यादें...यादें...और यादें...। कितनी अजीब होती हैं न यादें...? कभी ब्लैक एण्ड व्हाइट, तो कभी सतरंगे इंद्रधनुष-सी रंग-बिरंगी...। वही यादें जो कभी तो जीने का संबल बन जाती हैं तो कभी वही यादें सारे मनोबल तोड़ भी देती हैं...। कभी हँसाती, कभी रुलाती, कभी सखी-सहेली सी सहलाती-गुदगुदाती, तो कभी बिल्कुल ही वर्स्ट एनिमी की तरह घाव पे घाव दे जाती यादें...। यादों का जंगल बड़ा निर्मोही होता है...। एक बार भटक जाओ इसके अंदर तो फिर निकलना...लगभग नामुमकिन...। या फिर एक रेतीले समुद्र सी यादें...हर कदम पर आधे शरीर तक धँस जाओ और फिर निकलने की जद्दोजहद में और धँसते चले जाओ...।

Full Novel

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यादें - 1

यादें...यादें...और यादें...। कितनी अजीब होती हैं न यादें...? कभी ब्लैक एण्ड व्हाइट, तो कभी सतरंगे इंद्रधनुष-सी रंग-बिरंगी...। वही यादें कभी तो जीने का संबल बन जाती हैं तो कभी वही यादें सारे मनोबल तोड़ भी देती हैं...। कभी हँसाती, कभी रुलाती, कभी सखी-सहेली सी सहलाती-गुदगुदाती, तो कभी बिल्कुल ही वर्स्ट एनिमी की तरह घाव पे घाव दे जाती यादें...। यादों का जंगल बड़ा निर्मोही होता है...। एक बार भटक जाओ इसके अंदर तो फिर निकलना...लगभग नामुमकिन...। या फिर एक रेतीले समुद्र सी यादें...हर कदम पर आधे शरीर तक धँस जाओ और फिर निकलने की जद्दोजहद में और धँसते चले जाओ...। ...और पढ़े

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यादें - 2

एक अजीब सी बेचैनी तारी हो गई थी मुझ पर...। क्या हो रहा होगा वहाँ...? काश, मैं तुम्हारे साथ वैसे तुम अकेले भी नहीं थे, अच्छा-खासा स्टॉफ़ गया था तुम्हारे साथ...और सबसे बड़ी बात, सचिन था तुम्हारे साथ...तुम्हारा बिजनेस-पार्टनर और पुराना दोस्त...। वैसे बड़ी चिढ़ होती थी मुझे उससे, याद है न...? अक्सर तुम्हारे साथ उसकी पार्टी का प्लान तभी बनता, जब मैं कोई अलग ही प्लान बनाए बैठी होती...। तुम ऐसे में कितनी मनुहार करते थे मेरी...जान, समझा करो न, प्लीज़...। तुम्हारे साथ तो मैं हर पल हूँ, कहाँ भाग जाऊँगा, पर वो बुरा मान जाएगा...। ...और पढ़े

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