चतुराई धरी रह गई

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चतुरसिंह के पिता का देहांत हो चुका था. उस ने अपने छोटे भाई कोमलसिंह को बंटवारा करने के लिए बुलाया, “बंटवारे के पहले खाना खा लेते है.” खाने परोसते हुए चतुरसिंह ने कोमलसिंह से कहा. कोमलसिंह ने जवाब दिया, “ भैया ! बंटवारा आप ही कर लेते. मुझे अपना हिस्सा दे देते.बाकि आप रख लेते. मुझे बुलाने की क्या जरुरत थी ” “नहीं भाई. मै यह सुनना बरदाश्त नहीं कर सकता हूँ कि बड़े भाई ने छोटे भाई का हिस्सा मार लिया,” कहते हुए चतुरसिंह ने भोजन की दो थाली परोस कर सामने रख दी.