एक लड़का था। उसका नाम दाऊद था। वो बहुत ही भोला था। उसकी बुढी माँ मरियम उसको बहुत ही प्यार करतीं थीं। और उसका ध्यान रखती थी। वो लोग बहुत ही गरीब थे। दाऊद अक्सर अपनी मां से पैसे मांगा करता था। एक दिन उसने अपनी मााँ से पैसे मांगे और उसकी मां भी उसके रोज पैैसे मांगने के कारण तंग आकर कह देती है कि हमारे पैसे खुदा की बेंक में जमा है। तो दाऊद ने कहा कि माँ तुम बैंक से पैसे क्यु नहीं ले आती मुझे पैसे की बहुत जरूरत है। दाऊद इस बात को लेकर अपनी मां को

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खुदा की खोज - 1

एक लड़का था। उसका नाम दाऊद था। वो बहुत ही भोला था। उसकी बुढी माँ मरियम उसको बहुत ही करतीं थीं। और उसका ध्यान रखती थी। वो लोग बहुत ही गरीब थे। दाऊद अक्सर अपनी मां से पैसे मांगा करता था। एक दिन उसने अपनी मााँ से पैसे मांगे और उसकी मां भी उसके रोज पैैसे मांगने के कारण तंग आकर कह देती है कि हमारे पैसे खुदा की बेंक में जमा है। तो दाऊद ने कहा कि माँ तुम बैंक से पैसे क्यु नहीं ले आती मुझे पैसे की बहुत जरूरत है। दाऊद इस बात को लेकर अपनी मां को ...और पढ़े

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खुदा की खोज - 2

(पिछले भाग में आपने पढ़ा कि दाऊद अपनी नादानी में अपनी मां से अक्सर पैसे मांगता है और तंग उसकी माँ उसे कहती हैं कि वह खुदा से पैसे ले आये। और दाऊद खुदा की खोज में निकल पडता है। रास्ते में तुर्की का शहंशाह सिराज उसे अपने सवाल का जवाब खुदा से पूछने को कहता है। अब आगे...) बादशाह की इजाजत लेकर दाऊद अपने सफर पर फिर से निकल पडता है। उसे पूरा विश्वास है कि अगर मां ने कहा है कि खुदा उसे मिलेंगे तो वह जरूर मिलेंगे इस लिए वह बिना हार मानें खुदा की खोज रखता है। उसे ...और पढ़े

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खुदा की खोज - 3

भाग - 3 (पिछले भाग में आपने पढ़ा कि खुदा अपने दूतों को भेज कर दाऊद को अपने बुलवाते है। दाऊद खुदा को अपने समक्ष पाकर अपने दुख दर्द भूल जाता है। और यूंही कुछ दिनों तक खुदा उसे अपने पास रखते हैं और एक दिन उसे अपनी मां की याद आती है और दाऊद जाने की इजाजत मांगता है। खुदा उसे कुछ मांगने को या पूछने को कहते हैं। तब दाऊद अपने लिए कुछ मांगने के बजाय किले के बारे में पूछताा है और खुुदा कहते हैं कि वो अपनी बेटी की शादी करवा देें तो ऐसा नहीं होगा ...और पढ़े

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