बैठा दिया करती थी और खुद को दूसरे कमरे मे बंद करके क्या बजाती थी , पर वो जो भी था मेरे जैसी नटखट और शैतान बच्ची को शांत कर देती थी , पर उसकी धुन समझ मे नही आती थी , कि मां ऐसे डर कर छुप कर उसे बजाती है । अपने कपडों की आलमारी मे पुराने कपडों की तह के बीच मे छुपा कर रखती थी , कभी कभी खेल मे मै उसे निकाल लेती थी , तो मानो मां की जान ही निकल जाती थी । वो पसीने सै तर ...और पढ़े

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रहस्य - 2

तभी गुस्से मे पापा की कही बात अचानक दिमाग मे आकर अटक गई "15साल से इसे अपनी आँखों के झेल रहा था , तुमसे बरदाश्त नही हुआ जो उस हराम की इस दूसरी निशानी को भी सम्भाल कर रखा है। कौन किसे झेल रहा था ? मुझे ? पापा मेरी बात कर रहे थे और हराम कौन था ? आज मुझे सब सवालों के जवाब चाहिए थे मैने सुबकती माँ का कंधा छुआ ।वो पल्लू से आँसू पोछती हुई उठी ।छोटी थी तो माँ पुचकार कर गोद मे भर लेती थी , काश मै छोटी होती , काश ये ...और पढ़े

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