जब भी मेरी नजर '८२ और '९० सालो के बीच मैंने शेरलॉक होम्स के बारे में लिखी टिप्पणियाँ और अभिलेखों के उपर पड़ती है, तब मेरा सामना ऐसी बहोत सी अजीब और दिलचस्प बातो से होता है जिसमे से किसका चुनाव करे किसे छोड़ दे ये मेरे लिये आसान बात नहीं होती। तथापि, उनमें से कुछ पहले ही अखबारों के द्वारा सुर्खियां बटोर चुकी है और शेष बाते एक ऊँचे ओहदे पे काम करने वाले मेरे एक मित्र के समक्ष वो विशेष वातावरण निर्मिति में असफल रही जो की अखबारों का उदाहऱण के तौर पर सन्दर्भ देने का मूल मानस होता हैl उनमें से कुछ उनके विश्लेषणात्मक कौशल्य से मन को चकरा देते है, और हमेशा करते रहेंगे जो या तो आख्यायिका है,

Full Novel

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पांच नारंगी गुठलियाँ - 1

जब भी मेरी नजर '८२ और '९० सालो के बीच मैंने शेरलॉक होम्स के बारे में लिखी टिप्पणियाँ और के उपर पड़ती है, तब मेरा सामना ऐसी बहोत सी अजीब और दिलचस्प बातो से होता है जिसमे से किसका चुनाव करे किसे छोड़ दे ये मेरे लिये आसान बात नहीं होती। तथापि, उनमें से कुछ पहले ही अखबारों के द्वारा सुर्खियां बटोर चुकी है और शेष बाते एक ऊँचे ओहदे पे काम करने वाले मेरे एक मित्र के समक्ष वो विशेष वातावरण निर्मिति में असफल रही जो की अखबारों का उदाहऱण के तौर पर सन्दर्भ देने का मूल मानस होता हैl उनमें से कुछ उनके विश्लेषणात्मक कौशल्य से मन को चकरा देते है, और हमेशा करते रहेंगे जो या तो आख्यायिका है, ...और पढ़े

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पांच नारंगी गुठलियाँ - 2

श्री होम्स, अंतमें इस मामले को खत्म करने के लिए और अपने धैर्य का दुरुपयोग न करने के लिए रात ऐसी आई जिसने उन्हें उन शराबी सैलियों में से एक बना दिया, जिससे वह कभी वापस नहीं आए । जब हम उनकी खोज पे निकले तो वे हमें एक खराब पूल में नीचे मिले जो बगीचे के ढलान पर स्थित था । किसी भी हिंसा का कोई संकेत नहीं था और पानी दो फीट गहरा था फिर भी जूरी ने उनके ज्ञात सनकीपन को याद रखते हुए 'आत्महत्या' का फैसला सुनाया। लेकिन मैं जानता हु की वह मृत्यु के विचार से किस दौर से गुजर रहे थे l मामला ख़ारिज हुआ और मेरे पिता को संपत्ति मिली और कुछ 14,000 पाउंड की पूंजी जो उनके नामसे बैंक में थी l ...और पढ़े

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पांच नारंगी गुठलियाँ - 3

हॉम्ज़ आख़री मुद्दे पे हंस दिए। “अच्छा,” उन्होंने कहा, “मैं अब भी कहता हु, जैसा मैंने तब कहा था, को अपने दिमाग़ की अटारी उस सारे असबाब से भर के रखनी चाहिए जिसका वो सम्भवित इस्तेमाल करने वाला हो, और बाक़ी का वो पुस्तकालय के कबाड़ख़ाने में रख सकता है जहाँ से वो उसे जब चाहे पा सके। अब, ऐसे केस के लिए जो आज रात हमें पेश किया गया है, हमें निश्चित रूप से चाहिए कि हम सारे संसाधन एकत्रित कर ले। कृपया, विश्वकोश का के॰ अक्षर उतार के मुझे दो, जो तुम्हारे पास की ताक़ पे पड़ा है। धन्यवाद। अब चलो हम परिस्थिति पर ग़ौर करते है और देखते है कि हम उससे क्या निष्कर्ष निकाल सकते है। ...और पढ़े

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